नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में आगामी समय में होने वाले नगर निगम के चुनावों को लेकर सियासी सुगबुगाहट तेज हो गई है. इस बीच नगर निगम चुनाव में हो रही देरी को लेकर सोमवार को आम आदमी पार्टी ने अपने राष्ट्रीय कार्यालय से लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला. इस पर दिल्ली बीजेपी के वरिष्ठ प्रवक्ता हरीश खुराना ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन करना आम आदमी पार्टी का लोकतांत्रिक अधिकार है वह विरोध करें, हमें उसमें कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन जिस तरह से आप नेताओं की तरफ दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग के कमिश्नर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है उसके ऊपर मुझे आपत्ति है.
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दिल्ली नगर निगम में चुनाव में हो रही देरी को लेकर आज आम आदमी पार्टी ने सोमवार को भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी भी की. इस दौरान भाजपा नेता ने कहा कि आम आदमी पार्टी के विरोध प्रदर्शन से किसी प्रकार का कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है.
हरीश खुराना ने कहा कि स्वायत्त रूप से संविधानिक संस्थाओं के ऊपर आरोप लगाना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. दिल्ली में नगर निगम के चुनाव कराना और उसकी तारीखों को तय करना पूरे तरीके से चुनाव आयोग का काम है. उस पर ऑब्जेक्शन उठाना गलत है. पिछले कई साल से इलेक्शन कमिश्नर दिल्ली में अपने पद पर कार्यरत हैं.ऐसे में आप की सरकार द्वारा पहले उन पर क्यों सवाल नहीं उठाए गए. क्योंकि इलेक्शन कमिश्नर से आप नेता नाराज है इसलिए उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं. नगर निगम का कार्यकाल 19 मई तक है. ऐसे में अभी चुनाव की घोषणा 19 अप्रैल तक कभी भी इलेक्शन कमिशन के द्वारा की जा सकती है.
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बीजेपी की दिल्ली प्रदेश इकाई के वरिष्ठ प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा कि पिछले सात साल से आम आदमी पार्टी राजधानी दिल्ली में सत्ता में है. ऐसे में इलेक्शन कमिश्नर जो पिछले कई साल से अपने पद पर कार्यरत हैं. उन पर पहले इस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगाए गए और अब क्यों लगाए जा रहे हैं. क्योंकि इलेक्शन कमिश्नर ने जो निर्णय लिया है उससे आप नेता नाराज है. इसलिए उनके ऊपर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं. उन्होंने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से पूछा कि जब नवंबर-दिसंबर में दिल्ली के तीनों मेयर ने एकीकरण को लेकर पत्र लिखा था. उस पर मनीष सिसोदिया बताए कि क्या वह नहीं चाहते कि नगर निगम का एकीकरण किया जाए और उनकी आर्थिक स्थिति सुधरे. मनीष सिसोदिया सीधा और स्पष्ट तौर पर जवाब दें कि वह नगर निगमों के रिफॉर्म को लेकर उसके पक्ष में है या विपक्ष में है.