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Sidhi Urination Case: सीएम कर रहे पांव धोने की नौटंकी! दशमत फिर बोला- मैं नहीं था वीडियो में, पर पता था होने वाला है लफड़ा..

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Published : Jul 10, 2023, 11:46 AM IST

Updated : Jul 10, 2023, 6:09 PM IST

MP Urination Case: सीधी पेशाब कांड से विवादों में घिरी एमपी सरकार को क्या-क्या नहीं करना पड़ा, लेकिन एक बार फिर इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है. दरअसल अब एक बार फिर दशमत रावत ने वीडियो में खुद की मौजूदगी होने से इनकार किया है, जिसे लेकर अब कांग्रेस का कहना है कि सीएम ने पीड़ित नहीं बल्कि किसी और के पांव धोने की नौटंकी की.

Sidhi Urination Case
सीधी पेशाब कांड

सीधी कांड के पीड़ित का वीडियो में मौजूदगी से इंकार

सीधी पेशाब कांडमें रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. पहले वीडियो वायरल हुआ, तब भाजपा के स्थानीय विधायक केदार शुक्ला ने आरोपी प्रवेश शुक्ला को अपने या भाजपा से जुड़े होने से ही इनकार कर दिया और इसके बाद भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे पर बात नहीं की. बाद में सोशल मीडिया पर प्रवेश शुक्ला की नियुक्ति और बड़े भाजपा नेताओं के साथ तस्वीरें वायरल हुईं तो भी किसी ने पलटकर इसका जवाब नहीं दिया. विवाद बढ़ा तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा को मीडिया के सामने आकर बयान देना पड़ा कि "अपराधी की कोई जाति या धर्म नहीं होता."

इतना ही नहीं शिवराज सरकार ने आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संदेश देकर मामले को ठंडा करने की कोशिश भी की. इसी के तहत दशमत को सीधी से भोपाल स्पेशल गेस्ट मान कर बुलाया गया और मुख्यमंत्री ने उसका पैर धोकर और गले लगाकर स्वागत किया. इस दौरान सीएम ने दशमत से माफी भी मांफी और उसे सुदामा(दोस्त) कहा. सीएम से मुलाकात के बाद दशमत को शासकीय वाहनों से सीधी पहुंचाया गया, लेकिन जब पीड़ित सीधी स्थित अपने गांव पहुंचा तो वहां उसके बयान बिलकुल अलग थे. आइए जानते हैं दशमत ने क्या कहा-

मैं नहीं था वीडियो में, प्रवेश शुक्ला ने मुझे फंसाया:दरअसल दशमत ने कहा कि "ये घटना 2020 की है, रात करीब 10-10.30 बजे थे. हम दुकान के बाहर गुटखा खा के बैठे थे, तभी प्रवेश शुक्ला आया और उसने पेंट की चेन खोलकर हमारे ऊपर पेशाब कर दी. हम उसको देखे भी नहीं कौन है, कैसा है, ये तो हम अभी देख रहे हैं, जब पूरी पब्लिक बोलने लगी. तब भी हम नहीं मान रहे थे कि ये हमारी वीडियो है, हम जब थाने में भी गए थे तो हमने कहा था कि ये हमारा विडियो नहीं है. कलेक्टर को भी हमने कहा था कि ये हमारा वीडियो नहीं है, ये प्रवेश शुक्ला अपने से ही हमको फंसा दिया."

दशमत ने आगे कहा कि "हम वीडियो देखने के बाद भी नहीं मान रहे थे कि ये हम ही हैं, लेकिन जब वो(प्रवेश शुक्ला) खुद ही कह रहा है कि उसने हम पर पेशाब किया तो हमने कहा हो गया.. मान लेते हैं. उस दिन(पेशाब कांड वाले दिन) हमको सुध नहीं थी, क्योंकि हमारी तबीयत ठीक नहीं थी और हमने दवाई ली थी, इसलिए कुछ याद नहीं है."

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पता था होने वाला है लफड़ा:इसके अलावा दशमत ने एफिडेविट को लेकर कहा कि "ये हम नहीं बनवाए थे, प्रवेश शुक्ला के चाचा विद्या शुक्ला ने हमसे कहा था कि सीधी चलना है, हमने सोचा सीधी जाने में हमें कोई दिक्कत नहीं है. वहां गए तो वो(विद्या शुक्ला) हमें एक कंम्प्यूटर वाले के पास ले गए, हम दूर बैठे थे और विद्या शुक्ला कंम्प्यूटर वाले के पास. दोनों तरफ से कूलर चल रहे थे और पंखा भी आवाज कर रहा था तो हमें कुछ सुनाई नहीं आया, लेकिन कंम्प्यूटर वाला पढ़ा-लिखा था तो जो विद्या शुक्ला बोल रहा था, वो(कंम्प्यूटर वाला) जल्दी-जल्दी लिख रहा था. बाद में जैसे ही पूरे कागज-पेपर पर हमसे अंगूठा लगवाए तो हम समझ गए थे कि कुछ लफड़ा होने वाला है.

दशमत के बयान को लेकर कांग्रेस फिर सरकार पर हमलावर

दशमत के बयान को लेकर कांग्रेस फिर सरकार पर हमलावर:फिलहाल अब दशमत के बयान को लेकर कांग्रेस, शिवराज सरकार को घेर रही है, कांग्रेस का कहना है कि "शिवराज ने किसी और के पांव धोने की नौटंकी की, असली पीड़ित लापता है क्या? शिवराज जी, इतना बड़ा षड्यन्त्र? मध्यप्रदेश आपको माफ नहीं करेगा." इसके अलावा बीजेपी सरकार में पूर्व मंत्री रहीं कुसुम मेहदेले ने पैर धोने को नौटंकी बताया, उन्होंने लिखा कि "कैसी-कैसी नौटंकियां हो रही हैं, दारू खोरों के पैर धोए जा रहे हैं, उन्हें लाखों रुपए दिए जा रहे हैं." हालांकि बाद में उन्होंने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया.

कुसुम मेहदेले ने पैर धोने को नौटंकी बताया

सीधी पेशाब कांड पर खूब हुई सियासत:सीधी पेशाब कांड मामले में बीजेपी सरकार पूरी तरह से घिरी नजर आई, आनन-फानन में आरोपी के घर बुलडोजर चलाया, जिसे लेकर ब्राह्मण समाज आगे आया और विरोध करते हुए मकान तुड़वाने के एवज में नए मकान के लिए 51,000 की राशि और साथ में चंदा जुटाने का आह्वान भी किया. इसके इतर बीजेपी ने सरकारी रिपोर्ट के बाद भी आदिवासी विधायकों की एक जांच समिति बना दी, तो वहीं कांग्रेस में भी एक जांच दल भेजा, जिसने अपनी रिपोर्ट कांग्रेस को सौंपी.

चौतरफा घिरी बीजेपी, ब्राह्मण हुए नाराज:विंध्य में पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बहुत सीटों का फायदा हुआ था, लेकिन इस बार राजनीतिक पंडितों की मानें तो बीजेपी को आदिवासी पेशाब कांड भारी पड़ता दिखाई दे रहा है. आरोपी के मकान का हिस्सा बुलडोजर से तोड़ा गया तो ब्राह्मण समाज मैदान में उतर आया है और उसने सरकार से इसके परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दे दी है.

Last Updated : Jul 10, 2023, 6:09 PM IST

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