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जयपुर पहुंचा शहीद संकल्प का पार्थिव शरीर...पिता सजाना चाहते थे सिर पर सेहरा, ओढ़ाना पड़ा कफन

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Published : Mar 12, 2022, 7:15 PM IST

कश्मीर में शुक्रवार को बीमार साथी को लेने जा रहे मेजर संकल्प यादव हेलीकॉप्टर क्रैश होने से शहीद (Sankalp Yadav martyr in helicopter crash) हो गए. शनिवार को उनका पार्थिव शरीर जयपुर (Dead body of martyr Sankalp Yadav reached Jaipur) लाया गया. यहां सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

Dead body of martyr Sankalp Yadav reached Jaipur
जयपुर पहुंचा शहीद संकल्प का पार्थिव शरीर

जयपुर : शहीद मेजर संकल्प यादव के घर आज सन्नाटा पसरा हुआ है. जिस संकल्प के सिर पर पिता इस साल सेहरा बांधने की तैयारी कर रहे थे आज उसके के लिए कफन-दफन का इंतजाम कर रहे हैं. यह देख देखने वालों की आंखें भी छलक पड़ीं. पूरा परिवार गमगीन है. माता-पिता की आंखोंं से रह-रह कर आंसू गिर रहे हैं. बेटे के जाने का गम बर्दाश्त नहीं हो रहा है. संकल्प के परिवार और सगे-संबंधियों के साथ ही सभी दुखी हैं क्योंकि उन्होंने अपना एक और वीर सपूत खो दिया.

शहीद संकल्प यादव की पार्थिव देह जयपुर (Dead body of martyr Sankalp Yadav reached Jaipur) पहुंच गई है. जयपुर पहुंचने पर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. शुक्रवार को कश्मीर में चीता हेलीकॉप्टर क्रैश में मेजर संकल्प यादव शहीद हो गए थे. संकल्प यादव बीमार सिपाही को लाने के लिए जा रहे थे, इस दौरान उनका हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया. शनिवार दोपहर को शहीद की पार्थिव देह जयपुर में सोडाला के नंदपुरी विस्तार में घर पहुंचा.

जयपुर पहुंचा शहीद का पार्थिव शरीर

शहीद संकल्प यादव के पिता सुरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि संकल्प यादव 15 जनवरी को 1 महीने की छुट्टियों पर घर आए थे. छुट्टियां खत्म होने के बाद 15 फरवरी को ड्यूटी पर लौटे थे. शादी की उम्र हो गई थी तो कुछ जगह प्रपोजल भी भेजे हुए थे. 2022 में शादी करने का विचार भी चल रहा था. शहीद के पिता ने बताया कि संकल्प यादव की पढ़ाई छठी क्लास तक तो लोकल स्कूल में हुई. इसके बाद कक्षा 6 से 11वीं कक्षा तक एसएमएस स्कूल में पढ़ाई की थी. इसके बाद 1 साल कपिल ज्ञानपीठ से शिक्षा प्राप्त की थी. इसके बाद एनडीए में दाखिला लिया.

सेना में जाने के लिए एग्जाम क्वालीफाई किया था. पिछले साल सितंबर में छुट्टियों पर वह आए थे और फिर अभी जनवरी में आए और फिर लंबा ब्रेक लेकर अक्टूबर में आने की बात कही थी. संकल्प यादव अति साहसी थे. उन्हें एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी रिस्क लेने का शौक था. संकल्प के पिता ने बताया कि फोन पर रोजाना बात होती थी, लेकिन सेना के बारे में कोई चर्चा नहीं करते थे.

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शहीद के चचेरे भाई मुकेश यादव ने बताया कि संकल्प बहुत ही मिलनसार थे. संकल्प की शुरू से ही मिलिट्री में जाने की रुचि थी. 2015 में उनका सिलेक्शन हुआ था. संकल्प के शहीद होने से परिजनों को काफी दुख पहुंचा है लेकिन साथ वे उसकी शहादत पर गर्व भी है. संकल्प के घर में माता-पिता और एक बड़े भाई हैं. पिता सुरेंद्र कुमार यादव, माता उषा यादव और बड़े भाई रोहिष यादव हैं. बड़े भाई की शादी हो चुकी है. मां शिक्षिका हैं और पिताजी कुछ दिन पहले ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से रिटायर हुए हैं. पड़ोस में रहने वाले राजेंद्र शर्मा ने बताया कि संकल्प यादव बहुत ही व्यवहार कुशल थे. जब भी छुट्टियों पर आते थे तो सभी से मिलते, खूब बातचीत करते थे.

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