दिल्ली

delhi

G-20 Summit: महरौली स्थित पुरातत्व पार्क का हो रहा जीर्णोद्धार, कितना हुआ काम, देखें ग्राउंड रिपोर्ट

By

Published : Aug 3, 2023, 10:12 AM IST

Updated : Aug 3, 2023, 4:15 PM IST

दिल्ली में सितंबर में जी-20 की बैठकें होने वाली है. इसके मद्देनजर राजधानी के ऐतिहासिक स्थलों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है. एलजी वीके सक्सेना ने विकास कार्यों का जायजा भी लिया है. वहीं, जब ईटीवी भारत की टीम ने इन जगहों का दौरा किया तो यहां किसी भी तरह का कोई कार्य नहीं हो रहा था. पढ़िए पूरी रिपोर्ट...

Etv Bharat
Etv Bharat

महरौली पुरातत्व पार्क

नई दिल्ली:वीकेंड पर घूमने का प्लान बनाने वाले लोग जो पैसा खर्च कर किसी ऐतिहासिक धरोहर पर जाते हैं. वह फ्री में कुली खां का मकबरे से झील और फ्री में कुतुब मीनार का दीदार कर सकते हैं. फ्री में आप एक नहीं, बल्कि कई धरोहरों का दीदार कर सकते हैं. इसके लिए आपको टिकट लेने की जरूरत भी नहीं होगी. इसके लिए आपको दक्षिणी दिल्ली के महरौली स्थित पुरातत्व पार्क आना होगा. यहां पर दिल्ली सरकार की एएसआई कुली खां मकबरे पर संरक्षण कार्य करा रही है. जल्द ही इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा.

इसके ठीक सामने डीडीए नई झील का निर्माण कार्य करा रही है. यह झील कभी मेटकाफ बोट के नाम से जाना जाता था. कभी इस जगह पर अंग्रेज बोटिंग किया करते थे, लेकिन सालों साल बीतने के बाद यह जगह खराब होती गई. चूंकि जी-20 सम्मेलन नजदीक है, ऐसे में यहां विदेशी मेहमान भी आने वाले हैं. विदेशी मेहमान के लिए यहां नई झील का निर्माण कार्य तेज कर दिया गया है. झील के आधे हिस्से में पानी भी छोड़ दिया गया है और बाकी हिस्सों में धीरे धीरे पानी छोड़ा जाएगा. इसके बाद इस झील के चारों तरफ लाइट लगाए जाएंगे. साथ ही यहां पर फव्वारे भी लगाए जाएंगे. शाम और रात के वक्त यह झील आकर्षण का केंद्र बनेगा. इसके साथ ही साथ यहां पर एक कैंटीन भी विकसित की जा रही है.

एलजी ने लिया था निर्माण कार्य का जायजाः यहां बीते दिनों पहले दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना भी निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि महरौली पुरातत्व पार्क में चौथी बार आया हूं. यहां सुल्तान बलबन के मकबरे, मेटकाफ लॉज (दिल खुशा) और जमाली-कमाली मस्जिद के जीर्णोद्धार कार्यों का जायजा लिया. यह जानकर खुशी हुई कि राजों की बावली, जो अपने मेहराबों तक गाद और कचरे से भरी हुई थी, रिकॉर्ड समय में पूरी तरह से बहाल हो गई है.

सुरक्षाकर्मियों ने बताया कोई काम नहीं हो रहाःशनिवार को एलजी विनय कुमार सक्सेना महरौली पुरातत्व पार्क आए. उन्होंने जिन मकबरे, बावली के संरक्षण की बात कहीं. वहां ईटीवी भारत ने जायजा लिया. ईटीवी भारत सबसे पहले जमाली कमाली के मकबरे पर पहुंची. यहां किसी भी तरह का कोई संरक्षण कार्य नहीं हो रहा था. यहां बैठे सुरक्षाकर्मी ने बताया कि अभी कोई कार्य नहीं हो रहा है. हमने यहां कुछ जगहों पर ताले देखे, पूछने पर पता चला कि अंदर जमाली कमाली के मकबरे हैं. वहां किसी को प्रवेश नहीं दिया जाता है. यहां संरक्षण कार्य की सख्त जरूरत है. बरसात के पानी और रख रखाव नहीं होने से जगह जगह दीवारों से प्लास्टर झड़ गया है और दीवार काली पड़ गई है.

