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मानसून से पहले जलभराव राेकने के लिए दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश

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Published : Mar 18, 2022, 5:10 PM IST

अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में चल रही दिल्ली सरकार ने दिल्ली में जलजमाव की समस्या से निपटने के मद्देनजर बड़ी बैठक की. उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मानसून के दौरान दिल्ली में होने वाले जलजमाव को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां करने पर जोर दिया है.

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दिल्ली में जलजमाव को लेकर बैठक

नई दिल्ली :राजधानी दिल्ली में मानसून की दस्तक से पहले दिल्ली सरकार एक्शन मोड में आ गई है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अहम बैठक कर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को दिल्ली में जलजमाव न हो इसके लिए सभी जरूरी दिशा-निर्देश जारी करने के साथ युद्ध स्तर पर काम करने को कहा है. जलभराव की समस्या से निपटने के लिए एक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है. इसके तहत दिल्ली में जलजमाव वाले स्थानों को चिन्हित करने के बाद वहां पर अतिरिक्त पंप की स्थापना ओर बेहतर ड्रेनेज सिस्टम तैयार किया जायेगा. साथ ही 7.5 लाख लीटर क्षमता का भूमिगत पंप भी बनाए जाएंगे.

इस बाबत पीडब्ल्यूडी ने राजधानी के विभिन्न मुख्य जलजमाव वाले स्थानों को चिन्हित कर पिछले कुछ महीनों से ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही है, जो भारी बारिश के दौरान भी जलजमाव की स्थिति पैदा नहीं होगी. गुरुवार को उपमुख्यमंत्री व पीडब्ल्यूडी मंत्री मनीष सिसोदिया ने इन तैयारियों का जायजा लेने के लिए पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की. इसमें अधिकारियों को स्पष्ट रूप से यह निर्देश दिए कि मई अंत तक सभी चिन्हित स्थानों पर जलजमाव रोकने से संबंधित किए जा रहे सभी कार्य पूरे हो जाने चाहिए. ताकि मानसून के दौरान आम जनता को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े. साथ ही बैठक में उपमुख्यमंत्री ने वर्तमान में चल रहे विभिन्न प्रोजेक्ट्स के प्रगति की भी समीक्षा की.

दिल्ली में जलजमाव को लेकर बैठक

पिछले साल मानसून के दौरान दिल्ली में अप्रत्याशित बारिश हुई थी. दिल्ली में मानसून के दौरान प्रतिदिन अधिकतम 25-30 मिमी बारिश होती है. लेकिन पिछले साल 110 मिमी तक बारिश हुई. इसके कारण दिल्ली में कई स्थानों पर जलजमाव हो गया था. इसको लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पीडब्ल्यूडी सहित सभी विभागों को जलजमाव को रोकने के लिए शार्ट-टर्म व लॉन्ग-टर्म नीतियां तैयार करने व उनके क्रियान्वयन के आदेश दिए हैं. इसे देखते हुए पीडब्ल्यूडी ने 147 स्थानों को चिन्हित कर वहां जलजमाव की समस्या को दूर करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है.

जलजमाव वाले स्थानों के लिए तैयार किया एक्शन प्लान

पुल प्रह्लादपुर अंडरपास : पिछले साल मानसून के दौरान यहां कई बार जलजमाव हुआ था. इस साल दोबारा ऐसी समस्या उत्पन्न न हो इसके लिए PWD यहां 7.5 लाख लीटर क्षमता का एक भूमिगत पंप का निर्माण करवा रही है. साथ ही 600 हॉर्सपावर का एक स्थायी पंप हाउस भी स्थापित किया जा रहा है. भूमिगत पंप हाउस का निर्माण कार्य मई के अंत तक हो जाएगा. यहां साथ अस्थाई पंप भी लगाए जाएंगे, जिनकी कुल क्षमता 500 हार्सपावर होगी.

अंडर जकीरा फ्लाईओवर में मानसून के दौरान रेलवे द्वारा बनाए गए अस्थायी कच्चे नाले से बरसात के मौसम में रेलवे लाइन पर कचरा अंडर पास में गिर जाता है. इसके कारण वाटरपंप जाम हो जाते हैं, जिससे जलजमाव की समस्या उत्पन्न होती है. यहां रेलवे लाइन के कचरे को रोकने के लिए पीडब्ल्यूडी स्क्रीन लगाएगी व जखीरा अंडरपास के आसपास के क्षेत्र में ड्रेन के मॉडिफिकेशन का कार्य भी तेजी से चल रहा. साथ ही नेहरू नगर/आनंद पर्वत से आने वाले स्टॉर्म ड्रेन को री-रूट किया जाएगा.

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आईपी.एस्टेट रिंग रोड, WHO बिल्डिंग के सामने : रिंग रोड पर जलजमाव की समस्या को खत्म करने के लिए यहां नौ पंप लगाए जाएंगे. साथ ही यहां PWD 1.5 लाख लीटर का संप और पुराने आईपी पॉवर प्लांट से यमुना तक स्टॉर्म वाटर ड्रेन का निर्माण करेगी. ये निर्माण कार्य मानसून से पहले पूरा हो जाएगा.

जहांगीरपुरी मेट्रो स्टेशन रोड : यहां जलजमाव को रोकने के लिए PWD के एक्शन प्लान में सर्विस रोड के साथ एक नाले का निर्माण, मुकरबा चौक बाउंड से मुख्य सड़क के बीच पुराने एसडब्ल्यू ड्रेन का पुनर्निर्माण, रामगढ़ और महेंद्र पार्क आदि की ओर मुख्य सड़क के साथ एसडब्ल्यू ड्रेन की रीमॉडलिंग व स्थायी पम्प हाउस का निर्माण शामिल है.

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मिन्टो-ब्रिज : एक साल पहले तक मिन्टो-ब्रिज के नीचे कम बारिश होने पर भी जलजमाव की स्थिति पैदा हो जाती थी. इसे दूर करने के लिए केजरीवाल सरकार द्वारा पिछले साल कई स्थायी कदम उठाये गए और अप्रत्याशित बारिश होने के बावजूद यहां लोगों को जलजमाव का सामना नहीं करना पड़ा.इस साल अपनी तैयारियों को और बेहतर करने के लिए दिल्ली सरकार यहां अल्टरनेट ड्रेनज सिस्टम व आटोमेटिक वाटर पम्प स्थापित करने जा रही है.

इसके अलावा दिल्ली में बरसाती नालों के डि-सिल्टिंग का कार्य भी तेजी से चल रहा है. उपमुख्यमंत्री ने इस बाबत अधिकारियों को निर्देश दिए है कि प्री-मानसून संबंधित तैयारियों को ध्यान में रखते हुए सभी नालों के डि-सिल्टिंग का कार्य 31 मई से पहले पूरा हो जाना चाहिए और कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए.

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