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नोएडा में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने पर सिंचाई विभाग का अलर्ट

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Published : Aug 16, 2022, 8:22 PM IST

यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर को देखते सिंचाई विभाग के अधिकारी अलर्ट मोड पर हैं. वे जमुना के बढ़ते जलस्तर की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. नोएडा के याकूत्तपुर के बाढ़ नियंत्रण केंद्र पर तैनात सिंचाई विभाग के जेई संजीव कुमार ने कहा कि यमुना के किनारे बसे 10 से 15 गांव बाढ़ से प्रभावित होते हैं, लेकिन अभी तक ऐसा कोई खतरा नजर नहीं आ रहा है.

नोएडा में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने पर सिंचाई विभाग का अलर्ट
नोएडा में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने पर सिंचाई विभाग का अलर्ट

नई दिल्ली/नोएडा:नोएडा और एनसीआर में लोग अभी तक अच्छी बारिश के लिए तरस रहे हैं. वहीं यमुना नदी अपने बढ़ते जलस्तर के कारण उफान पर है और बाढ़ का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. गौतमबुद्ध नगर में यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण सिंचाई विभाग ने अलर्ट घोषित किया है और लगातार बढ़ते पानी की मॉनिटरिंग की जा रही है. फिलहाल नोएडा से लेकर ग्रेटर नोएडा तक कोई भी गांव बाढ़ की चपेट में नहीं आया है.

नोएडा में यमुना ओखला बैराज से प्रवेश करती हैं. आम दिनों में एक नहर के रूप में बहने वाली यमुना का जलस्तर, इन दिनों हरियाणा के यमुनानगर जिले में स्थित हथिनी कुंड बैराज से करीब 2.21 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की वजह से तेजी से बढ़ रहा है. जो दिल्ली से होते हुए नोएडा की ओर आ रहा है. दिल्ली में यमुना खतरे के निशान के पास बह रही है.

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जलस्तर बढ़ने पर सिंचाई विभाग का अलर्ट

यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर को देखते सिंचाई विभाग के अधिकारी अलर्ट मोड पर हैं. वे जमुना के बढ़ते जलस्तर की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. नोएडा के याकूत्तपुर के बाढ़ नियंत्रण केंद्र पर तैनात सिंचाई विभाग के जेई संजीव कुमार ने कहा कि यमुना के किनारे बसे 10 से 15 गांव बाढ़ से प्रभावित होते हैं, लेकिन अभी तक ऐसा कोई खतरा नजर नहीं आ रहा है. ग्रेटर नोएडा के मोमनाथल गांव में जलस्तर काफी बढ़ गया है और कुछ पानी खेतों में भी प्रवेश कर गया है, लेकिन स्थिति पर नज़र रखी जा रही है खतरे जैसी कोई बात नहीं है.

संजीव कुमार का कहना है कि हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया पानी अभी यहां नहीं पहुंचा है. मंगलावर शाम तक उसके यहां पहुंचने की संभावना है. ओखला बैराज से 52 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिसे आप यहां पर बहता हुआ देख रहे हैं. ऐसा ओखला बैराज पर इकट्ठा पानी को कम करने के लिए किया गया है, अभी किसी गांव को कोई खतरा नहीं है क्योंकि पानी गांव से दूर हैं. विभाग द्वारा पानी की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है और आवश्यक कदम भी उठाए जा रहे हैं.

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