नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट में आज अर्जुन अवार्डी और पैरा स्वीमर प्रशांत कर्माकर की याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी. पैरा स्वीमर प्रशांत कर्माकर को पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया (पीसीआई) की ओर से तीन साल के लिए निलंबित किया गया है. इस फैसले को कर्माकर ने चुनौती दी है. आज इस मामले की सुनवाई के दौरान प्रतिवादी उपस्थित नहीं हुए, जिसके बाद जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने 13 अक्टूबर को सुनवाई करने का आदेश दिया.
44 अंतरराष्ट्रीय और 74 राष्ट्रीय मेडल जीत चुके हैं कर्माकर
याचिका में कहा गया है कि पैरालंपिक कमेटी की अनुशासन समिति को ये अधिकार नहीं है कि कर्माकर को निलंबित करे. याचिकाकर्ता की ओर से सत्यम सिंह राजपूत और अमित कुमार शर्मा ने कहा है कि प्रशांत कर्माकर ने 44 अंतरराष्ट्रीय और 74 राष्ट्रीय मेडल जीते हैं. कर्माकर एक प्रशिक्षित कोच हैं, जिन्होंने रियो पैरालंपिक 2016 में भारत का कोच के रूप में प्रतिनिधित्व किया था.
पीसीआई ने 7 फरवरी, 2018 को कर्माकर को तीन साल के लिए निलंबित करते हुए स्वीमिंग के किसी भी इवेंट में भाग लेने पर रोक लगा दी थी. याचिका में कहा गया है कि पीसीआई का ये फैसला मनमाना और गैरकानूनी है. याचिका में कहा गया है कि पीसीआई ने कर्माकर के खिलाफ बेबुनियाद और झूठे आरोप लगाकर कार्रवाई की है.