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मुंगेर में विभागीय उदासीनता की भेंट चढ़ा पशुपालन ऋण योजना, लक्ष्य पूर्ति में भी फिसड्डी

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Published : Dec 13, 2021, 9:26 PM IST

Updated : Dec 13, 2021, 9:43 PM IST

पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पशुपालन ऋण योजना का लाभ मुंगेर जिले के पशुपालकों को नहीं मिल पा रहा है. ये योजना पशुपालन विभाग की उदासनीता के कारण फेल नजर आ रही है. पढ़ें पूरी खबर...

मुंगेर में विभागीय उदासीनता की भेंट चढ़ा पशुपालन ऋण योजना
मुंगेर में विभागीय उदासीनता की भेंट चढ़ा पशुपालन ऋण योजना

मुंगेर : बिहार में मत्स्य एवं पशुपालन विभाग की पशुपालन को बढ़ावा देने की कई योजनाएं चलायी जा रही हैं. लेकिन सरकारी की ये योजनाएं सिर्फ फाइलों तक ही सीमित रह गई है. जमीन पर कुछ नहीं दिख रहा है. इसका जीता जागता उदाहरण में मुंगेर में जिले में देखने को मिल रहा है. जहां पशुपालन को बढ़ावा देने वाली पशुपालन ऋण योजना (Animal Husbandry Loan Scheme ) विभाग की उदासीनता के कारण दम तोड़ रही है. जिसकी मार जिले के पशुपालकों को झेलनी पड़ रही है. जिनमें ज्यादातर पशुपालन करनेवालों लोगों को इस योजना की जानकारी तक नहीं है.

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लक्ष्य से कोसों दूर : दरअसल, पशुपालन विभाग द्वारा अक्टूबर 2021 से फरवरी 2022 तक मेगा कैंप आयोजित कर 6750 पशुपालकों को पशु पालन ऋण केसीसी द्वारा उपलब्ध कराना था. लेकिन दिसंबर का आधा महीना बीतने को है. अब तक के लक्ष्य के मुकाबले मात्र 149 पशुपालकों का मात्र चयन हुआ है. चयन के बाद 50 को ही बैंक से पैसा मिल पाया. अगर ऋण देने की योजना इसी रफ्तार में रही तो किसी भी हालत में फरवरी 2022 तक 6750 का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाएगा. ऐसे में सरकारी उदासीनता के कारण इस योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है.

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'जिले में प्रत्येक शुक्रवार प्रखंड एवं मुख्यालय स्तर पर पशुपालन ऋण योजना के लिए मेगा कैंप लगाया जा रहा है. इसमें पशुपालक ऋण के लिए आवेदन देकर इस योजना का लाभ ले सकते हैं.' :- सुमंत कुमार, पशुपालन विभाग के अधिकारी

लोगों को योजना की जानकारी नहीं : पशुपालन विभाग द्वारा पशुपालकों के महत्वाकांक्षी योजना पशुपालन ऋण केसीसी के बारे में पशुपालकों को पता ही नहीं है. ऐसे में वे इस योजना का लाभ कैसे लेंगे यह एक बड़ा सवाल है? मुंगेर जिला के कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत बासुदेवपुर ओपी के नयागांव भोला थान के रहने वाले पशु पालक सुनील कुमार ने बताया कि पशुपालन ऋण किसान क्रेडिट कार्ड से उन्हें चारा खरीदने के लिए ऋण दिया जाएगा. इस योजना के बारे में उसे जानकारी ही नहीं है.

'ये बहुत अच्छी योजना है. पशुओं का चारा खरीदने में बड़ी समस्या होती है. कभी-कभी तो कर्ज लेकर चारा खरीदना पड़ता है. अगर सरकार पशुपालन के लिए चारा दे रही है तो अच्छी बात है. लेकिन योजना का लाभ कैसे मिलेगा यह तो मुझे पता ही नहीं है.' :- सुनील कुमार, पशुपालक

क्या है पशुपाल ऋण योजना : दरअसल, पशुपालन विभाग पशुपालकों को गाय बकरी आदि के चारे के लिए साल में एक निश्चित राशि ऋण के रूप में मुहैया कराती है. जैसे एक गाय के लिए न्यूनतम 60 से ₹70 हजार रुपये केसीसी किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से मुहैया कराती है. इस संबंध में पशुपालन अधिकारी शेखर कुमार ने बताया कि इसपर मात्र 2% ही आरबीआई के न्यूनतम ब्याज दर लगता है. पशुपालक को ऋण उन्हें पशु चारा खरीदने के लिए दिया जाता है ताकि वह पशुओं को सही रूप से चारा खिला सके और उनसे दूध आदि बेचकर समय पर ऋण भी चुकता कर दें और उन्हें मुनाफा भी मिले. यह स्वरोजगार के लिए बेहतर योजना है.
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Last Updated :Dec 13, 2021, 9:43 PM IST
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