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MP News: डुप्लीकेट डिग्री लेने वाली फर्जी डॉक्टर की क्रिमिनल कुंडली, युवती निकली ड्रग्स सप्लायर, आशिक मोस्ट वांटेड

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Published : Jun 19, 2023, 6:24 PM IST

मध्यप्रदेश के ग्वालियर में जीवाजी विश्वविद्यालय में फर्जी तरीके से MBBS की डुप्लीकेट डिग्री लेने वाले मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. पुलिस को जांच में पता चला है कि डिग्री निकालने वाली युवती ड्रग्स सप्लायर है और उसका प्रेमी मोस्ट वांटेड है. (Gwalior Fake Doctor Case)

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फर्जी एमबीबीएस

फर्जी डॉक्टर की क्रिमिनल कुंडली

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के जीवाजी विश्वविद्यालय में फर्जी तरीके से एमबीबीएस (MBBS) की डुप्लीकेट मार्कशीट निकालने के मामले में एक के बाद एक नए खुलासे सामने आ रहे हैं. MBBS की फर्जी डिग्री पर मालेगांव के सरकारी हॉस्पिटल में सेवाएं देने वाली फर्जी डॉक्टर प्रतिक्षा दायमा और उसका प्रेमी मोहम्मद शफीक मालेगांव पुलिस की सूची में मोस्ट वांटेड निकला है. महाराष्ट्र पुलिस ने बताया है कि आरोपी युवती ड्रग्स सप्लायर है तो वही उसका प्रेमी मोहम्मद शफीक मोस्ट वांटेड अपराधी है. यह दोनों पिछले कई सालों से लिव-इन में रह रहे हैं. इन दोनों आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट पर लेने मालेगांव पुलिस ग्वालियर आने वाली है. ग्वालियर पुलिस ने इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर एक दिन के रिमांड पर ले रखा है. (Gwalior Fake Doctor Case)

शक के दायरे में विश्वविद्यालय: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में डॉक्टरों की एमबीबीएस की अंकसूची और डिग्री की डुप्लीकेट कॉपी निकलवाने का मामला काफी सुर्खियों में है. इस मामले में ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने जीवाजी विश्वविद्यालय से 5 साल का रिकॉर्ड मांगा था. जिसमें 32 घंटे बीत जाने के बाद विश्वविद्यालय ने 13 डॉक्टरों को एमबीबीएस की अंकसूची और डिग्री की डुप्लीकेट कॉपी देने की बात स्वीकार की है, लेकिन उन डॉक्टरों के नाम अब तक क्राइम ब्रांच को नहीं बताए हैं, जो डुप्लीकेट डॉक्यूमेंट लेकर गए हैं. इसलिए विश्वविद्यालय प्रबंधन पुलिस की जांच में शक के दायरे में है.

ग्वालियर टीम का मालेगांव से लौटने का इंतजार: वहीं इस पूरे मामले की जांच कर रहे क्राइम ब्रांच के एएसपी ऋषिकेश मीणा का कहना है कि मालेगांव पुलिस से जानकारी जुटाने पर पता चला है की प्रतीक्षा दायमा एक ड्रग्स सप्लायर है और दूसरा आरोपी मोहम्मद शफीक मालेगांव का मोस्ट वांटेड है. दोनों आरोपियों की मालेगांव पुलिस तलाश में थी. वहीं जांच में आरोपी प्रतीक्षा दायमा का एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है. जहां उसने मुंबई के पल्स केयर अस्पताल के स्टाफ होने का फर्जी प्रमाण पत्र नौकरी के दौरान लगाया था. अब ग्वालियर पुलिस को अपनी भरोसेमंद क्राइम ब्रांच की टीम का मालेगांव से लौटने का इंतजार है. जो 4 दिन से वहां डेरा डाली हुई है. वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फर्जी डिग्री बेचने का एक बड़ा रैकेट चलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. आरोपियों की 7 दिन की रिमांड अवधि खत्म होने के बाद न्यायालय में रिमांड अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन भी किया जाएगा और विश्वविद्यालय प्रबंधन के कर्मचारी अधिकारियों से भी पूछताछ जारी है.

बड़े रैकेट का हो सकता है खुलासा:आपको बता दें कि ग्वालियर की महिला डॉक्टर प्रतिक्षा शर्मा की एमबीबीएस डिग्री की डुप्लीकेट कॉपी निकलवाने में पकड़ी गई मालेगांव महाराष्ट्र की प्रतिक्षा दायमा और उसका साथी शफीक मोहम्मद क्राइम ब्रांच की पूछताछ में शक की सुई जीवाजी विश्वविद्यालय की ओर की है. इस मामले में 5 साल का रिकॉर्ड भी क्राइम ब्रांच ने विश्वविद्यालय से मांगा है. विश्वविद्यालय ने 13 डॉक्टरों को डुप्लीकेट डाक्यूमेंट्स देने की बात तो की है, लेकिन डॉक्टरों के नाम बताने पर चुप्पी साध गया है. क्राइम ब्रांच की जांच लगातार आगे बढ़ रही है. पुलिस को उम्मीद है एक बड़े रैकेट का खुलासा हो सकता है.(Gwalior Fake Doctor Drugs Supplier)

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डॉक्टर बनने की इच्छा, इसलिए फर्जी तरीके से निकाली डिग्री: इस पूरे मामले में यह भी पता लगा है कि आरोपी प्रतीक्षा दायमा मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन की डिग्री हासिल की है. इसके बावजूद उसने एमबीबीएस की डुप्लीकेट डिग्री निकालने के बाद मालेगांव के अस्पताल में प्रैक्टिस की थी. उसके बाद उसने महाराष्ट्र के मालेगांव में स्थित पल्सर केयर नाम के हॉस्पिटल में ड्यूटी की. सबसे खास बात यह है कि कोविड की दूसरी लहर में भी उसने मरीजों का इलाज भी किया. पुलिस की पूछताछ में इस युवती ने बताया है कि उसके पिता का सपना था कि वह डॉक्टर बने, लेकिन आर्थिक स्थिति ना होने के कारण वह डॉक्टर की पढ़ाई नहीं कर सकी. दिमाग के अंदर डॉक्टर बनने के तरीके सामने आ रहे थे. यही कारण है कि उसने अपने डॉक्टर का सपना पूरा करने के लिए दूसरी युवती की फर्जी तरीके से एमबीबीएस की डिग्री निकाल ली.

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