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अपने-अपने एजेंडे पर राजनीतिक दल, दिल्ली की जनता के मुद्दे से कोई वास्ता नहीं

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Published : Jul 28, 2022, 5:26 PM IST

AAP पार्टी गुजरात में शराब कांड और दिल्ली में उपराज्यपाल को लेकर विरोध कर रही है, जबकि बीजेपी भी दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर विरोध कर रही है. लेकिन इन सबके बीच राजधानी दिल्ली में ट्रैफिक जाम, अपराध और दूषित पानी की समस्या को दूर करना किसी दल के एजेंडे में नहीं है.

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दिल्ली की जनता के मुद्दे और राजनीतिक दल

नई दिल्ली : लोकतांत्रिक व्यवस्था में संसद सत्र हो या विधानसभा सत्र, जब चल रहा होता है, तो लोगों के मन में कुछ प्रश्न होते हैं. उनके सामने राष्ट्रीय-स्थानीय परिस्थितियां होतीं हैं. इसमें वे देखते हैं कि कौन सा दल उनके मन के प्रश्नों को उठा रहा है और उसके हल का रास्ता भी दिखा रहा है. आम जनता आस लगाए रहती है कि उनके नेता सदन में उनकी समस्याओं को उठाएंगे, सरकार जवाब देगी. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र होने के लिहाज से दिल्ली की जनता का जितना वास्ता विधानसभा सत्र से होता है उतना ही संसद सत्र से. लेकिन फिलहाल इस सत्र के दौरान जिस भूमिका में प्रदेश की बीजेपी, कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के नेता हैं, इसमें आम लोगों से जुड़े मुद्दे उनके एजेंडे से गायब हो चुका है.

दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी इन दिनों उपराज्यपाल द्वारा लिए गए अलग-अलग निर्णय को लेकर खासे नाराज हैं. सरकार के फैसलों की सीबीआई जांच से लेकर अरविंद केजरीवाल के सिंगापुर दौरे की फइल रोकने से सरकार और उपराज्यपाल के बीच तनातनी की स्थिति बनी हुई है. उधर, आम आदमी पार्टी गुजरात में भी अपने राजनीतिक भविष्य आजमाने के लिए निकल पड़ी हैं. पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल लगातार गुजरात दौरे पर जा रहे हैं और इस समय गुजरात में जिस तरह जहरीली शराब पीने से दर्जनों लोगों की मौत हुई है, आम आदमी पार्टी इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरने की कोशिश में है. इस कड़ी में दिल्ली की सड़क से लेकर संसद तक पार्टी के नेता विरोध प्रदर्शन करने में व्यस्त हैं. दिल्ली की जनता जो इस समय दूषित पानी, जगह-जगह जलभराव, टूटी हुई सड़क जैसी बुनियादी समस्याओं से जूझ रही है उसका सुध लेने वाला कोई नहीं है.

दिल्ली की जनता के मुद्दे और राजनीतिक दल

गुजरात में शराब कांड को लेकर AAP का विरोध

हालांकि, आम आदमी पार्टी के विधायक व प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज कहते हैं कि ऐसा नहीं है. पार्टी के सभी पदाधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी मिली हुई हैं. सरकार अपना काम कर रही हैं और पार्टी के कार्यकर्ता अपना काम. सौरभ भारद्वाज कहते हैं कि बुधवार को ही दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के युवाओं को रोजगार के देने के लिए एक अहम बैठक बुलाई थी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने व्यस्त शेड्यूल में से समय निकालकर इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन किया. इसी तरह जनता से जुड़ी योजनाओं पर सरकार काम कर रही है. गुजरात दौरे पर गए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वहां जहरीली शराब पीने से मौत के दर्द को नजदीक से देखा है. इसीलिए इस मुद्दे पर भी बीजेपी और उनकी सरकार को और छोड़ा नहीं जा सकता. गुजरात में बीजेपी के संरक्षण में बेची जा रही जहरीली शराब पीने से हो रही मौतों के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने बुधवार को बीजेपी कार्यालय का घेराव किया था.

