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बिजली बिल अपडेट करने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश, देश भर से 65 जालसाज गिरफ्तार

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Published : Sep 8, 2022, 10:55 PM IST

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दिल्ली के स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने साइबर ठगों के एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है (Cyber thug gang exposed). जाे लोगों से बिजली के बिल को अपडेट करने के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम देता था (Cheating in name of updating electricity bill). देश के विभिन्न शहराें में कार्रवाई कर 65 ठगाें काे गिरफ्तार किया गया.

नई दिल्लीःदिल्ली के स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने साइबर ठगों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है (Cyber thug gang exposed). यह गिराेह लोगों से बिजली के बिल को अपडेट करने के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम देता था (Cheating in name of updating electricity bill). इस मामले में स्पेशल सेल की पुलिस ने कुल 65 आरोपियों काे गिरफ्तार किया है. इनके पास से 45 मोबाइल, 60 डेबिट और क्रेडिट कार्ड, नौ चेकबुक, सात पासबुक और 25 प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड बरामद किये गये हैं. 100 से भी ज्यादा बैंक एकाउंट को फ्रीज किया गया है.

डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि हाल के दिनों में एनसीआरपी पर रिपोर्ट किए गए 200 से भी ज्यादा साइबर अपराधों में एक नया तौर-तरीका देखा गया. जिसमें पता चला कि ठगी करने वाले, लोगों के मोबाइल पर मैसेज भेजे जा रहे हैं कि उनका बिजली बिल सिस्टम में अपडेट नहीं किया गया है. आज रात तक उनका बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा. लाेग इस डर से कि उनका बिजली का कनेक्शन रात में काट दिया जा सकता है, मैसेज में दिए गए नंबर पर कॉल करते थे. कॉल के दौरान जालसाज खुद को बिजली अधिकारी बताता है और बैंक खाते की डिटेल ले लेता या रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करवाता. जिसके बाद, वो खाते से पैसों को ट्रांसफर कर लेता था.

दिल्ली के स्पेशल सेल ने वीडियो जारी कर लोगों को किया जागरूक.

एनसीआरपी पर प्राप्त शिकायतों का विश्लेषण किया गया और यह पाया गया कि बीएसईएस घोटाले के संबंध में 200 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं. मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सभी शिकायतों का तकनीकी विश्लेषण और वित्तीय जांच एक साथ की गई. विश्लेषण से पता चला कि नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ है. जिसका खुलासा करने के लिए, एसीपी रमन लाम्बा, मनीष जोरवाल, सुनील पांचाल और विजय गहलोत की देखरेख में इंस्पेक्टर नीरज चौधरी, संजीव सोलंकी, भंवर सिंह और अन्य की टीम का गठन किया गया. मोबाइल फोन के व्यवहार विश्लेषण से यह पता चला कि यदि किसी मॉड्यूल के मोबाइल फोन बंद कर दिए जाते हैं, तो सभी रडार से बाहर हो जाएंगे और अपने ठिकाने पर चले जाएंगे.

पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करने के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया और साथ-साथ छापेमारी की योजना बनाई गई. इस प्रकार, जयपुर, इंदौर, लुधियाना, जामताड़ा, करमाटांड, गिरडीह, देवघर, धनबाद, कोलकाता, उत्तरी दिनाजपुर, मेदिनीपुर पश्चिम और पूर्व, 24 परगना, पश्चिम बंगाल, अहमदाबाद, गांधी नगर, सूरत, मुंबई, कटिहार, बिहार और दिल्ली/एनसीआर सहित देश के 22 से अधिक शहरों में छापेमारी की गई. 10 दिनों तक चले इस अभियान के दौरान कुल 65 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इस मामले में आगे की पूछताछ की जा रही है.

अंडर गार्मेंट और सॉक्स में छुपा कर लाया का गोल्ड बरामदः हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कस्टम की टीम ने 1182 ग्राम गोल्ड बरामद कर एक हवाई यात्री को गिरफ्तार किया है. दिल्ली मुख्यालय से कस्टम के प्रवक्ता के अनुसार, हैदराबाद कस्टम की टीम ने इंटेलिजेंस से मिली विशिष्ट सूचना पर कार्रवाई करते हुए, एक हवाई यात्री को शक के आधार पर जांच के लिए रोका. तलाशी में गोल्ड पेस्ट और एक चेन बरामद की गयी. आरोपी यात्री ने इसे अपने अंडर गार्मेंट और सॉक्स के अंदर छुपा कर रखा था. उसके पास से कुल 1182 ग्राम गोल्ड बरामद किया गया, जिसकी कीमत 62 लाख 62 हजार रुपये से ज्यादा आंकी गयी है.

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