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डूसिब की खाली जमीनों और भवनों का ऑडिट कराएगी दिल्ली सरकार

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Published : Oct 1, 2022, 3:19 PM IST

delhi deputy chief minister manish sisodia

दिल्ली सरकार ने डूसिब की खाली जमीनों और भवनों का ऑडिट (audit of vacant lands and buildings of dusib) करवाएगी. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अधिकारियों को इसके लिए आदेश दिया है. इससे सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को रोकने में सुविधा होगी.

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) की खाली पड़ी जमीन और भवन संपत्तियों का ऑडिट (audit of vacant lands and buildings of dusib) कराने का फैसला लिया है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसके लिए अधिकारियों को आदेश देते हुए 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं. साथ ही अधिकारियों को प्राथमिकता के साथ एक ऑनलाइन कंप्यूटर इन्वेंट्री सिस्टम स्थापित करने को कहा है.

ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम में डूसिब की खाली जमीन और भवन संपत्ति की मौजूदा स्थिति का जियो कोआर्डिनेट, फोटो, अवैध कब्जे पर रिपोर्ट आदि के साथ हर संपत्ति का पूरा विवरण होगा. इससे सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को ट्रैक करने और रोकने में सरकार को मदद मिलेगी.

बता दें, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आम जनता द्वारा बताए गए कुछ अतिक्रमण और अवैध भूमि अधिग्रहण के मामलों का संज्ञान लेते हुए यह आदेश जारी किया है. उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण और अवैध कब्जा एक गंभीर मामला है और इन्हें हटाना सरकार की प्राथमिकता है.

डूसिब को निर्देश दिया गया है कि वह सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करे और डूसिब की खाली जमीन और भवन संपत्ति की स्थिति को नियमित रूप से अपडेट करने के लिए ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित करें. इसमें जियो-कोआर्डिनेट, फोटो, रिपोर्ट, अतिक्रमण और अवैध कब्जा, प्रभारी अधिकारी का विवरण जैसे व्यापक विवरण शामिल हों. यह प्रणाली हमें सरकारी भूमि पर होने वाली सभी गतिविधियों पर नज़र रखने और किसी भी अतिक्रमण के मामले में त्वरित कार्रवाई करने में मदद करेगी.

साथ ही डूसिब के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे डूसिब मौजूदा संपत्तियों का थर्ड पार्टी ऑडिट कर प्राथमिकता के आधार पर 15 दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपें. सिसोदिया ने कहा कि डूसिब का मुख्य उद्देश्य दिल्ली में स्लम और जेजे कॉलोनियों में रहे लोगों को सरकार की ओर से बेहतर सेवाएं सुनिश्चित करना और उनके लाइफस्टाइल में गुणवत्तापूर्ण सुधार लाना है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को गुणवत्तापूर्ण जीवन और बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए बोर्ड के माध्यम से कई पहल की है. इस दिशा में डूसिब की जमीनों के लिए एक ऑनलाइन मॉनिटरिंग स्थापित करना भी एक महत्वपूर्ण कदम है, ताकि आम जनता के लिए सरकारी भूमि को भू-माफिया के चंगुल से मुक्त किया जा सके.

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उल्लेखनीय है कि दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड दिल्ली सरकार के नियंत्रण में कार्य करता है और मुख्य रूप से डूसिब अधिनियम, 2010 के दायरे में कार्य कर रहा है. यह अधिनियम डूसिब को कुछ क्षेत्रों को स्लम और जेजे क्लस्टर के रूप में अधिसूचित करने का अधिकार देता है, जहां डूसिब इन इलाकों में रह रहे लोगों को बेहतर व बुनियादी नागरिक सुविधाएं देने का काम करता है. इसके अलावा डूसिब को नागरिक सुविधाओं के प्रावधान और उनके पुनर्वास के माध्यम से जेजे बस्तियों/समूहों की देखभाल करने की भी भूमिका सौंपी गई है.

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