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Agneepath scheme in army: अग्निपथ योजना और अग्निवीरों की भर्ती पर पूर्व सैनिकों की क्या है राय ?

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Published : Jun 18, 2022, 1:26 AM IST

अग्निपथ योजना की लॉन्चिंग (Agneepath scheme in army recruitment) के बाद से लगातार इसके खिलाफ पूरे देश में (Agnipath Scheme 2022) विरोध हो रहा है. अग्निपथ योजना पर ईटीवी भारत ने भूतपूर्व सैनिकों (Opinion of army ex servicemen on Agneepath scheme) से बात की है. जानिए सेना में नौकरी कर चुके वीर (Agneepath scheme in army) जवानों (recruitment of Agniveer) ने क्या (Agniveer in army ) कहा ?

Agneepath scheme in army
अग्निपथ योजना की लॉन्चिंग

रायपुर: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जून को अग्निपथ योजना की शुरुआत सेना में (Agnipath Scheme 2022) जवानों की भर्ती के लिए (Agneepath scheme in army recruitment) की. इस योजना में देश की सेना में चार साल के लिए युवाओं की भर्ती होगी. इस योजना के तहत भर्ती में शामिल होने वाले युवाओं को (Opinion of army ex servicemen on Agneepath scheme) अग्निवीर कहा जाएगा. साल 2022 में करीब 46 हजार युवाओं को सेना में भर्ती करने की प्लानिंग (recruitment of Agniveer) सरकार की है. अग्निवीरों की भर्ती में 17 साल से 23 साल के युवा हिस्सा ले सकेंगे. योजना के तहत भर्ती हुए 25 फीसदी युवाओं को सेना में आगे जाने का मौका मिलेगा और बाकी 75 फीसदी को चार साल के बाद नौकरी छोड़नी पड़ेगी. अग्निपथ योजना की लॉन्चिंग के बाद (Agnipath Recruitment Scheme) से लगातार इसके खिलाफ पूरे देश में विरोध हो रहा है. इस योजना पर ईटीवी भात ने भूतपूर्व सैनिकों से बात (Agniveer in army ) की है.

अग्निवीरों की भर्ती पर पूर्व सैनिकों की क्या है राय

अग्निपथ पर भूतपूर्व सैनिकों की राय:अग्निपथ योजना पर भूतपूर्व सैनिकों ने अपनी राय जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि इस योजना के जरिए सेना में काम करने का अच्छा मौका युवाओं को मिलेगा. चार साल के बाद जब वह युवा नौकरी छोड़ेगा तो उन्हें आसानी से दूसरी नौकरी मिल जाएगी. थल सेना के भूतपूर्व सैनिक विजय डागा ने बताया कि "बेरोजगार युवा नौकरी के लिए इधर-उधर भटकते हैं. सेना में जाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की जा रही अग्निपथ नाम की यह योजना युवाओं के लिए अच्छी रहेगी. इसमें आर्थिक लाभ होने के साथ ही देश की सुरक्षा में युवा अपनी भागीदारी दे सकेंगे. 4 साल की नौकरी करने के बाद जब सेना से युवा निकलेंगे, तब उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाएगा. दसवीं पास युवक को 12वीं का प्रमाण पत्र (Agnipath scheme controversy) मिलेगा. इसके अलावा सेना में काम करने का अनुभव प्रमाण पत्र मिलेगा. जिसके आधार पर युवाओं को दूसरी नौकरी मिलेगी. उसमें उन्हें प्राथमिकता दी (Agnipath scheme controversy) जाएगी.

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युवाओं को सेना की नौकरी का मिलेगा फायदा:नेवी से रिटायर सैनिक भूपेंद्र साहू ने भी अग्निपथ भर्ती योजना की तारीफ की. उन्होंने कहा कि "इस योजना से सैनिक आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में नौकरी कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि हर युवाओं को नौकरी मिले यह संभव नहीं है इसलिए 21 साल के बाद, जो लोग इस नौकरी को छोड़ेंगे उन्हें दूसरी नौकरी में इसका फायदा मिलेगा. इस नौकरी से युवाओं में एंडवेंचर लाइफ के प्रति रुझान बढ़ेगा. साथ ही उनमें अनुशासन रहेगा".

अग्निपथ योजना से क्यों नाराज हैं छात्र: कोरोना काल में सेना में जवानों की बहाली प्रभावित हुई (agneepath yojana protest) थी. बीते दो साल से सेना में भर्तियां नहीं हो पाई थी. कई परीक्षाओं के तो नतीजे लंबित थे. इस बीच सरकार ने अग्निपथ योजना को लॉन्च कर दिया और पुरानी भर्तियों को इस योजना के दायरे में लाने की बात कही गई. एक झटके में सभी कैंडिडेट की योग्यता रद्द हो गई. जो एग्जाम दे चुके थे. ऐसे छात्रों को सरकार के फैसले से गहरी निराशा (Agnipath scheme protest) हुई है. अधिकांश छात्र अब भी परिणाम का इंतजार कर रहे थे. दूसरी बात है कि पहले यह सभी नौकरियां स्थाई हुआ करती थी. लेकिन सरकार के इस फैसले से नौकरी की स्थाई प्रवृति लगभग खत्म होने के कगार पर है. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी (Agnipath scheme protest reason) होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. सरकारी नौकरी का सपना टूटने की बात कह युवा सड़कों पर उतर आए हैं.

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क्या है अग्निपथ योजना (what is agneepath scheme): केंद्र की अग्निपथ योजना के तहत इस साल 46 हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल किया जाना है. योजना के मुताबिक युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी और उन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा. अग्निवीरों की उम्र 17 से 21 वर्ष के बीच होगी और 30-40 हजार प्रतिमाह वेतन (Agnipath army recruitment plan) मिलेगा. योजना के मुताबिक भर्ती हुए 25 फीसदी युवाओं को सेना में आगे मौका मिलेगा और बाकी 75 फीसदी को नौकरी छोड़नी पड़ेगी.

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