नई दिल्लीः नवरात्रि का पर्व देवी शक्ति मां दुर्गा की उपासना का उत्सव है. नवरात्रि के नौ दिनों में देवी शक्ति के नौ अलग-अलग रूप की पूजा-आराधना की जाती है. शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर से शुरू हो गए हैं. कलश विसर्जन 15 अक्टूबर को होगा. इन नौ दिनों में हर दिन माता को अलग-अलग चीजों का भोग लगाने का विधान बताया गया है. इन नौ दिनों में माता को प्रसन्न करके हर मुराद झट से पूरी कर लेना चाहते हैं, तो नवरात्रि में हर दिन के हिसाब से माता को उनकी पसंद का भोग लगाएं.
मां शैलपुत्री को आरोग्य की देवी माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति गाय के शुद्ध देसी घी का भोग माता को लगाता है, तो मां शैलपुत्री की कृपा से व्यक्ति को निरोग और खुश रहने का वरदान मिलता है. जो लोग मां ब्रह्मचारिणी से अपने लिए दीर्घायु का वरदान चाहते हैं, उन्हें मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग लगाना चाहिए.
मां चंद्रघंटा को दूध और दूध से बनी चीज़ों का भोग लगाया जाता है. ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन के हर दुख समाप्त जाते हैं. मां कूष्मांडा को मालपुए का भोग लगाने की परंपरा है. ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन विप्रजनों को मालपुए खिलाने चाहिए. ऐसा करने से बुद्धि का विकास होता है और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है.
मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाया जाता है. स्कंदमाता की पूजा करने से आजीवन आरोग्य रहने का वरदान मिलता है. मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाने से आकर्षण का आशीर्वाद मिलता है. मां कालरात्रि को गुड़ का भोग लगाया जाता है. माना जाता है कि गुड़ का भोग लगाने से आकस्मिक संकट से रक्षा होती है.
महागौरी की पूजा करते समय माता को नारियल का भोग लगाया जाता है. माना जाता है कि ऐसा करने से संतान से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं. मां सिद्धिदात्री को तिल का भोग लगाते हैं, जिन लोगों को आकस्मिक मृत्यु का भय होता है, वो मां सिद्धिदात्री की पूजा करते हैं. माता रानी के नौ स्वरूपों को विभिन्न प्रसादों का भोग लगाकर प्रसन्न किया जा सकता है.