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MP Engineer Got Award: एमपी के गांव के नौजवान का 'कार मॉडल' दुनिया में अव्वल, सूपर-डूपर गाड़ी बनाकर अंग्रेजों को कर दिया हैरान

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 9, 2023, 11:56 AM IST

Updated : Sep 9, 2023, 12:31 PM IST

Engineer Devashish Deshmukh Inspirational Story: छिंदवाड़ा जिले के मोरडोंगरी गांव के रहने वाले युवा इंजीनियर देवाशीष देशमुख ने विदेश में बड़ा कमाल किया है. देवाशीष के डिजाइन को यूरोप के स्वीडन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पोलस्टार डिजाइन कॉन्टेस्ट 2022 में पहला अवार्ड मिला है. पढ़िए देवाशीष की सफलता की पूरी कहानी...

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देवाशीष की कार डिजाइन को मिला पहला अवार्ड

देवाशीष देशमुख का 'कार मॉडल' दुनिया में अव्वल

छिंदवाड़ा।जरूरी नहीं है कि हुनर और कामयाबी शहर में ही मिले. क्योंकि ये साबित किया है छिंदवाड़ा जिले के छोटे से गांव के युवा इंजीनियर ने (Chhindwara Engineer Devashish Deshmukh). यूरोप में आयोजित हुई अंतरराष्ट्रीय पोलस्टार डिजाइन कॉन्टेस्ट में पांढुर्णा के मोरडोंगरी गांव से निकले इंजीनियर देवाशीष देशमुख की कार डिजाइन को स्वीडन यूरोप में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पोलस्टार डिजाइन कॉन्टेस्ट 2022 में पहला पुरस्कार मिला है.

किसान की बेटे का हुनर, विदेश में लहराया परचम:देवाशीष के पिता हंसराज देशमुख पेशे से शिक्षक थे लेकिन उन्होंने कुछ दिनों पहले रिटायरमेंट लेकर खेती करना शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि ''उनके बेटे देवाशीष ने सातवीं क्लास तक की पढ़ाई पांढुर्ना में ही की, उसके बाद नागपुर में 12वीं तक पढ़ा और फिर पुणे में पढ़ाई की. मास्टर डिग्री की पढ़ाई के लिए फ्रांस से उन्होंने एमटेक किया.'' यूरोप के स्वीडन में अंतरराष्ट्रीय पोलस्टार डिजाइन कांटेस्ट 2022 आयोजित हुआ था जिसमें 600 लोगों ने अपनी-अपनी कार की डिजाइन यहां पर एग्जीबिशन में रखी थी, जिसमें से देवाशीष देशमुख की कार्ड डिजाइन पहले नंबर पर आई.

देवाशीष की कार डिजाइन को मिला पहला अवार्ड

चॉइस के हिसाब से चुना करियर:देवाशीष की मां और पिता बताते हैं कि ''देवाशीष को बचपन से ही आर्ट एंड क्राफ्ट के साथ ही ड्राइंग का शौक था. परिवार वालों ने भी उनकी चॉइस के हिसाब से उसे करियर चुनने के लिए छूट दी थी. इसलिए उसने पुणे के एक कॉलेज से बैचलर ऑफ डिजाइन का कोर्स किया और मास्टर करने के लिए पेरिस गया. देवाशीष के शौक के आधार पर ही उसके करियर को चुनने के लिए परिजनों ने उसे छूट दी. ताकि वह आगे बढ़ सके और आज पूरी दुनिया में उसने अपनी सफलता का डंका बजाया है.

लड़ाकू विमान भी डिजाइन कर चुके हैं देवाशीष

कार की डिजाइन में कंपनी ने लगाया तिरंगा:देवाशीष के पिता हंसराज देशमुख का सीना गर्व से और भी चौड़ा तब हो जाता है जब वे बताते हैं कि ''उनके बेटे ने तरक्की तो खूब की है लेकिन जब उसकी डिजाइन कॉन्टेस्ट में पहले नंबर पर आई तो कंपनी ने कार की डिजाइन पर इसके नाम के साथ ही भारत का राष्ट्रीय ध्वज भी लगाया है. जिससे न सिर्फ उसके परिवार और गांव का नाम रोशन हुआ है भारत का नाम भी उसने गौरवान्वित किया है.''

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देवाशीष ने थर्माकोल से एरोप्लेन किए डिजाइन

एरोप्लेन से लेकर कार की कर लेता था डिजाइन:देवाशीष की मां नंदिनी देशमुख बताती हैं कि ''अधिकतर जब बच्चे को बाजार लेकर जाओ तो खाने-पीने की चीजों पर ज्यादा फोकस करते हैं. लेकिन देवाशीष इन सब से हटकर अपने पापा से सिर्फ खिलौने में कार खरीदने की जिद करता था और उसके बाद घर पर इस कार की डिजाइन पेपर या थर्माकोल की कटिंग से बनाता था. उसने एरोप्लेन से लेकर कई कार की डिजाइन थर्माकोल और एरोप्लेन से बना लिया था. उसकी इसी आदत को देखकर हमने उसकी चॉइस के हिसाब से उसे आर्ट एंड क्राफ्ट में पढ़ाई के लिए आगे बढ़ाया.''

मर्सिडीज कंपनी में इन्टर्नशिप:फिलहाल देवाशीष देशमुख फ्रांस के नीस शहर में मर्सिडीज कंपनी में इंटर्नशिप कर रहे हैं. स्वीडन की पोलस्टार कार कंपनी ने डिजाइन सेलेक्ट करने के बाद कार का एक मॉडल बनाया है. देवाशीष ने सिर्फ कार की डिजाइन ही नहीं लड़ाकू विमान से लेकर युद्ध टैंक तक अलग-अलग तरीके डिजाइन किए हैं.

Last Updated :Sep 9, 2023, 12:31 PM IST

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