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जानिए कहां 'बाबू' हेलमेट पहनकर दफ्तर में करते हैं काम

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Published : Dec 17, 2021, 11:07 PM IST

वैसे तो कई सरकारी इमारतों की हालत खस्ता है लेकिन मुंगेर में एक ऐसा सरकारी कार्यालय (Munger Transport Corporation office) है जहां कर्मचारी हेलमेट पहनकर काम करते हैं. वहां हमेशा किसी हादसे की आशंका बनी रहती हैं लेकिन इस ओर संबंधित विभाग के बाबुओं की नजरे इनायत नहीं हो रही है.

government office
सरकारी कार्यालय

मुंगेर: आमतौर पर लोग सड़कों पर बाइक चलाने के दौरान हेलमेट पहनते हैं. ऐसा नहीं करने पर उनका चालना कटता है. जुर्माना भरना पड़ता है लेकिन बिहार के मुंगेर जिले में एक ऐसा कार्यालय है जहां कर्मचारी हेलमेट पहनकर काम करते हैं. यह है मुंगेर स्थित बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (Bihar State Road Transport Corporation) का कार्यालय.

दरअसल, इस कार्यालय की छत की स्थिति काफी जर्जर (Poor Condition of Government Office in Munger) है. छत का टुकड़ा कब कहां गिर जाए, यह कोई नहीं कह सकता. इसके डर से यहां के कार्यालय कर्मी हेलमेट लगाकर कार्यालय में काम करते हैं. इस कार्यालय में अर्दली से लेकर अधीक्षक तक हेलमेट पहनकर ही काम करते हैं. वह भी पूरे 8 घंटे तक. आप समझ सकते हैं कि 8 घंटे अगर लोग हेलमेट पहनकर काम कर रहे हैं तो कितनी परेशानी होती होगी.

निगम के रोकड़पाल के पद पर कार्यरत निरंजन कुमार ने कहा कि चार सालों से हम यहां कार्यरत हैं. छत से टुकड़ा टूटकर गिर पड़ता है. ये टुकड़े कहीं सिर पर ना गिर जाएं, इसलिए हेलमेट पहनकर काम करना मजबूरी है. कार्यालय सहायक चंदन कुमार का कहना है कि छत का टुकड़ा मेरे सिर पर कहीं गिर ना जाए, इसलिए हेलमेट पहनकर काम करते हैं. हेलमेट पहनकर काम करने में काफी परेशानी होती है. थोड़ी देर के लिए जब कार्यालय से बाहर निकलते हैं, तभी हेलमेट उतारते है. यहां सभी लोग हेलमेट पहन कर काम करते हैं.

1959 में बना है भवन
जानकारी देते हुए प्रतिष्ठान अधीक्षक विजय कुमार यादव ने बताया कि 1959 में बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के प्रतिष्ठान कार्यालय का भवन बना था. लगभग 60 वर्ष हो गये लेकिन कभी भी इस भवन का रिपेयरिंग नहीं हूं. अब भवन की स्थिति ऐसी है कि कब गिर जाए, कुछ पता नहीं. छत के टुकड़े समय-समय पर गिरते रहते हैं. इसलिए यहां के कार्यालय के कर्मी हेलमेट पहनकर काम करते हैं. कर्मी क्या, मुझे भी कार्यालय में बैठते समय हेलमेट पहनना पड़ता है. इस कार्यालय में कुल 8 कर्मी कार्यरत हैं.

कई बार हुआ पत्राचार, परिणाम शून्य
प्रतिष्ठान अधीक्षक ने बताया कि भवन की रिपेयरिंग को लेकर कई बार विभाग को लिखित सूचना दी गई है. कई वर्षों से पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं आता. 2020 में कुछ बातें हुई थीं लेकिन वह भी ढाक के तीन पात साबित हुए. अब तक कुछ नहीं हुआ. बिल्डिंग पूरी तरह जर्जर हो चुकी है.

ना तो बाथरूम में दरवाजा है ना कमरे में. भवन के किसी भी खिड़की में पल्ला नहीं है. पल्ला नहीं रहने के कारण ठंड के मौसम में सर्द हवाएं कर्मचारियों को काफी परेशान करती हैं. ठंड से बचने के लिए कर्मचारी खिड़की पर बोरा या चादर कील से अटका देते हैं.

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बरसात में हाथ में छाता और सिर पर हेलमेट
बुकिंग क्लर्क दीपक ने बताया कि 2017 से वह इस कार्यालय में कार्य कर रहे हैं. 4 साल बीत गए, हेलमेट लगाकर ही काम करते हैं. उन्होंने कहा कि अभी क्या, बरसात के समय में तो स्थिति और बुरी हो जाती है. जब छत से पानी टपकता है और कोई टुकड़ा गिरने का डर भी बना रहता है. सिर पर हेलमेट और एक हाथ से छाता पकड़कर काम करते हैं. बरसात में कमरे में ऐसा कोई स्थान नहीं जहां पानी नहीं गिरता हो. कागजात को पन्नी से ढककर किसी तरह सुरक्षित रखते हैं. हम लोग जान हथेली पर रखकर काम करने को मजबूर हैं.

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