फरीदाबाद: पिछले लगभग 26 सालों से इनेलो में सक्रिय रहे हथीन से पूर्व विधायक केहर सिंह रावत ने इनेलो को अलविदा कर भाजपा का दामन थाम लिया है. भाजपा में शामिल होने के बाद पूर्व विधायक रावत ने ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत कर बताया कि आखिर उन्होंने इनेलो क्यों छोड़ी.
बीजेपी में शामिल इनेलो विधायक ने खोल राज, इसलिए INLD छोड़ रहे नेता
इनेलो और जीजेपी अलग-अलग होने के बाद हालत ज्यादा खराब हो गए थे जिस कारण उनके समर्थकों ने उनसे बीजेपी में शामिल होने का आग्रह किया था.
पूर्व विधायक केहर सिंह रावत
केहर सिंह रावत ने बताया कि पिछले काफी समय से इनेलो के अंदर मतभेद चल रहा था और चाचा-भतीजे के आपसी टकराव से इनेलो को नुकसान हो रहा था. इनेलो और जीजेपी अलग-अलग होने के बाद हालत ज्यादा खराब हो गए थे जिस कारण उनके समर्थकों ने उनसे बीजेपी में शामिल होने का आग्रह किया था.
पूर्व विधायक केहर सिंह रावत ने कहा कि वो हमेशा ही हथीन क्षेत्र की समस्याओं को उठाते रहे हैं और चाहे कोई भी सरकार हो वह हथीन की समस्याओं को दूर करने के लिए सदैव अग्रसर रहेंगे.
Intro:पिछले लगभग 26 सालों से इनेलो पार्टी में सक्रिय रहे हसीन से पूर्व विधायक केडी सिंह रावत इनेलो को अलविदा कर भाजपा का दामन थाम लिया है भाजपा में शामिल होने के बाद पूर्व विधायक किरण सिंह रावत ने ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत कर इनेलो को छोड़ने के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की
Body:केहर सिंह रावत ने ईटीवी भारत को को बताया की पिछले काफी समय से इनेलो पार्टी के अंदर जो मतभेद चल रहा था और चाचा भतीजे की आपसी टकराव से इनेलो पार्टी को नुकसान हो रहा था और इनेलो और जीजेपी अलग अलग होने के बाद हालत ज्यादा खराब हो गए थे जिस कारण उनके समर्थकों ने उनको आग्रह किया था कि आप को सरकार के साथ मिलना चाहिए या फिर उस पार्टी का दामन थामना चाहिए जिसकी सरकार हरियाणा में बन सके, वर्षों से इनेलो पार्टी के सक्रिय नेता के रूप में जाने जाने वाले केहर सिंह रावत ने लोकसभा चुनाव की हवा को पढ़ते हुए भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता दिल्ली में 25 मार्च को ग्रहण कर ली केहर सिंह रावत कि इनेलो छोड़ने के बाद पूर्व नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला उन पर आरोप लगाया था की रावत ने पहले भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन किया उसके बाद अपनी विधायक की सदस्यता को रद्द करने की पेशकश की लेकिन ईटीवी भारत पर केहर सिंह रावत ने अभय सिंह चौटाला के इस दावे को अधूरी जानकारी बताया है उनका कहना है कि उन्होंने पहले विधान सभा स्पीकर को अपनी विधायकी की सदस्यता रद्द करने के लिए पत्र भेजा उसके बाद जब उनकी विधायकों की सदस्यता रद्द हो गई तब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन किया आपको बता दें कि ये वो ही केहर सिंह रावत है जो भाजपा सरकार में हातिम की मांगों को लेकर 4 सालों में तकरीबन 4 बार भूख हड़ताल कर चुके हैं हैं इस सवाल पर पूर्व विधायक केहर सिंह रावत ने कहां की उन्होंने सदैव ही हथीन क्षेत्र की समस्याओं को उठाते रहे हैं और चाहे कोई भी सरकार हो वह हसीन की समस्याओं को दूर करने के लिए सदैव अग्रसर रहेंगे जब उनसे पूछा गया कि आने वाले विधानसभा चुनाव में उनका मुख्य मुकाबला किससे होगा तो उन्होंने कहा कि उनके मुकाबले में कोई नहीं है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने विकास के काम हथीन में की है एक तरफ भाजपा को अलविदा कह चुके पूर्व सिंचाई मंत्री हर्ष कुमार जिन्होंने 2014 