नई दिल्ली: घरेलू टर्मिनलों से संचालित होने वाली भारतीय उड़ानों और एयरपोर्ट पर तैनात सिख कर्मचारियों को (Sikh carry kirpan in domestic planes) तय सीमा की कृपाण ले जाने की इजाजत के खिलाफ दायर याचिका दिल्ली हाईकोर्ट से वापस ले ली गई है. चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी.
सोमवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता हर्ष विभोर सिंघल ने कहा कि वे इस मामले को तार्कित अंत तक ले जाना चाहते हैं, लेकिन उन पर याचिका को वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. इसलिए वे अब इस मामले को वापस लेना चाहते हैं. उसके बाद कोर्ट ने याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी. 18 अगस्त को कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए नागर विमानन मंत्रालय, गृह मंत्रालय, नागरिक विमानन महानिदेशक और ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी को नोटिस जारी किया था.
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याचिका में कहा गया था कि इस तरह की अनुमति हवाई यात्रा करने वालों के लिए खतरे की वजह बन सकती है. याचिका में ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के चार मार्च और 12 मार्च के आदेश को चुनौती दी गई थी. याचिका में कहा गया था कि ये आदेश हवाई यात्रा की सुरक्षा में सेंध लगाने के समान है. इस आदेश में कहा गया है कि कृपाण की कुल लंबाई नौ इंच से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. आदेश में कहा गया है कि कृपाण (kirpan in domestic planes ) के ब्लेड की कुल लंबाई छह इंच से अधिक नहीं होनी चाहिए.