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भारतीय नौसेना का रॉयल नेवी कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ युद्धाभ्यास

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Published : Jul 22, 2021, 8:44 PM IST

भारतीय नौसेना
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भारतीय नौसेना और रॉयल नेवी के नवीनतम एयरक्राफ्ट कैरियर, एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ के बीच पहले अभ्यास में सीएसजी-21 की भागीदारी शामिल थी, जिसमें टाइप 23 फ्रिगेट और अन्य सतह पर कारगर लड़ाकों के अलावा एक एस्ट्यूट क्लास पनडुब्बी शामिल थी.

नई दिल्ली :भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने 21 से 22 जुलाई 2021 तक बंगाल की खाड़ी में रॉयल नेवी कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (Royal Navy Carrier Strike Group) (CSG)-21 (जिसका नेतृत्व एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ ने किया) के साथ दो दिवसीय द्विपक्षीय पैसेज युद्धाभ्यास (पासेक्स) में भाग लिया. द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास दोनों नौसेनाओं की समुद्री क्षेत्र में एक साथ काम करने की क्षमता को बेहतर बनाने के लिए डिजाइन किया गया था.

भारतीय नौसेना और रॉयल नेवी के नवीनतम एयरक्राफ्ट कैरियर, एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ के बीच पहले अभ्यास में सीएसजी-21 की भागीदारी शामिल थी, जिसमें टाइप 23 फ्रिगेट और अन्य सतह पर कारगर लड़ाकों के अलावा एक एस्ट्यूट क्लास पनडुब्बी शामिल थी. भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व आईएन शिप सतपुड़ा, रणवीर, ज्योति, कवरत्ती, कुलिश और एक पनडुब्बी द्वारा किया गया था. पनडुब्बी रोधी युद्ध में सक्षम लंबी दूरी के समुद्री टोही विमान पी8I ने भी अभ्यास में भाग लिया.

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हिंद महासागर में सीएसजी-21 की उपस्थिति के साथ, जारी अभ्यास ने एएसडब्ल्यू, एंटी-एयर व एंटी-सरफेस वारफेयर सहित समुद्री सैन्य अभियानों के समूचे आयाम शामिल करने का उत्कृष्ट अवसर प्रदान किया है. इस अभ्यास में एफ 35 बी लाइटनिंग की पहली भागीदारी भी देखी गई, जो एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ के डेक से संचालित होता है.

वर्षों से नियमित भारतीय नौसेना- रॉयल नेवी के बीच साहचर्य ने लगातार बदलते सुरक्षा परिदृश्यों में उनकी पेशेवर क्षमता, अंतः क्रियाशीलता और अनुकूलन क्षमता को बढ़ाया है. पिछले वर्षों में हासिल की गई अंतर-संचालनीयता ने पेशेवर आदान-प्रदान की जटिलता और उसके परिमाण में एक बड़ा उछाल सुनिश्चित किया है, जिसे हिंद महासागर में रॉयल नेवी के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप की उपस्थिति से और अधिक बढ़ाया जा रहा है.

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