में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर हथीन चुनाव लड़ा था जिसमें वर्तमान में भाजपा में शामिल हुए केहर सिंह रावत ने परास्त कर विजय हासिल की थी वह भाजपा की कहानियां लोगों को गिना रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए कि केहर सिंह रावत हथिनके लोगो को भाजपा की गुण बता रहे है इन सब से एक बात साफ हो जाती है की जनता नेता और सरकार के बारे में कुछ भी सोचे लेकिन नेता सिर्फ अपने फायदे के लिए सोचता है लोकसभा चुनाव के नजदीक आते आते हुए कई और फेरबदल हमें देखने को मिल सकते हैं
Conclusion:इनेलो छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हथीन के पूर्व विधायक केहर सिंह रावत के साथ 121
Body:केहर सिंह रावत ने ईटीवी भारत को को बताया की पिछले काफी समय से इनेलो पार्टी के अंदर जो मतभेद चल रहा था और चाचा भतीजे की आपसी टकराव से इनेलो पार्टी को नुकसान हो रहा था और इनेलो और जीजेपी अलग अलग होने के बाद हालत ज्यादा खराब हो गए थे जिस कारण उनके समर्थकों ने उनको आग्रह किया था कि आप को सरकार के साथ मिलना चाहिए या फिर उस पार्टी का दामन थामना चाहिए जिसकी सरकार हरियाणा में बन सके, वर्षों से इनेलो पार्टी के सक्रिय नेता के रूप में जाने जाने वाले केहर सिंह रावत ने लोकसभा चुनाव की हवा को पढ़ते हुए भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता दिल्ली में 25 मार्च को ग्रहण कर ली केहर सिंह रावत कि इनेलो छोड़ने के बाद पूर्व नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला उन पर आरोप लगाया था की रावत ने पहले भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन किया उसके बाद अपनी विधायक की सदस्यता को रद्द करने की पेशकश की लेकिन ईटीवी भारत पर केहर सिंह रावत ने अभय सिंह चौटाला के इस दावे को अधूरी जानकारी बताया है उनका कहना है कि उन्होंने पहले विधान सभा स्पीकर को अपनी विधायकी की सदस्यता रद्द करने के लिए पत्र भेजा उसके बाद जब उनकी विधायकों की सदस्यता रद्द हो गई तब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन किया आपको बता दें कि ये वो ही केहर सिंह रावत है जो भाजपा सरकार में हातिम की मांगों को लेकर 4 सालों में तकरीबन 4 बार भूख हड़ताल कर चुके हैं हैं इस सवाल पर पूर्व विधायक केहर सिंह रावत ने कहां की उन्होंने सदैव ही हथीन क्षेत्र की समस्याओं को उठाते रहे हैं और चाहे कोई भी सरकार हो वह हसीन की समस्याओं को दूर करने के लिए सदैव अग्रसर रहेंगे जब उनसे पूछा गया कि आने वाले विधानसभा चुनाव में उनका मुख्य मुकाबला किससे होगा तो उन्होंने कहा कि उनके मुकाबले में कोई नहीं है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने विकास के काम हथीन में की है एक तरफ भाजपा को अलविदा कह चुके पूर्व सिंचाई मंत्री हर्ष कुमार जिन्होंने 2014 में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर हथीन चुनाव लड़ा था जिसमें वर्तमान में भाजपा में शामिल हुए केहर सिंह रावत ने परास्त कर विजय हासिल की थी वह भाजपा की कहानियां लोगों को गिना रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए कि केहर सिंह रावत हथिनके लोगो को भाजपा की गुण बता रहे है इन सब से एक बात साफ हो जाती है की जनता नेता और सरकार के बारे में कुछ भी सोचे लेकिन नेता सिर्फ अपने फायदे के लिए सोचता है लोकसभा चुनाव के नजदीक आते आते हुए कई और फेरबदल हमें देखने को मिल सकते हैं
Conclusion:इनेलो छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हथीन के पूर्व विधायक केहर सिंह रावत के साथ 121
Last Updated :Mar 28, 2019, 7:29 PM IST