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KCR ने 'तांत्रिकों' की सलाह पर टीआरएस का नाम बदलकर बीआरएस किया: सीतारमण

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Published : Oct 9, 2022, 3:14 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव पर निशाना साधा. सीतारमण ने कहा कि केसीआर ने राज्य को धोखा दिया और 'तांत्रिकों' की सलाह पर टीआरएस का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) कर दिया.

Nirmala Sitharaman
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

चेन्नई :केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (K Chandrashekar Rao) पर निशाना साधते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने तांत्रिक और अंकशास्त्र के जानकारों की सलाह पर न केवल राज्य सचिवालय जाना बंद कर दिया है, बल्कि लंबे समय तक महिलाओं को अपने मंत्रिमंडल में शामिल भी नहीं किया. सीतारमण शनिवार को चेन्नई के दौरे पर थीं.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता ने यह भी दावा किया कि केसीआर के नाम से जाने जाने वाले राव ने 'तांत्रिकों की सलाह' पर अपनी पार्टी का नाम बदल लिया है.

इस सप्ताह की शुरुआत में, राव ने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी की राष्ट्रीय विस्तार योजनाओं के तहत तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) कर दिया था. सीतारमण ने एक बयान में कहा, 'तेलंगाना की भावना को समझने के लिए टीआरएस का गठन किया गया था. राव ने तेलंगाना को धोखा दिया और तांत्रिकों की सलाह पर टीआरएस का नाम बदलकर भारतीय राष्ट्र समिति (बीआरएस) कर दिया.'

उन्होंने कहा कि जब तेलंगाना का गठन हुआ था, तब राव ने महिला सशक्तीकरण के बारे में भी बात की थी, 'लेकिन चार साल तक (2014 से 2018 तक) टीआरएस सरकार में एक भी महिला मंत्री नहीं शामिल की गई थी.'

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दक्षिणी राज्य में टीआरएस के फिर से सत्ता में आने के बाद भी लगभग एक साल तक कैबिनेट में कोई महिला मंत्री नहीं रही. उन्होंने कहा, 'केसीआर ने तांत्रिकों और अंकशास्त्रियों की सलाह पर सचिवालय जाना बंद कर दिया, कई वर्षों तक महिलाओं को अपने मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया और अब अपनी पार्टी का नाम बदल लिया है.'

सीतारमण ने कहा कि टीआरएस के शासन काल में तेलंगाना राजस्व-अधिशेष वाले राज्य की श्रेणी से राजस्व-घाटा वाले राज्य के रूप में तब्दील हो गया है. कालेश्वरम परियोजना के बारे में उन्होंने कहा कि इसे 40,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ पूरा किया जाना था, जो बढ़कर 1.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जबकि इसके वास्तविक कारणों का पता नहीं चल सका है. सीतारमण ने आरोप लगाया कि टीआरएस सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है.

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