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झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने ज्यूडिशियल सर्विस में होने वाली नियुक्तियों में की आरक्षण की मांग, आदिवासी समाज के लिए प्रावधान में संशोधन का किया आग्रह

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Published : May 24, 2023, 6:56 PM IST

Updated : May 24, 2023, 7:25 PM IST

Hemant Soren demanded reservation in judiciary
Hemant Soren demanded reservation in judiciary ()

झारखंड हाईकोर्ट के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने न्यायपालिका में आदिवासी समाज के लिए आरक्षण की मांग की है. मुख्यमंत्री ने जेल में बंद गरीब कैदियों के मामले को भी लेकर चिंता जताई है.

हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री, झारखंड

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन के उद्घाटन समारोह के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बड़ी मांग कर दी है. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मांग की है कि झारखंड जैसे आदिवासी राज्यों के लिए न्यायपालिका की व्यवस्था में आरक्षण की व्यवस्था देनी चाहिए. हेमंत सोरेन ने कहा कि सीनियर ज्यूडिशियल सर्विस में आदिवासी समाज के लोगों की संख्या नग्ण्य है. इसका कारण है कि उच्च न्यायपालिका की व्यवस्था में आरक्षण का प्रावधान नहीं है, चूंकि उच्च न्यायपालिका की व्यवस्था में आरक्षण का प्रावधान नहीं है, इसलिए राज्य में भी इसे लागू नहीं किया जा सकता. इसलिए आदिवासी समाज को इसमें आरक्षण नहीं मिल पाता. इसलिए मैं झारखंड जैसे आदिवासी राज्यों के लिए ज्यूडिशियल सर्विस में होने वाली नियुक्तियों में आरक्षण की व्यवस्था करने का आग्रह करता हूं. उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय मिश्रा के साथ कई लोग मौजूद थे.

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'जेलों में बंद गरीब कैदियों का मामला गंभीर-हेमंत सोरेन':हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछले साल महामहिम राष्ट्रपति ने जेलों में बंद गरीब कैदियों की चर्चा की थी और यह एक गंभीर चर्चा का विषय भी है. झारखंड सरकार ने भी ऐसे कई मामलों की लिस्ट तैयार की है, जिनमें पिछले 5 सालों से जांच लंबित हैं. उनमें से कुल 3400 लंबित मामलों का निपटारा किया गया है. तीन साल से लंबित वैसे मामले जिनका निष्पादन नहीं हुआ है, ऐसे मामलों की मॉनिटरिंग वे स्वयं कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि कोर्ट में लोक अभियोजकों की कमी के कारण कई बार पैरवी की दिक्कत होती थी. हमने पिछले महीने ही 107 लोक अभियोजकों की बहाली की है, ताकि लोगों को आसानी से न्याय मिल सके. झारखंड में न्याय प्रणाली की व्यवस्था के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए बहुत तेजी से काम किया जा रहा है. झारखंड में कुल 506 न्यायिक पदाधिकारी कार्यरत हैं. इसके लिए 658 कोर्ट रूम और 639 आवास उपलब्ध है. न्यायपालिका को मजबूत करने के लिए जिस चीज की भी आवश्यकता होगी, राज्य सरकार उसे उपलब्ध कराएगी. हेमंत सोरेन ने कहा कि न्यायपालिका के बेहतर कामकाज के लिए अगर कोई भी योजना बनाई जाती है तो राज्य सरकार उसमें हर तरह के सहयोग और सहायता के लिए तैयार रहेगी.

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वहीं इस अवसर पर झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय मिश्रा ने कहा जिन लोगों ने भी हाईकोर्ट भवन के निर्माण में सहयोग किया, उन सभी लोगों का धन्यवाद. खासतौर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का पूरा सहयोग हम लोगों को मिला है. इसके लिए हम सरकार के आभारी हैं.

'कानून व्यवस्था को मजबूत करने में जूटा केंद्र-अर्जुन राम मेघवाल':वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि हम लगातार कानून व्यवस्था को मजबूत करने में लगे हुए हैं और इसमें कानून मंत्रालय भी काम कर रहा है. साथ ही हमारी न्यायपालिका भी काफी तेजी से काम कर रही है. कोरोना काल में जिस तरीके से डिजिटल माध्यम से सुनवाई हुई है, वह पूरे विश्व में अपने आप में एक रिकॉर्ड है. जितनी सुनवाई कोरोना काल में डिजिटल माध्यम से हुई है, पूरे विश्व में कहीं नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि लगातार व्यवस्था बदल रही है और अब ऐसी भी स्थिति आ गई है, यातायात व्यवस्था को लेकर के अब 24 घंटे कई राज्यों में न्यायालय चलना भी शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि हम देश के विकास की तरफ चल रहे हैं और इसके लिए न्यायपालिका को जो भी जरूरत होगी, उसे मोदी सरकार देने को तैयार है.

Last Updated :May 24, 2023, 7:25 PM IST

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