अब पहुंचे राजाओं की बावलीः जमाली कमाली के बाद हम राजाओं की बावली पहुंचे. यहां पर अंदर किसी भी तरह का कोई संरक्षण सौंदर्यीकरण का काम नहीं चल रहा था. यहां न ही एएसआई का कोई कर्मचारी मिला न ही कोई कारीगर. यहां तैनात सुरक्षाकर्मी ने बताया कि बावली का पानी का स्तर कुछ दिनों पहले बढ़ गया था, जो कि अब कम हुआ है. हमने जब कहा कि कोई काम नहीं चल रहा. सुरक्षाकर्मी ने इंकार कर दिया. जब हमने कहा कि शनिवार को यहां एलजी आए थे. उसने कहा हम उस दिन नहीं आए थे. दूसरे सुरक्षाकर्मी जो दोपहर का भोजन करने बाहर शहरी क्षेत्र में गए थे. उनसे पूछा तो पता चला कि एलजी आए थे, वह यहीं पर था. वे बोले कि दो बार उन्होंने एलजी को देखा. बिहार के रहने वाले इस सुरक्षा कर्मी ने बताया कि इस बावली पर फिलहाल कोई काम तो नहीं चल रहा. लेकिन बावली के पानी से थोड़ा कचरा हटाया गया. पानी के अगल बगल किसी को जाने की इजाजत नहीं है. डूबने का खतरा बना रहता है.

महरौली स्थित पुरातत्व पार्क

लोदी का मकबरा पर दिल्ली सरकार करा रही कार्यःराजाओं की बावली के ठीक सामने हमें एक मकबरा, गुम्बद दिखाई दिया. जब इस बारे में जानकारी यहां के लोकल लोगों से ली गई तो पता चला कि यह लोदी का मकबरा है. हालांकि, जब हमने यहां के सूचक बोर्ड पर देखा तो पता चला की यह एक मकबरा है. जिसे दिल्ली सरकार की एएसआई संरक्षित कर रही है.

दिल्ली सरकार ने काम किया तेजःमहरौली पुरातत्व पार्क में मुहम्मद कुली खां का मकबरा है. यहां संरक्षण कार्य दिल्ली सरकार की एएसआई करा रही है. यहां चारों तरफ लोहे की ग्रिल लगाई गई है. दीवारों पर नया प्लास्टर लगाया जा रहा है. जी 20 सम्मेलन से पहले इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा. इस मकबरे का निर्माण सत्रहवीं शताब्दी के आरंभ में मुहम्मद कुली खां के नाम पर किया गया. कुली खां मुगल बादशाह अकबर की धाय माहम अनगा के बेटे आधम खां का भाई था.

इस मकबरे को बाद में थॉमस थियोफिलस मैटकॉफ ने अपना सप्ताहांत मनाने में बदल दिया और इसे दिलकुशां कहने लगा. जहां पर मकबरा था उसे एक छत वाले बागीचे में बदल दिया गया जिससे होकर जल स्रोत बहते थे और कई बारांदरी बनाई गई जिसके अवशेष अभी भी मौजूद है. मकबरा ऊंचे चबूतरे पर बना है और बाहर से अष्टभुजाकार तथा भीतर से वर्गाकार है. अंदरुनी भाग अत्यधिक अलंकृत है जिसमें बारीक और चित्रित प्लास्टर किया गया है. बाहरी दीवारों पर गचकारी प्लास्टर के डिजाइन बने है तथा पूर्वी भाग में नीले, हरे और पीले रंगों के चमकदार टाइल्स के अवशेष हैं.

जमाली कमाली के मकबरे का जीर्णोद्धार

कौन था जमाली कमालीःजमाली एक संत और कवि थे, जो सिकंदर लोदी और हुमायूं के शासनकाल के बीच के माने जाते हैं. हालांकि मस्जिद का निर्माण लगभग 1528-29 में हुआ था, लेकिन हुमायूं के शासनकाल के दौरान पूरा हुआ था, जबकि कब्रों का निर्माण 1528 ई. में हुआ था. इसमें दो कब्रें हैं, एक को जमाली की माना जाता है, और दूसरी कमाली जिनकी पहचान अज्ञात है.तब से इस मकबरे को जमाली कमाली के नाम से जाना जाता है.

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग एएसआई दिल्ली

सुपरिटेंडेंट आर्कियोलॉजिस्ट प्रवीण सिंह ने बताया कि महरौली पुरातत्व पार्क में जमाली कमाली का मकबरा, राजाओं की बावली, सहित अन्य धरोहर पर संरक्षण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा. इसके लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि इसके अलावा यहां जगह जगह सूचक बोर्ड को संवारने का काम भी किया जा रहा है. जी-20 सम्मेलन को देखते हुए यह कार्य किया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः

Humayun Tomb : हुमायूं के मकबरे पर अब शुरू होगा संरक्षण कार्य, जल्द जारी होगा टेंडर

G 20 के नाम से जगमग हुए दिल्ली के ऐतिहासिक धरोहर

Last Updated : Aug 3, 2023, 4:15 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details