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छत्तीसगढ़ में राम वनगमन पथ से सियासी समीकरण साधने में जुटी बघेल सरकार

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Published : May 1, 2023, 7:36 PM IST

अब तक देश में हिंदुत्व और भगवान राम के नाम पर राजनीति करने का आरोप भाजपा पर ही लगता रहा है. छत्तीसगढ़ में इस मुद्दे को कांग्रेस ने भाजपा से छीन लिया है. कांग्रेस हर उस काम को बड़ी ही श्रद्धा भक्ति के साथ कर रही है, जिसके सहारे कभी भाजपा वर्ग विशेष के वोटरों को अपना मानकर चला करती थी. छत्तीसगढ़ की राजनीति में हिंदुत्व के मुद्दे पर अब भाजपा की धार कुंद होती दिख रही है. छत्तीसगढ़ सरकार किन 9 जगहों पर भगवान राम की मूर्तियां स्थापित करेगी, आखिर इन जगहों पर कांग्रेस की क्या है स्थिति और बीजेपी को हराने के लिए कैसे काम करेगी ये रणनीति, इन सारे सवालों का जवाब जानने के लिए पढ़ें ईटीवी की खास रिपोर्ट.

Ram Vanagaman Path
राम वनगमन पथ से सियासी समीकरण

छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पथ से सियासी समीकरण

रायपुर:कांग्रेस सरकार लगातार हिंदुत्व और राम के मुद्दे को लेकर काम कर रही है. चाहे वह कौशल्या मंदिर का जीर्णोद्धार हो या फिर राम गमन पथ का निर्माण. या फिर प्रदेश के 9 जगहों पर विशालकाय भगवान राम की प्रतिमा स्थापित करना. गाय के गोबर से लेकर गोठानों की व्यवस्था का भी काम कांग्रेस सरकार रही है. ऐसे में भाजपा से हिंदुत्व, राम और गाय का मुद्दा छत्तीसगढ़ में छिनता नजर आ रहा है. चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस सरकार का यह प्रयास सीधे तौर पर उन जगहों पर मतदाताओं को साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.



भगवान का नाम इस्तेमाल करती है भाजपा-मरकाम:कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम का कहना है कि "भगवान राम के नाम पर भाजपा राजनीति करती रही है. वह भाजपा के लिए वोट बैंक होता था. 15 साल भाजपा ने सत्ता में रहते हुए कोई काम नहीं किया. यही वजह रही कि 15 साल सत्ता पर रहने के बाद भाजपा महज 15 सीटों पर सिमट कर रह गई है. हमारी सरकार आने के बाद लगातार काम किया जा रहा है. आज प्रदेश में राम वनगमन पथ बनाया जा रहा है. गोबर और गोमूत्र खरीदा जा रहा है." मोहन मरकाम ने कहा कि "अब प्रदेश की जनता भाजपा के बहकावे में नहीं आने वाली है. आगामी विधानसभा चुनाव में हमें एक बार फिर जीत हासिल होगी."

अब भागवान राम की शरण में आ गए प्रमाण मांगने वाले-अमित साहू:भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अमित साहू का कहना है कि "जो कांग्रेसी एक समय भगवान राम के अस्तित्व को नकारते रहे, राम के होने का प्रमाण मांगते थे, आज चुनावी लाभ के लिए वे भगवान राम की शरण में आ गए हैं. एक ओर मुख्यमंत्री के पिता भगवान राम को अपशब्द कहते हैं और दूसरी ओर मुख्यमंत्री भगवान राम की मूर्ति लगवा रहे हैं. प्रदेश की जनता इनके छलावे में नहीं आने वाली है."


छत्तीसगढ़ में भाजपा से छिन गया राम का मुद्दा:राजनीतिक जानकार का भी कहना है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने भाजपा से राम का मुद्दा छीन लिया है. राजनीति के जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का कहना है कि "जब से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी है, तब से लगातार भगवान राम और गाय को लेकर सरकार काम करती रही है. यही वजह है कि छत्तीसगढ़ में भजपा के हाथ से राम और गाय का मुद्दा छिनता नजर आ रहा है."

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राम मूर्ति के जरिए वोटरों को साधने की कोशिश:जिन 9 जगहों पर भगवान राम की विशालकाय मूर्ति स्थापित हो रही है, उनमें से 8 जगहों पर कांग्रेस के विधायक हैं. मात्र एक जगह जांजगीर-चांपा में भाजपा के विधायक हैं. ऐसे में जहां एक ओर कांग्रेस इन आठों विधानसभा सीटों पर अपना दबदबा बरकरार रखना चाहती है, बल्कि आसपास के विधानसभाओं को भी राम मूर्ति स्थापित कर साधने की कोशिश में है. हालांकि कांग्रेस का यह प्रयास कितना सफल होगा यह तो विधानसभा चुनाव के बाद ही पता चल सकेगा.

