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भिवानी के खानक और डाडम में जल्द शुरू हो सकता है खनन कार्य, कृषि मंत्री ने दिए संकेत

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Published : Dec 24, 2022, 5:33 PM IST

हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही खानक व डाडम में खनन प्रक्रिया शुरू हो सकती है. इसके अलावा जेपी दलाल ने हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र (Haryana Assembly Winter Session) को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा.

Haryana Assembly Winter Session Minister JP Dalal attack on opposition
Haryana Assembly Winter Session: शीतकालीन सत्र से पहले बोले कृषि मंत्री, विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं, सुर्खियों में रहने के लिए वॉकआउट करता है विपक्ष

भिवानी: हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले कृषि मंत्री जेपी दलाल (Minister JP Dalal) ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष के लिए (Minister JP Dalal attack on opposition) सरकार ने कोई मुद्दा नहीं छोड़ा है. राज्य सरकार पारदर्शिता से काम कर रही है. विपक्ष केवल सुर्खियोंं में रहने के लिए वॉकआउट करता है. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की नीतियों के चलते लोगों के घर बैठे काम हो रहे हैं.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अब काम के लिए नेताओं के पीछे घूमने की प्रवृत्ति को खत्म कर दिया है. इस दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि किसी भी देश व प्रदेश की उन्नति के लिए सबसे पहले किसान की उन्नति होना ज़रूरी है. कृषि मंत्री जेपी दलाल अपने आवास पर जनता दरबार लगाकर लोगों की समस्याएं सुन रहे थे. इस दौरान कृषि मंत्री जेपी दलाल ने भिवानी के खानक व डाडम में जल्द खनन शुरू करवाने के संकेत दिए.

उन्होंने कहा कि वे जल्द ही सीएम मनोहर लाल से भिवानी में खनन शुरू करवाने की मांग को लेकर मुलाकात करेंगे. जिससे यहां के लोगों को रोजगार के अवसर मिल सके. कृषि मंत्री ने माना कि खनन बंद होने से 30 हजार लोगों के रोजगार ठप्प हैं. खनन शुरू होने पर रोजगार मिलने के साथ ही निर्माण सामग्री भी सस्ती मिलेगी. इसके अलावा जेपी दलाल ने हरियाणा में खाद की कमी पर प्रतिक्रिया दी. जेपी दलाल ने कहा कि स्वदेशी नैनो यूरिया एक बेहतरीन विकल्प है.

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कृषि मंत्री ने कहा कि हमारे देश में निर्मित कृषि उपकरण व अन्य उत्पाद विकसित देशों से भी उत्तम किस्म के हैं. नैनो यूरिया के छिड़काव के लिए अपने ही देश मे तैयार किया गए ड्रोन से किसानों को समय की बचत तो होगी ही. साथ में सुविधाजनक विकल्प भी है. इसके लिए सरकार द्वारा एचएयू में प्रशिक्षण देकर इसे खरीदने के लिए किसानों के लिए सब्सिडी व ऋण की व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति घटती जा रही है, इसलिए किसानों को नई तकनीक पर आधारित जैविक व प्राकृतिक खेती करनी चाहिए.

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