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NDMC की अजब है महिमा, 500 करोड़ के घाटे को दिखा दिया 180 करोड़ का लाभ !

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Published : Jan 19, 2022, 5:45 PM IST

बीते दिनों NDMC ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिये बजट जारी किया, जिसमें कोरोना महामारी के बावजूद 180 करोड़ रुपये शुद्ध मुनाफे वाला बजट पास किया, जबकि सच्चाई यह है कि एशिया की सबसे मालदार शहरी निकाय के रूप में मशहूर NDMC ने अपना नाक ऊंचा रखने के लिये लगभग 500 करोड़ के घाटे में चल रही NDMC को 180 करोड़ रुपए के लाभ का दिखाते हुए अपना पीठ खुद ही थपथपा ली. पालिका कर्मचारी संघ ने लाभ के बजट की पोल खोल दी है.

एनडीएमसी में गड़बड़ झाला
एनडीएमसी में गड़बड़ झाला

नई दिल्ली: नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 135.84 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 178.95 करोड़ रुपये के मध्यम मुनाफे के साथ एक बजट पेश किया. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पालिका परिषद का बजट दिल्ली में प्रमुख नगर निकाय संगठन होने के नाते प्राप्तियों और व्यय दोनों में मामूली वृद्धि को दिखाया.

संशोधित अनुमान 2021-22 की तुलना में इसकी प्राप्तियों में 15% की अनुमानित वृद्धि 4381.43 करोड़ रुपये और इसके व्यय में 14.2% की वृद्धि के साथ 4202.48 करोड़ रुपये की वृद्धि लेकर पालिका परिषद का बजट वर्ष 2022-23 में भी COVID स्थिति के बावजूद 178 करोड़ रुपये के शुद्ध मुनाफे के साथ आत्मनिर्भर है के रूप में प्रस्तुत किया.

NDMC में गड़बड़झाला

पालिका अध्यक्ष धर्मेंद्र ने बजट पेश करते हुए कहा था कि NDMC ने एक मध्यम मुनाफे के साथ वित्तीय वर्ष समाप्त करने का विश्वास व्यक्त करते हुए भविष्योन्मुखी बजट पेश किया है, जिसमें पालिका परिषद ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 135.84 करोड़ के मध्यम मुनाफे के साथ बजट और वित्तीय वर्ष 2022- 23 के लिए 178.95 करोड़ रुपयों का अनुमानित बजट प्रस्तुत किया है. ये एक अच्छी तरह से शासित होने वाली और वित्तीय रूप से टिकाऊ नगरपालिका होने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाती है. बजट पर कोई सवाल खड़ा न करें, इसलिये बंद कमरे में पारित बजट इवेंट में मीडिया को भी नहीं आमंत्रित किया गया.

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नई दिल्ली पालिका कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधाकर कुमार बताते हैं कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि पालिका परिषद एशिया की सबसे मालदार नगर निकाय है, लेकिन दूसरी नगर निकायों की तरह एनडीएमसी को भी कोरोना काल में नुकसान उठाना पड़ा है. बड़ी ही सफाई से परिषद के अध्यक्ष ने छिपाते हुए केवल अपना नाक ऊंचा रखने के लिए फायदे का बजट प्रस्तुत किया है. पिछले वर्षों में काउंसिल मीटिंग में बहुत सारे अहम निर्णय लिए गये हैं, जिसके तहत कर्मचारियों के डीटीएल वेतनमान 2016 से लागू करने आरएमआर कर्मचारियों को पक्का करने एवं पदोन्नति देने समेत कई अहम निर्णय शामिल हैं.


NDMC ने कुछ इस तरह दिखाया है लाभ का बजट


1. पालिका परिषद के विद्युत आपूर्ति वितरण (डिस्कॉम) के प्रचालनों का एक अलग बजट प्रस्तुत किया गया है, जिसमें ₹ 33.47 करोड़ का शुद्ध मुनाफा दर्शाया गया है.


2. संसाधनों की कमी के चलते पुरानी योजनाओं को ही बजट में किया रिपीट

3. शहीद भगत सिंह प्लेस में पालिका सुविधा केंद्र को नागरिक संपर्क के लिए एकल बिंदु के रूप में एक आधुनिक पालिका नागरिक लाउंज में अपग्रेड किया जाएगा.

4. कनॉट प्लेस और हनुमान मंदिर जैसे विरासती स्थलों के व्यापक रखरखाव और कवर क्षेत्रों की साफ- सफाई की योजना.


5. एनडीएमसी पुस्तकालयों को विश्वस्तरीय पालिका ज्ञान केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा.


6. नई दिल्ली नगरपालिका परिषद, नगर निकाय संगठनों में पहली बार एक्यूलर आधारित बजट लागू करेगा.


7. पालिका परिषद भविष्य में डीजल/पेट्रोल आधारित यात्री कारों की खरीद बंद करके, इलेक्ट्रिक वाहन ही खरीदेगी.


8. एनडीएमसी केवल अक्षय ऊर्जा का उपभोग करके ग्रीन पावर डिस्कॉम बनने की ओर अग्रसर है.

9. स्मार्ट और पर्यावरण के अनुकूल आवागमन की सुविधा के लिए परिषद न्यू मोती बाग से नॉर्थ और साउथ ब्लॉक तक एक समर्पित साइकिल ट्रैक का निर्माण करेगी.

10. स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में 5 स्टार रैंकिंग हासिल करने के बाद, एनडीएमसी 7 स्टार रैंकिंग का प्रयास भी करेगी.

सुधाकर बताते हैं कि अकेले डीटीएल वेतनमान की बात करें तो 2016 से लेकर अब तक एनडीएमसी को कर्मचारियों को जो रकम भुगतान करना है, वह लगभग 500 करोड़ों रुपए होता है. उन्होंने कहा कि पालिका अध्यक्ष ने इन सारे मुद्दे को दरकिनार कर कर्मचारियों को उन्हें मिलने वाले लाभ से वंचित रखते हुए घाटे में चल रहे एनडीएमसी के बजट को मुनाफे का बजट के रूप में प्रस्तुत किया.

एनडीएमसी को सबसे पहले कर्मचारियों को उनके बकाए डीटीएल वेतनमान जो 2016 से बकाया है, उसका भुगतान करना चाहिए. कई वर्षों से पक्की नौकरी का इंतजार कर रहे आरएमआर कर्मचारियों को पदोन्नति के साथ-साथ वेतन वृद्धि एवं एरियर का भुगतान करते हुए पक्का करना चाहिए. अगर एनडीएमसी ये सारे काम करती तो निश्चित तौर पर बजट घाटे में जाता.

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