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#Yamuna River: सिर्फ फाेटो खिंचवाने यमुना के तट पर आते हैं नेता

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Published : Apr 12, 2022, 7:19 PM IST

Updated : Apr 12, 2022, 10:34 PM IST

दिल्ली में विधानसभा का चुनाव हो या फिर लोकसभा, हर बार यमुना चुनावी मुद्दा बनती है. विपक्षी दल यमुना की बदहाली का रोना रोते हैं तो सत्ता पक्ष अगले पांच सालों में यमुना की दशा बदलने का दावा करते हैं. यमुना की सफाई पर अब तक की सरकारें कितना पैसा बहा चुकी हैं, लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात.

यमुना
यमुना

नई दिल्लीःवजीराबाद स्थित यमुना राम घाट पर गंदगी पसरी है. भाजपा के स्थापना दिवस पर आयाेजित स्वच्छता पखवाड़ा के तहत राम घाट पर यमुना सफाई कार्यक्रम चलाया गया. रामघाट पर रहने वाले लोगों का आरोप है कि नेता केवल फोटो खिंचवाने के लिए आते हैं और चले जाते हैं. साफ सफाई का काम नहीं हाेता है. यहां पर साफ सफाई होती तो हालात कुछ और होते. सरकारें यमुना की सफाई के नाम पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च करती हैं, लेकिन साफ सफाई नहीं होती.

ईटीवी भारत से बात करते हुए यमुना स्थित रामघाट में रहने वाले लोगों ने बताया कि वह किसी तरह यहां पर रहकर अपनी आजीविका चला रहे हैं. कोई प्रसाद की दुकान चलाता है, कोई यहां पर पंडिताई का काम करता है. नेताओं का ध्यान केवल फोटो खींचने पर रहता है, कोई भी घाट की सफाई नहीं करता. इन लोगों का बचपन यहीं पर बीता है. यमुना में खेल कर बड़े हुए हैं.

यमुना तट का हाल बताते राम घाट के लाेग.
यमुना किनारे फेंका गया कूड़ा.
यमुना का हाल.
यमुना किनारे पसरी गंदगी.
यमुना का हाल.

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लोगों का कहना है कि साल 90 के दशक में यहां पर साफ पानी होता था लेकिन अब पानी काला हो गया है. चारों तरफ गंदगी का अंबार दिखाई दे रहा है. यहां रहने वाले लोग खुद ही घाट की सफाई करते हैं. नेता केवल खानापूर्ति करने के लिए आते हैं जबकि हर साल जमुना की सफाई के नाम पर सरकार करोड़ों रुपये खर्च करती है. यमुना घाट पर सफाई करने वाली महिला ने बताया कि पहले पानी बहुत साफ होता था. लोग नहाने आते थे, अब केवल आस्था की डुबकी लगाने के लिए ही आते हैं.

Last Updated : Apr 12, 2022, 10:34 PM IST

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