नई दिल्ली:दिल्ली में जिस सेंधमारी को पुलिस बहुत सामान्य वारदात मानकर जांच करती थी, उसकी जांच अब गंभीरता से की जा रही है. इसकी वजह पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना का सेंधमारी की वारदातों पर फोकस है. उन्होंने सभी जिला डीसीपी को न केवल सेंधमारों को पकड़ने, बल्कि उनसे चोरी किया गया सामान बरामद करने के लिए कहा है. इस बारे में वह लगातार आंकड़ों का आकलन भी कर रहे हैं.
जानकारी के अनुसार राजधानी में रोजाना सैकड़ों सेंधमारी की वारदातों को अंजाम दिया जाता है. इस तरह की वारदातों में आम आदमी के जीवन भर की जमा पूंजी चली जाती है. वहीं ऐसी वारदातों को लेकर पुलिस केवल खानापूर्ति करती है. थानों में आने वाले हत्या, हत्या प्रयास, लूट, डकैती और झपटमारी की वारदात सुलझाना पुलिस की प्राथमिकता होती है. ऐसे में सेंधमारी का शिकार होने वाले अधिकांश लोगों की सुनवाई ठीक से नहीं हो पाती. उनके मामले सुलझाने में पुलिस ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाती. इसकी वजह से आम आदमी परेशान होता है और पुलिस की छवि खराब होती है.
पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने इस समस्या को बेहद गंभीरता से लिया है. उनका मानना है कि सेंधमारी की वारदात आम आदमी के लिए बड़ा नुकसान है. इसलिए ऐसी वारदातों को गंभीरता से देखने की आवश्यकता है. इन्हें न केवल सुलझाना होगा, बल्कि चोरी हुए सामान की बरामदगी भी होनी चाहिए. इसे लेकर पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने सभी जिला डीसीपी को निर्देश दिए हैं. उन्हें बताया गया है कि सेंधमारी की वारदात को सुलझाने के लिए गंभीरता से प्रयास किये जाए. खासतौर से सक्रिय सेंधमारों पर नजर रखी जाए. सेंधमारी का सामान खरीदने वालों को गिरफ्तार किया जाए ताकि इस तरह के मामलों में कमी आये. अपनी बैठक में वह ऐसे मामलों को सुलझाने के आंकड़े की समीक्षा भी कर रहे हैं.