इन 9 जगहों पर स्थापित होगी भगवान राम की विशालकाय प्रतिमा:
1. चंदखुरी (रायपुर)

2. राजिम (गरियाबंद)

3. शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा)

4. सीतामढ़ी हरचौका (कोरिया)

5. रामगढ़ (सरगुजा)

6. तुरतुरिया (बलौदाबाजार)

7. सिहावा सप्तऋषि आश्रम (धमतरी)

8. जगदलपुर (बस्तर)

9. रामाराम (सुकमा)

तीन जगहों पर स्थापित हो चुकी मूर्तियां:कांग्रेस सरकार रामवनगमन पथ के नौ स्थानों पर भगवान राम की विशालकाय मूर्तियां लगवा रही है. इनमें से चंदखुरी, राजिम और शिवरीनारायण में मूर्तियां लगाई जा चुकी हैं. वहीं अगले तीन महीने में राज्य सरकार रामवनगमन पथ का काम पूरा करने की कोशिश में है. इन जगहों पर 25-25 फीट की मूर्तियां लगाई जाएंगी, जिनका प्लेटफार्म 16 फीट ऊंचा होगा. इस तरह एक मूर्ति की ऊंचाई 41 फीट की होगी. चंदखुरी की मूर्ति 51 फीट की है. राम वनगमन पथ के 2260 किलोमीटर के नौ प्रमुख स्थानों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित भी किया जा रहा है. इन जगहों पर प्लांटेशन के साथ ही लाइटिंग भी की व्यवस्था की जाएगी.

इन 9 स्थानों पर राजनीतिक दलों की स्थिति

1.चंदखुरी (रायपुर)
जिले के 126 तालाब वाले इस गांव में जलसेन तालाब के बीच में भगवान राम की माता कौशल्या का मंदिर है. कौशल्या माता का दुनिया में यह एकमात्र मंदिर है. चंदखुरी को माता कौशल्या की जन्मस्थली कहा जाता है, इसलिए यह भगवान राम का ननिहाल कहलाता है. यह स्थान आरंग विधानसभा में है, जहां से कांग्रेस के डॉक्टर शिव कुमार डहरिया विधायक हैं. यह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है. शिव कुमार डहरिया को 2018 के विधानसभा चुनाव में 45.50 फीसदी तो दूसरे नंबर पर रहे संजय ढीढी को 28.92 फीसदी वोट मिले थे.

चंदखुरी रायपुर

2. राजिम (गरियाबंद)
यह गरियाबंद जिले का प्रयाग कहा जाता है, जहां सोंढुर, पैरी और महानदी का संगम है. कहा जाता है कि वनवास काल में भगवान राम ने इस स्थान पर अपने कुलदेवता महादेव की पूजा की थी. इसलिए यहां कुलेश्वर महाराज का मंदिर है. यहां मेला भी लगता है. यह क्षेत्र राजिम विधानसभा के अंतर्गत आता है, जहां से कांग्रेस के अमितेश शुक्ल विधायक हैं. यह अनारक्षित सीट है. अमितेश शुक्ल को 2018 के विधानसभा चुनाव में 56.42 फीसदी तो दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के संतोष उपाध्याय को 23.30 फीसदी वोट मिले थे.

राजिम गरियाबंद


3. शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा)
जांजगीर चांपा जिले के इस स्थान पर रुककर भगवान राम ने शबरी के जूठे बेर खाए थे. यहां जोक, महानदी और शिवनाथ नदी का संगम है. यहां नर-नारायण और शबरी माता का मंदिर भी है. मंदिर के पास एक ऐसा वट वृक्ष है, जिसके दोने के आकार में पत्ते हैं। यह क्षेत्र जांजगीर चांपा विधानसभा के अंतर्गत आता है, जहां से भाजपा के नारायण चंदेल विधायक हैं. नारायण चंदेल वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष भी हैं. यह सीट अनारक्षित है. भाजपा के नारायण चंदेल ने 36.73 तो यहां दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के मोतीलाल देवांगन को 33.89 फीसदी वोट से संतोष करना पड़ा था.

शिवरीनारायण जांजगीर चांपा



4. सीतामढ़ी हरचौका (कोरिया)
भगवान राम के वनवास काल का पहला पड़ाव यही माना जाता है. नदी के किनारे यह स्थान है, जहां गुफाओं में 17 कक्ष हैं. इसे सीता की रसोई के नाम से भी जाना जाता है. यह क्षेत्र भरतपुर-सोनहट के अंतर्गत आता है जहां से कांग्रेस से गुलाब कमरो विधायक हैं. यह अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है. गुलाब कमरो ने 38.85 परसेंट वोट हासिल किया तो 26.43 परसेंट वोट के साथ भाजपा की चंपादेवी पावले दूसरे नंबर पर थीं.

