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दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार को कृपाण लेकर मेट्रो स्टेशन में जाने से रोका

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Published : Sep 12, 2022, 9:58 PM IST

जत्थेदार ज्ञानी केवल सिंह तिलक नगर की तरफ जाने के लिए मेट्रो स्टेशन के अंदर घुसे थे. लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया और कहा कि वो कृपाण साथ रख कर मेट्रो में सफर नहीं कर सकते हैं. अब इस मामले में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने डीएमआरसी को पत्र लिखकर रिपोर्ट मांगी है.

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नई दिल्ली:नई दिल्ली मेट्रो में दमदमा साहिब गुरुद्वारे के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी केवल सिंह को कृपाणलेकर मेट्रो में प्रवेश रोकने का मामला सामने आया है. मामला द्वारका सेक्टर 21 मेट्रो स्टेशन का है. मामला सामने आने के बाद राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने डीएमआरसी के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर रिपोर्ट मांगी है.

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने डीएमआरसी को पत्र लिखकर बताया कि ज्ञानी केवल सिंह को उनके कृपाण के साथ द्वारका सेक्टर 21 मेट्रो स्टेशन में प्रवेश करने से रोक दिया गया और कृपाण को हटाने के लिए कहा गया. अपने पत्र में उन्होंने लिखा कि कृपाण सिख धर्म का एक अभिन्न अंग है और संविधान का अनुच्छेद 25 सिख धर्मावलंबियों को कृपाण पहनने और ले जाने की अनुमति देता है.

ऐसे में दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार को मेट्रो स्टेशन पर रोका जाना सिख धर्मावलंबियों की धार्मिक भावना को आहत करता है. आयोग ने डीएमआरसी के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस मामले में रिपोर्ट मांगी है. साथ ही इस घटना के लिए जिम्मेदार सभी कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की है.

बता दें, इससे पहले घरेलू टर्मिनलों से संचालित होने वाली भारतीय उड़ानों और एयरपोर्ट पर तैनात सिख कर्मचारियों को तय सीमा की कृपाण ले जाने की इजाजत के खिलाफ दायर याचिका दिल्ली हाईकोर्ट से वापस ले ली गई है. चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी.

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याचिका में कहा गया था कि इस तरह की अनुमति हवाई यात्रा करने वालों के लिए खतरे की वजह बन सकती है. याचिका में ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के चार मार्च और 12 मार्च के आदेश को चुनौती दी गई थी. याचिका में कहा गया था कि ये आदेश हवाई यात्रा की सुरक्षा में सेंध लगाने के समान है. इस आदेश में कहा गया है कि कृपाण की कुल लंबाई नौ इंच से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. आदेश में कहा गया है कि कृपाण के ब्लेड की कुल लंबाई छह इंच से अधिक नहीं होनी चाहिए.

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