नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने कोरोना की दूसरी लहर (corona second wave) के दौरान रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir injection) को गैरकानूनी तरीके से रखने के चार आरोपियों को जमानत दे दिया है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने चारों आरोपियों को एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया.
कोर्ट ने कहा कि चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. इस मामले में प्रथम दृष्टया साक्ष्य दस्तावेज के रुप में हैं. ये सभी साक्ष्य पुलिस के पास मौजूद हैं. कोर्ट ने कहा कि जमानत देने का मकसद आरोपी की ट्रायल के दौरान उपस्थिति सुनिश्चित करना होता है. कोर्ट ने आरोपियों को निर्देश दिया कि वे साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे.
ये भी पढ़ें-सागर धनखड़ हत्या मामलाः आरोपी गौरव को 12वीं की परीक्षा देने के लिए मिली कस्टडी पेरोल
कोर्ट ने कहा कि वो इस बात पर विचार कर रहा है कि अगर आरोपियों को रिहा किया जाता है, तो क्या वे कोरोना की तीसरी लहर के दौरान भी ऐसा ही करेंगे. जमानत याचिका मोहन कुमार झा और शोएब खान ने दायर की है. उन्हें कोरोना की दूसरी लहर के दौरान नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir injection) बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
कोर्ट ने जिन आरोपियों को जमानत दी है, उनमें मोहन कुमार झा, मोहम्मद शोएब खान, आदित्य गौतम और पुष्कर चंद्रकांत पखाले शामिल हैं. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, आरोपियों के खिलाफ इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि उन्होंने जरुरतमंद लोगों को नकली इंजेक्शन की सप्लाई की. पुलिस की चार्जशीट में उन व्यक्तियों का नाम शामिल हैं, जिन्होंने रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदे थे. आरोपियों के डीवीआर और मोबाइल फोन को फोरेंसिक लेबोरेटरी रोहिणी को भेजा गया है और उसकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.
विश्वसनीय खबरों के लिये करें ईटीवी भारत एप डाउनलोड