सीतामढ़ी हरचौका कोरिया

5. रामगढ़ (सरगुजा)
सरगुजा जिले में रामगढ़ की पहाड़ी में तीन कक्षों वाली सीताबेंगरा गुफा है. यह देश की सबसे पुरानी नाट्यशाला कही जाती है. माना जाता है कि वनवास काल में भगवान राम यहां पहुंचे थे, यह माता सीता का कमरा था. कालीदास ने मेघदूतम की रचना यहीं की थी. यह क्षेत्र अम्बिकापुर विधानसभा के अंतर्गत आता है, जहां से टीएस सिंह देव विधायक हैं, जो वर्तमान में सरकार में स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. यह अनारक्षित विधानसभा सीट है. कांग्रेस के टीएस सिंहदेव को 56.19 तो भाजपा के अनुराग सिंहदेव को 34.02 परसेंट वोट मिले थे.

रामगढ़ सरगुजा


6. तुरतुरिया (बलौदाबाजार)
बलौदाबाजार भाटापारा जिले के इस स्थान को लेकर जनश्रुति है कि महर्षि वाल्मीकि का आश्रम यहीं था. तुरतुरिया ही लव-कुश की जन्मस्थली थी. बलभद्री नाले का पानी चट्टानों के बीच से निकलता है, जिससे तुरतुर की ध्वनि निकलती है. इस आवाज के कारण ही इसका तुरतुरिया नाम पड़ा. यह क्षेत्र कसडोल विधानसभा के अंतर्गत आता है, जहां से कांग्रेस की शकुंतला साहू विधायक हैं. यह अनारक्षित सीट है. कांग्रेस की शकुंतला साहू को 49.14 तो भाजपा से गौरीशंकर अग्रवाल ने 29.54 फीसदी वोट बटोरे थे.

तुरतुरिया बलौदाबाजार

7. सिहावा सप्तऋषि आश्रम (धमतरी)
धमतरी जिले के सिहावा की विभिन्न पहाड़ियों में मुचकुंद ऋषि, अगस्त्य ऋषि, अंगिरा ऋषि, श्रृंगि ऋषि, कंकर ऋषि, शरभंग ऋषि, गौतम ऋषि आदि का आश्रम है. राम ने दण्डकारण्य के आश्रम में ऋषियों से भेंट कर कुछ समय बिताया था. यह क्षेत्र सिहावा विधानसभा के अंतर्गत आता है. यहां से कांग्रेस की लक्ष्मी ध्रुव विधायक हैं. यह अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है. कांग्रेस की लक्ष्मी ध्रुव 56.45 फीसदी वोट के साथ विजेता बनीं तो भाजपा की पिंकी शिवराज शाह ने 27.47 परसेंट वोट के साथ दूसरे नंबर पर रहीं.

सिहावा सप्तऋषि आश्रम


8. जगदलपुर (बस्तर)
बस्तर जिले का यह मुख्यालय है और चारों ओर वन से घिरा हुआ है. माना जाता है कि वनवास काल में भगवान राम जगदलपुर क्षेत्र से गुजरे थे, क्योंकि यहां से चित्रकोट का रास्ता जाता है. जगदलपुर को पाण्डुओं के वंशज काकतिया राजा ने अपनी अंतिम राजधानी बनाई थी. यह क्षेत्र जगदलपुर विधानसभा के अंतर्गत आता है, जहां से कांग्रेस के रेख चंद जैन विधायक हैं. यह अनारक्षित सीट है. कांग्रेस की रेखचंद जैन 52.92 फीसदी वोट के साथ विजेता बनीं तो वहीं भाजपा से संतोष बाफना 33.95 फीसदी वोट के साथ दूसरे नंबर पर रहे.

जगदलपुर बस्तर

9. रामाराम (सुकमा)
छत्तीसगढ़ में भगवान श्रीराम के वनगमन के अनुसार कुटमसर होते हुए भगवान राम शबरी नदी के तट पर स्थित रामाराम पहुंचे. यहां पर माता सीता संग भगवान श्रीराम ने भू-देवी की पूजा की थी. ठीक उसके बाद वो इंजराम पहुंचे थे. इसलिए यहां स्थानीय देवी-देवताओं के साथ भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना भी की जाती है. यह क्षेत्र कोंटा विधानसभा के अंतर्गत आता है. यहां से कांग्रेस के कवासी लखमा विधायक हैं. यह अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है. 35.50 फीसदी वोट के साथ कवासी लखमा ने भाजपा के धनीराम बारसे को शिकस्त दी. धनीराम को 27.8 फीसदी वोट मिले थे.

रामाराम सुकमा

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