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थाने में पीसीआर के जुड़ने से क्या कम हुए अपराध, विश्लेषण करेगी पुलिस

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Published : Oct 28, 2021, 1:01 PM IST

पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने दिल्ली पुलिस में कई बड़े बदलाव किए हैं. उन्होंने सबसे पहला काम पीसीआर यूनिट को खत्म कर उसे थाने से जोड़ने का किया था. पीसीआर यूनिट में तैनात लगभग 5 हजार पुलिसकर्मियों एवं सभी गाड़ियों को थाने में बांट दिया था. यह पुलिसकर्मी अब थाने का हिस्सा हैं.

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नई दिल्ली:दिल्ली में पीसीआर यूनिट को सभी थानों से जोड़ने की पहल को डेढ़ माह से अधिक समय बीत चुका है. इससे एक तरफ जहां थानों में पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ी है तो वहीं दूसरी तरफ उन्हें गाड़ियों की अतिरिक्त सुविधा भी मिली है. डेढ़ माह पूरे होने पर पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने इस पहल का आंकलन करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बीते डेढ़ माह के अपराध के आंकड़ों का विश्लेषण करने को कहा है.

जानकारी के अनुसार पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने दिल्ली पुलिस में कई बड़े बदलाव किए हैं. उन्होंने सबसे पहला काम पीसीआर यूनिट को खत्म कर उसे थाने से जोड़ने का किया था. पीसीआर यूनिट में तैनात लगभग 5 हजार पुलिसकर्मियों एवं सभी गाड़ियों को थाने में बांट दिया था. यह पुलिसकर्मी अब थाने का हिस्सा हैं. वह अपने थाने के इलाके की कॉल अटेंड करते हैं और बीट में गश्त भी करते हैं. इसके अलावा पुलिस कमिश्नर ने प्रत्येक थाने में कानून व्यवस्था संभालने और जांच करने वाले पुलिसकर्मियों की टीम को अलग कर दिया था. इसका मकसद जांच को बेहतर बनाना है ताकि अपराधियों को सजा दिलवाई जा सके.

जानकारी देते सवांददाता.

पुलिस कमिश्नर ने हाल ही में आयोजित की गई एक बैठक में पुलिस अधिकारियों से कहा कि इस पहल को डेढ़ माह से अधिक समय हो गया है. ऐसे में इस पहल से अपराध पर क्या असर पड़ा है, इसका आंकलन करना जरूरी है. उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को इस अवधि के क्राइम डेटा को बीते वर्ष के क्राइम डेटा से तुलना करने को कहा है. उन्होंने कहा कि इस पहल से क्राइम घटा है या नहीं यह जानना बेहद आवश्यक है. इसके अनुसार ही आगे की रणनीति बनाई जाएगी. उन्होंने संयुक्त आयुक्त स्तर के एक अधिकारी को यह विश्लेषण कर उसकी रिपोर्ट जल्द देने को कहा है.

दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ( फाइल फोटो).

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पुलिस सूत्रों का कहना है कि थाने में पीसीआर को जोड़ेने से एक तरफ जहां पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ी है तो वहीं दूसरी तरफ उनके पास गाड़ियों की सुविधा भी आ गई है. ऐसे में अपराध पर लगाम लगाने में उन्हें मदद मिल रही है. हालांकि इसकी वास्तविक स्थिति विश्लेषण के बाद ही साफ हो पाएगी. पुलिस कमिश्नर ने पीसीआर कॉल के बाद मौके पर गाड़ी पहुंचने के समय में भी सुधार के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा उन्होंने प्रत्येक कॉल पर एक इंस्पेक्टर को खुद जाने के निर्देश दिए हैं ताकि उनकी निगरानी में जांच हो सके.

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