चंडीगढ़: शहर में जहां कोरोना के नए मरीज आज भी मिल रहे हैं वहीं स्वास्थ्य विभाग चंडीगढ़ वैक्सीनेशन के मामले में अभी भी पीछे है. केंद्र सरकार द्वारा चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग को उम्र के अनुसार टारगेट दिया गया था. जबकि लाख कोशिशों के बावजूद लोग वैक्सीन लगवाने नहीं पहुंच रहे हैं. ऐसे में अगर चंडीगढ़ के 12 से 14 और 15 से 17 साल के बच्चों की वैक्सीनेशन की बात की जाए, तो आंकड़ा थोड़ा डगमगता हुआ नजर आता है. इस समय सेक्टर 16 के वैक्सीन सेंटर में वैक्सीन नहीं है.जिन सेंटर में वैक्सीन उपलब्ध है, वहां कोई लगवाने नहीं पहुंच रहा है.
केंद्र सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक चंडीगढ़ में 12 से 14 साल के बच्चों की संख्या 45 हजार बताई गई थी. जिन्हें वैक्सीन लगाया जाना था. वहीं 15 से 17 साल के 75 हजार बच्चों को वैक्सीन लगाई जानी थी. लेकिन मौजूदा समय की बात की जाए तो 12 से 14 साल के 45 हजार बच्चों में से सिर्फ 36 हजार 449 बच्चों ने ही अपनी पहली डोज ली है. ऐसे में सिर्फ 24 हजार 900 बच्चे ही अपनी दूसरी डोज ले पाए हैं.
उक्त डाटा के हिसाब से अभी तक 9 हजार 500 बच्चों ने अपनी पहली डोज भी नहीं ली है. वहीं सिर्फ 50 प्रतिशत बच्चे ही दूसरी डोज ले पाए हैं. वहीं अगर बात की जाए 15 से 17 साल के उम्र के बच्चों की, तो चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग को 72 हजार बच्चों को वैक्सीनेशन का टारगेट दिया गया था. लेकिन उनमें से 75 हजार 155 बच्चों द्वारा पहली डोज लगवाई गई. यह दिए गए टारगेट से 104.38 अधिक है.
सेंटर पर कोविड शील्ड वैक्सीन का स्टॉक दूसरी बार खत्म हो गया है. पढ़ें:haryana health budget 2023: हरियाणा की सेहत पर खर्च होंगे 9,647 करोड़, सुविधाएं बढ़ाने पर जोर
इस बढ़ते नंबर का कारण दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को भी बताया गया है. क्योंकि कुछ बच्चों को पहली बार कॉलेज में दाखिला लेना था. जिसके चलते चंडीगढ़ में वे वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंचे थे. वहीं 15 से 17 साल के 54 हजार 482 बच्चे ही अपनी दूसरी डोज पूरी कर पाए हैं. ऐसे में एक तिहाई हिस्से ने वैक्सीन पूरी नहीं की है. वहीं चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग द्वारा 12 साल से छोटे बच्चों को भी जल्द कोरोना वैक्सीन लगाने की बात कर रहा है.
चंडीगढ़ में 5 से 12 साल तक के करीब 75 हजार बच्चे हैं. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने छोटे बच्चों की वैक्सीन बनाने के लिए दो कंपनियों को मंजूरी दी है. वहीं कोर्बेवैक्स 5 से 12 वर्ष के बच्चों पर इस्तेमाल किए जाने की बात भी केंद्र सरकार द्वारा की जा रही थी. ऐसे में अंतिम फैसला भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा लिया जाएगा.
बता दें कि चंडीगढ़ प्रशासन का वैक्सीन का टारगेट पूरा करने के लिए बच्चों और अभिभावकों को वैक्सीन लगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया. इसके साथ ही 12 से 18 वर्ष के बच्चों को वैक्सीनेशन के बिना स्कूल व कैंपस में एंट्री नहीं दी जाने की चेतावनी भी दी गई. अब एक बार फिर वैक्सीन खत्म हो गई है. जनवरी महीने में केंद्र सरकार द्वारा कोविड शील्ड की 2 हजार के करीब वैक्सीन डोज चंडीगढ़ में भेजी गई थी.
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जिसकी मियाद 10 फरवरी को पूरी हो गई. जिसके बाद अब वैक्सीन एक बार फिर खत्म हो गई है. वहीं देखा गया है कि पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से लोग चंडीगढ़ बूस्टर डोज लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं. लेकिन उन्हें वैक्सीन विभाग द्वारा वापस भेजा जा रहा है. चंडीगढ़ के डिस्ट्रिक्ट इम्यूनाइजेशन अफसर डॉ. मंजीत सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है. ऐसे में हमारी टीमों द्वारा शुरुआती दौर में काफी मेहनत की गई थी.
जिसके बाद हम अपनी पहली डोज का टारगेट पूरा कर पाए थे. वहीं अब जब कोरोना के मामले कम हो गए हैं, तो अभिभावकों को लगता है कि वैक्सीन लगवाना जरूरी नहीं है. वहीं दूसरी बड़ी वजह यह भी है कि बच्चों की स्कूल में लगातार पढ़ाई और एक्टिविटी होने के कारण अभिभावकों को डर रहता है कि कहीं इसका असर बच्चे की पढ़ाई पर असर न हो. क्योंकि वैक्सीन लेने के बाद कुछ एक दिन तबीयत खराब हो सकती है.
हल्का बुखार और बाजू में दर्द जैसे कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं. जिसके कारण अभिभावकों में डर बना रहता है. वहीं पिछले कुछ समय से सेक्टर 16 में 12 से 14 उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीन नहीं है. क्योंकि लंबे समय से इस उम्र के बच्चे वैक्सीन लगाने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं. मौजूदा समय में बहुत ही कम लोग वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं. ऐसे में अगर मांग बढ़ती है, तो वैक्सीन मंगवाई जाएगी. वहीं 5 से 12 वर्ष के छोटे बच्चों की चंडीगढ़ में वैक्सीनेशन जल्द शुरू हो सकती है.