नई दिल्ली :कहते हैं अपने पितरों को प्रसन्न रखना है तो पितृपक्ष में अपने पितरों के लिए पूजा-अर्चना और तर्पण करें. पितरों का तर्पण करने से मृत्यु के देवता यमराज श्राद्ध पक्ष में जीवात्मा को मुक्ति प्रदान करते हैं. अश्विन मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से अश्विन मास की अमावस्या तिथि तक पूरे 16 दिन पितरों को जलांजलि देने से पितर प्रसन्नता देते हैं और अपनी विशेष कृपा बनाए रखते हैं, लेकिन इन दिनों में कुछ बातें ऐसी हैं, जिनका ध्यान रखना बेहद आवश्यक है. जो न केवल आपको पितृ दोष से बचाता है, बल्कि आपके जीवन में सही फल और प्रगति भी देता है.
पंडित बृज गोपाल शुक्ला ने ईटीवी भारत को बताया कि श्राद्ध के दिनों में घर में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है, लेकिन इन दिनों अपने घर में शांति बनाए रखने और घर को पवित्र रखना बेहद आवश्यक है. क्योंकि इससे पितृ प्रसन्न होते हैं. इन दिनों में कोई भी कार्य पितरों के निमित्त ही किया जाता है. इसके साथ ही खास तौर पर इस बात का ध्यान रखा जाता है कि इन 16 दिनों में मांस- मदिरा शराब आदि का सेवन न करें. घर को पूरी तरीके से पवित्र रखें और जो चीज आपके पूर्वजों को पसंद नहीं है उन कार्यों को न करें.
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