कोच्चि (केरल) :एनर्जी ऑब्जर्वर, नवीकरणीय ऊर्जा और हाइड्रोजन द्वारा संचालित पहला 'शून्य-उत्सर्जन' प्रयोगशाला पोत, अपने विश्व भ्रमण के दौरान दक्षिण-पूर्व एशिया के दौरे के बाद कोच्चि पहुंचा. बोर्ड पर मौजूद विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों के अनुसार, यह दुनिया का पहला जहाज है जो समुद्र के पानी से डीकार्बोनाइज्ड हाइड्रोजन का उत्पादन करने में सक्षम है. यह सूर्य, हवा और समुद्री धाराओं जैसे नवीकरणीय ऊर्जा पर निर्भर ऊर्जा मिश्रण का उपयोग करता है.
यह जहाज बोलगट्टी पैलेस में खड़ा है और 23 नवंबर तक कोच्चि में रहेगा, जो भारत में एकमात्र पड़ाव है. यह अपनी ऊर्जा को समुद्री जल से उत्पादित हाइड्रोजन के रूप में संग्रहीत करने में भी सक्षम है. यह एक ऐसी तकनीक जो इसे पूर्ण स्वायत्तता में भ्रमण करने की अनुमति देती है. जहाज पर सवार एक वैज्ञानिक बीट्रिस कॉर्डियानो ने बताया कि कोच्चि में बोलगट्टी द्वीप पर इंटरनेशनल मरीना में रुकने के बाद पिछले 24 घंटों में लगभग 63 किलोग्राम हाइड्रोजन का उत्पादन किया जा चुका है.
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उसने कहा कि पोत हाइड्रोजन की सांद्रता के किसी भी परिवर्तन पर नजर रखने के लिए सेंसर सहित आवश्यक सुरक्षा उपायों से सुसज्जित है. उन्होंने दावा किया कि बोर्ड पर संग्रहीत 63 किलोग्राम हाइड्रोजन 2 मेगावाट बिजली प्रदान कर सकती है, यानी एक महीने के लिए चार घरों की औसत खपत के बराबर. 2017 में फ्रांस में अपने होमपोर्ट सेंट-मालो से निकलने के बाद, एनर्जी ऑब्जर्वर 2024 तक निर्धारित दुनिया भर में सफर कर रहा है.
एनर्जी ऑब्जर्वर के कप्तान और संस्थापक विक्टोरियन एरुसार्ड ने कहा कि पोत फ्रांस में विकसित किया गया था, और इसने 2017 से अब तक 6 मिलियन यूरो की शुरुआती लागत के साथ 45,000 समुद्री मील की दूरी तय की है. एनर्जी ऑब्जर्वर एक प्रयोगशाला है जहां इंजीनियर और शोधकर्ता नवीकरणीय ऊर्जा को सभी के लिए वास्तविकता बनाने के लिए नई तकनीकों का विकास कर रहे हैं.
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