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पुतिन ने आतंकी सूची से हटाने के दिए संकेत, तालिबान ने किया योजना का स्वागत

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Published : Oct 25, 2021, 7:32 AM IST

Updated : Oct 25, 2021, 7:59 AM IST

अफगानिस्तान में तालिबान शासन के मद्देनजर वैश्विक नेताओं के रूख पर पूरी दुनिया की नजरें हैं. तालिबान शासन को मान्यता देने को लेकर अमेरिका कह चुका है कि तालिबान को मान्यता देने को लेकर अमेरिकी प्रशासन किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं है. ताजा घटनाक्रम में रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने तालिबान को आतंकी सूची (Taliban removal from terror list) से बाहर करने के संकेत दिए हैं.

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मॉस्को :रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तालिबान को आतंकवादी सूची से बाहर करने के संकेत दिए हैं. तालिबान ने पुतिन के रूख का स्वागत किया है. तालिबान को आतंकी सूची से बाहर करने की संभावना के बारे में पुतिन की टिप्पणी के बारे में समाचार एजेंसी TASS ने जानकारी दी है.

दरअसल, पुतिन ने इंटरनेशनल वल्दाई क्लब (International Valdai Club) की एक बैठक में कहा कि तालिबान आंदोलन (Taliban) को आतंकवादी संगठनों की सूची से हटाना संभव (Taliban removal from terror list) है. रूस की समाचार एजेंसी TASS के मुताबिक पुतिन ने इस बात पर भी जोर दिया कि तालिबान को आतंकी सूची से बाहर किए जाने की पहल संयुक्त राष्ट्र के स्तर पर होनी चाहिए.

पुतिन ने कहा है कि रूस तालिबान को चरमपंथी समूहों की सूची से हटाने पर विचार कर रहा है. पुतिन ने कहा, 'हम सभी उम्मीद करते हैं कि तालिबान निस्संदेह अफगानिस्तान में स्थिति को नियंत्रित कर रहा है.' उन्होंने कहा कि तालिबान सुनिश्चित करेगा कि स्थिति सकारात्मक रूप से विकसित हो.

तालिबान पर पुतिन के रुख को लेकर अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहर बल्खी (Abdul Qahar Balkhi) ने रविवार को कहा कि इस्लामी अमीरात अफगानिस्तान का विदेश मंत्रालय रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की टिप्पणी का स्वागत करता है.

आतंकी सूची से नामों को हटाने के संबंध में पुतिन की टिप्पणी पर अब्दुल कहर बल्खी (Abdul Qahar Balkhi) ने कहा कि तालिबान आईईए नेताओं को काली सूची से बाहर करने (removal of names of IEA leaders from the blacklist) के बयान का स्वागत करता है.

तालिबान शासन में डिप्टी पीएम मुल्ला गनी बरादर व अन्य (फाइल फोटो)

तालिबान के प्रवक्ता ने ट्वीट कर लिखा कि युद्ध का अध्याय समाप्त हो गया है, विश्व के देशों को अफगानिस्तान के प्रति अपने संबंधों और दृष्टिकोण में सकारात्मक बदलाव लाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम पारस्परिकता के सिद्धांत पर (principle of reciprocity) आधारित अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सकारात्मक संबंध चाहते हैं.

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गौरतलब है कि गत अगस्त में तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया. इसके बाद उन्होंने सितंबर में अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात की अंतरिम सरकार की घोषणा की.

तालिबान अंतरराष्ट्रीय मान्यता के लिए जोर दे रहा है. हालांकि, विश्व समुदाय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि तालिबान को किसी भी मान्यता से पहले किए गए वादों को पूरा करना होगा.

(एएनआई)

Last Updated :Oct 25, 2021, 7:59 AM IST

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