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Navaratri 2021: मां के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा से ही संपन्न होते हैं शारदीय नवरात्रि

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Published : Oct 14, 2021, 10:12 AM IST

शारदीय नवरात्रि का आखिरी दिन 14 अक्टूबर यानी गुरुवार को है. इस दिन माता के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री सिद्धि की देवी है. मां की पूजा-अर्चना से भक्तों को सिद्धि की प्राप्ति होती है.

Worship of Siddhidatri who is the ninth form Goddess durga
Worship of Siddhidatri who is the ninth form Goddess durga

नई दिल्ली:14 अक्टूबर गुरुवार को मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी. इसके साथ ही नवरात्रि का पावन पर्व समाप्त हो जाएगा. मां सिद्धिदात्री जो सभी सिद्धियों को देने वाली देवी हैं. ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के नौवें दिन भक्त विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं. अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से ही भक्तों के सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मां अपने भक्तों को वह सिद्धियां प्रदान करती हैं.

प्राचीन झंडेवालान मंदिर के पुजारी अंबिका प्रसाद पंत ने ईटीवी भारत को बताया कि मां दुर्गा का नौवा स्वरूप सिद्धिदात्री हैं, जो सिद्धियों की देवी है. सिद्धिदात्री मां की पूजा से मोक्ष की प्राप्ति होती हैं. नवरात्रि में जो श्रद्धालु उपवास करते हैं, नौंवे दिन कन्या पूजन के बाद उनका उपवास पूरा होता है. मां भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करती हैं. आगे अंबिका प्रसाद ने बताया कि इस दिन को कन्या पूजन के लिए की खास माना गया है, अष्टमी के साथ-साथ कई लोग नौवें दिन कन्या पूजन करते हैं. नौवें दिन की पूजा में नौ कन्याओं को हलवे और चने का भोग लगाना चाहिए और पूरे विधि विधान से उनका पूजन करना चाहिए.

शारदीय नवरात्रि का आखिरी दिन 14 अक्टूबर यानी गुरुवार को है.

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इसके साथ ही सिद्ध पीठ कालकाजी मंदिर के महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बताया कि नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने के बाद अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. देवी सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना के बाद ही नवरात्रों में की गई पूजा सफल मानी गई है. यानी कि सिद्धिदात्री अपने भक्तों को आशीर्वाद स्वरूप सिद्धि देते हैं. इसीलिए वह सिद्धि की देवी है. भक्तों को पूरे विधि विधान और सच्ची श्रद्धा से मां सिद्धिदात्री का पूजन करके अपना अनुष्ठान पूरा करना चाहिए.

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