सौरभ भारद्वाज कहते हैं गुजरात में शराब बंद करके बीजेपी शराब माफियाओं द्वारा वहां शराब बेच रही है. अब बीजेपी दिल्ली में भी गुजरात जैसे माहौल पैदा करना चाहती है. दिल्ली में भी जहरीली शराब बेचना चाहती है. 2002 में 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. 2014 और 2016 के बीच में लगभग 200 लोग मरे. अब 55 से अधिक लोग मर चुके हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री कहां हैं ? प्रधानमंत्री कहां हैं ? सीबीआई एक्शन क्यों नहीं ले रही है ? आम आदमी पार्टी दिल्ली में गुजरात जैसा माहौल नहीं बनने देगी, इसलिए दिल्ली में भी इसका विरोध करना जरूरी है. यह आम जनता से जुड़ा मुद्दा है.

दिल्ली की जनता के मुद्दे और राजनीतिक दल
अपने नेता से ईडी की पूछताछ में कांग्रेस मस्तदिल्ली की सत्ता पर 15 साल तक लगातार राज करने वाली कांग्रेस भी इन दिनों दिल्ली की जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने से अधिक पार्टी के शीर्ष नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जिस तरह ईडी पूछताछ कर रही है इस मुद्दे पर ही सड़कों पर उतर रही हैं. पार्टी के शीर्ष नेता के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को गलत बताते हुए प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ता इन दिनों सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. नतीजा है कि गत एक सप्ताह से नई दिल्ली इलाके में जगह-जगह ट्रैफिक जाम की समस्या से लोगों को परेशानी हो रही है. तमाम बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठान, सरकारी दफ्तर नई दिल्ली इलाके में स्थित है. इसलिए सिर्फ दिल्ली ही नहीं एनसीआर में रहने वाले भी प्रतिदिन कामकाज के लिए यहां आते हैं. लेकिन पिछले एक सप्ताह में उन्हें ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ रहा है.
दिल्ली की जनता के मुद्दे और राजनीतिक दल
हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी कहते हैं कि ट्रैफिक जाम की समस्या दिल्ली में पुरानी है. उनके पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन से ऐसा नहीं हुआ है. पार्टी अपने नेताओं के समर्थन में जिस जगह धरना प्रदर्शन करने की इजाजत पुलिस से मांगती है वह नहीं मिली. नतीजा है कि नाराज पार्टी के कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन उग्र हो गया. जहां तक दिल्ली में चाहे लोगों को पीने के पानी की समस्या हो, अधिक बिजली बिल आने की परेशानी हो, पार्टी हमेशा इसके खिलाफ आवाज उठाती रहती हैं. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार के नेतृत्व में बीते दिनों सभी 14 जिला कांग्रेस कमेटियों में सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से नेशनल हेराल्ड मामले पूछताछ के विरोध में सत्याग्रह कर रही है, जिसे दायरे में रखना पुलिस व अन्य सुरक्षा बल के लिए भी किसी चुनौती से कम नहीं है.
दिल्ली की जनता के मुद्दे और राजनीतिक दल
केजरीवाल सरकार की नई आबकारी नीति का विरोध दिल्ली विधानसभा में विपक्ष में बैठी बीजेपी भी इन दिनों दिल्ली की जनता से जुड़ी समस्याओं को न उठाकर केजरीवाल सरकार द्वारा गत वर्ष लाई गई नई आबकारी नीति के विरोध में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रही है. पार्टी नेताओं का कहना है कि इस आबकारी नीति के खिलाफ उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं, जिससे साबित होता है कि इसमें भ्रष्टाचार हुआ है. केजरीवाल सरकार को इसे संज्ञान में लेते हुए अपने लिप्त अधिकारी, मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं है जिसके लिए आवाज उठाने बीजेपी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे हैं.
दिल्ली की जनता के मुद्दे और राजनीतिक दल
बीजेपी के सांसद प्रवेश साहिब सिंह कहते हैं कि दिल्ली में जब से नई आबकारी नीति लागू हुई है, तब से महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. महिला सुरक्षा की बात करने वाले केजरीवाल सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 144 करोड़ रुपये शराब माफियाओं का माफ किया. क्योंकि भ्रष्ट मंत्री के शराब कारोबारी मित्र कोरोना काल में शराब नहीं बेच पाए थे. लेकिन दिल्ली में छोटे-छोटे उद्योग चला रहे लोगों का एक रुपया भी माफ नहीं किया, लोगों के बिजली बिल मांफ नहीं किया गया. यह मुद्दा सीधे दिल्ली की जनता से जुड़ा है, इसलिए बीजेपी इसे उठा रही है. वह मुद्दे जिससे वर्तमान में जूझ रही दिल्ली की जनता :दिल्ली में पानी की किल्लत बीते, दस दिनों की बात करें तो बारिश से यमुना के जलस्तर में तो सुधार हुआ है, लेकिन दिल्ली की कॉलोनियों में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से साफ पानी की नियमित रूप से आपूर्ति नहीं हो रही है. बाहरी दिल्ली के किराड़ी, नांगलोई, पूर्वी दिल्ली के चिल्ला गांव, शशि गार्डन, गीता कॉलोनी, संजय अमर कॉलोनी में पानी के लिए लोग रात-रात भर सोते नहीं हैं. शशि गार्डन में रहने वाले अभिनव उपाध्याय कहते हैं कि पहले एक दिन छोड़कर एक निर्धारित समय पर पानी की आपूर्ति होती थी, लेकिन अभी कोई टाइम टेबल नहीं है. जब कभी सुबह पानी आता भी है तो इतना गंदा की उसका किसी भी तरह से इस्तेमाल नहीं हो सकता है. पैसे देकर टैंकर मंगवाने पड़ते हैं. संगम विहार में बोरवेल से पानी की आपूर्ति होती है जो अभी नियमित नहीं है. लोग स्थानीय नेताओं से टैंकर की गुहार लगाते हैं.

