नई दिल्ली :गृह मंत्रालय से प्रतिनियुक्ति पर NDMC में आए अधिकारी विरेंद्र कुमार सिंह का कार्यकाल 2 साल पहले ही समाप्त हो चुका है, लेकिन उन्हें रहने के लिए NDMC की तरफ से जो बंगला दिया गया था. उसे वह अभी तक खाली नहीं कर रहे हैं. NDMC के बंगले पर जबरदस्ती कब्जा जमाए रखने की नीयत से गलत तरीके से अंडर सेक्रेटरी से चेयरमैन को लेटर लिखवाकर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है. अफसर के खिलाफ पालिका कर्मचारी संघ में काफी आक्रोश है. कर्मचारियों ने विरेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
NDMC के कार्मिक विभाग के डायरेक्टर का गृह मंत्रालय में ट्रांसफर हुए दो साल बीच चुके हैं, लेकिन वह अब तक NDMC से मिला आवास खाली करने का नाम नहीं ले रहे हैं. आवास पर कब्जा जमाए रखने के लिए वह तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. जिसको लेकर कर्मचारियों में खासा आक्रोश है. उन्हें आवास खाली करने का बार-बार अल्टीमेटम दिया जा चुका है, लेकिन वह आवास छोड़ने को तैयार नहीं हैं.
नई दिल्ली नगर पालिका कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधाकर कुमार ने बताया कि दो साल पहले NDMC के कार्मिक विभाग के डायरेक्टर पद पर प्रतिनियुक्ति पर विरेंद्र कुमार सिंह आए थे. दो साल पहले उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है. उन्हें गृह मंत्रालय बेज दिया गया है. फिर भी वह NDMC के बंगले पर कब्जा जमाए हुए हैं. नियमानुसार विभाग से जाने के बाद 8 महीने के भीतर आवास खाली करना जरूरी है. लेकिन दो साल के बाद भी वह बंगला खाली नहीं कर रहे हैं. उन्हें आवास खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया तो गृह विभाग के एक अंडर सेक्रेटरी से लेटर लिखवाकर भेज दिया. जिसके मुताबिक उनके मामले में एनडीएमसी कोई निर्णय नहीं ले सकता है. जब तक गृह विभाग चाहेगा तब तक विरेंद्र कुमार सिंह एनडीएमसी द्वारा आवंटित आवास में ही रहेंगे, जबकि यह संपत्ति तो NDMC की है.