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दिल्ली के अस्पतालों में 5 प्रतिशत बेड डेंगू मरीजों के लिए रिजर्व, केजरीवाल सरकार का आदेश

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Published : Aug 2, 2023, 4:24 PM IST

दिल्ली सरकार ने डेंगू से लड़ने की कवायद तेज कर दी है. बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री ने आला अफसरों के साथ बैठक कर कई अहम निर्देश दिए. पढ़ें पूरी खबर...

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नई दिल्ली : दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सभी अस्पतालों के नोडल ऑफिसर और एमएस के साथ दिल्ली सचिवालय में बड़ी बैठक की. इसमें उन्होंने कहा कि फिलहाल के हालात को देखते हुए दिल्ली के सभी अस्पतालों में 5 प्रतिशत बेड डेंगू के लिए आरक्षित रखे जाएंगे. साथ ही मंत्री ने बैठक में डेंगू के रोकथाम को लेकर कई निर्देश भी दिए.

दिल्ली में डेंगू की स्थिति सामान्यःबैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने सभी अधिकारियों से उनके अस्पतालों की मौजूदा स्थिति के बारे में जाना. लगभग सभी अस्पतालों में डेंगू को लेकर तैयारियां चल रही हैं और सभी अस्पताल डेंगू से निपटने के लिए तैयार दिखे. हालांकि, बैठक में किसी भी अस्पताल के अधिकारी ने डेंगू को लेकर अभी तक कोई आपदा जैसी स्थिति का जिक्र नहीं किया.

अधिकारियों की जानकारी के अनुसार, दिल्ली में डेंगू को लेकर हालात बिल्कुल सामान्य हैं. बैठक के दौरान सभी अस्पतालों के अधिकारियों को पांच प्रतिशत बेड आरक्षित करने का निर्देश जारी. उन्होंने कहा कि अस्पताल में आने वाले बुखार के मरीजों की टेस्ट रिपोर्ट 6 से 8 घंटे के भीतर मंगवाई जाए, ताकि अगर मरीज डेंगू के बुखार से ग्रसित पाया जाता है तो तुरंत प्रभाव से उसका इलाज किया जा सके.

विभाग के पोर्टल पर डेंगू के मरीजों से संबंधित प्रतिदिन की रिपोर्ट भी दर्ज कराई जाएगी, जिससे दिल्ली में डेंगू के मरीजों की स्थिति का पता चल सके. इससे विभाग को हालातों का पता चलता रहेगा और किसी भी प्रकार की आने वाली आपदा से निपटने के लिए व्यवस्था समय से की जा सकेगी.

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अलग वार्ड की होगी व्यवस्थाःबैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डेंगू के मरीजों के लिए अलग से वार्ड की व्यवस्था की जाएगी. डेंगू एक ऐसी बीमारी है, जिसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या बहुत तेजी से गिरती है और इसकी वजह से मरीज की जान भी जा सकती है. यदि कोई मच्छर डेंगू के मरीज को काटकर किसी सामान्य व्यक्ति को काट ले तो उसको भी डेंगू होने का खतरा बन जाता है.

मंत्री भारद्वाज ने कहा कि अलग वार्ड होने से अस्पताल में जो मरीज अन्य बीमार और सामान्य बीमारी होने से भर्ती हुए हैं वो डेंगू के खतरे से बचे रहेंगे. डेंगू के लिए अलग वार्ड बनाकर वहां पर डॉक्टरों की और दूसरे नर्सिंग स्टाफ की तैनाती की जाए, ताकि डेंगू के मरीजों को सही समय पर पर्याप्त उपचार मिलता रहे. सभी डेंगू के मरीजों के बेड के चारों तरफ मच्छरदानी भी लगाए जाए ताकि कोई मच्छर डेंगू के मरीजों को काटकर किसी दूसरे मरीज तक ना पहुंच सके और डेंगू की बीमारी का आसानी से रोकथाम की जा सके.

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