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दिल्ली में ट्रैफिक जाम की समस्या नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पूछताछ के चलते कांग्रेस पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ताओं द्वारा हंगामा किये जाने की आशंका को देखते हुए बीते एक सप्ताह से ट्रैफिक पुलिस ने नई दिल्ली इलाके में आने-जाने के कई रास्तों में परिवर्तन कर दिया है. पुलिस ने सुरक्षा को लेकर सोनिया गांधी के निवास से लेकर प्रवर्तन निदेशालय तक बंदोबस्त किए हैं. इसके साथ ही ट्रैफिक पुलिस ने कुछ रास्तों को बंद कर लोगों को दूसरे रास्ते इस्तेमाल करने की सलाह दी है. नई दिल्ली में गोल डाकखाना जंक्शन से लेकर पटेल चौक, विंडसर प्लेस, तीन मूर्ति चौक और पृथ्वीराज रोड तक बसों की आवाजाही सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक बंद रहेगी. इसकी जगह पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वह सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक मोतीलाल नेहरू मार्ग, अकबर रोड, जनपथ और मानसिंह रोड पर ना जाएं. यहां पर ट्रैफिक पुलिस के विशेष इंतजाम रहेंगे. इसके चलते लोगों को जाम का सामना करना पड़ सकता है. नई दिल्ली इलाके में इस परेशानी से बचने में लोगों के पसीने छूट जाते हैं.

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राजधानी में बढ़ी आपराधिक वारदात

अपने-अपने मुद्दे को लेकर राजनीतिक दलों की व्यस्तता में पुलिस का भी ध्यान धरने-प्रदर्शन को शांतिपूर्ण तरीके से निपटाने में रहा. सावन महीने में कावंड़ियों की सुरक्षा भी चुनौती थी, नतीजा रहा कि पुलिस का उधर फोकस होने से बीते कुछ दिनों में दिल्ली में अपराध की घटनाएं बढ़ी. लेकिन इस तरह की घटनाएं होने पर पहले राजनीतिक दल और नेता अपनी प्रतिक्रिया देते थे, सहानुभुति के लिए जनता से मिलते थे अभी वे भी दूर हैं.

17 जुलाई- डिफेंस कॉलोनी फ्लाईओवर पर दो कलेक्शन एजेंट से बदमाशों ने 40 लाख रुपये लूटे.

21 जुलाई- करावल नगर इलाके में एक शख्स ने चाकू मारकर अपनी बेटी की हत्या कर दी, वहीं एक अन्य बेटी और पत्नी को भी घायल कर दिया.

22 जुलाई- नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर महिला से सामूहिक दुष्कर्म का मामला.

22 जुलाई- सीलमपुर इलाके में फ्रिज के भीतर मिली युवक की लाश.

23 जुलाई- जीरो पुस्ता रोड पर 5 लाख रुपये व सोना चांदी की लूट.

26 जुलाई- करोल बाग इलाके में रोटी नहीं देने पर युवक की चाकू मारकर हत्या.

27 जुलाई - प्रेमवाड़ी पुल के पास सैकड़ों की भीड़ ने किया उग्र प्रदर्शन. सड़क जाम कर लगाए जमकर नारे और पुलिस टीम पर भी हुआ पथराव. इलाके में शराब बेचने वाले सांसी का विरोध करते हुए लोग करने लगे उग्र प्रदर्शन.

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