बस्तर दशहरा (Bastar Dussehra) की प्रसिद्ध रस्म रथ परिक्रमा (Ritual Chariot Circumambulation) का बीते देर रात समापन हो गया. रथ परिक्रमा की आखिरी रस्म बाहर रैनी के तहत माड़िया जाति (Madiya Caste) के लोगों की ओर से परंपरा अनुसार 8 पहियों वाले रथ को चुराकर कुम्हड़ाकोट ले जाया जाता है. जिसके बाद राज परिवार की तरफ से रूठे ग्रामीणों को मनाकर और उनके साथ नवाखानी 'खीर' खाकर वापस राज महल परिसर में लाया जाता है. बस्तर में दशहरा पर विजयदशमी के एक दिन बाद इस रस्म को निभाया जाता है. वहीं, भारत के अन्य जगहों पर मनाए जाने वाले रावण दहन के विपरीत बस्तर में दशहरे का हर्षोल्लास रथ उत्सव के रूप में नजर आता है. वहीं, इस बार रस्म में राज्यपाल अनुसुइया उइके भी शामिल हुईं और बस्तर राजकुमार और आदिवासियों के साथ नवाखानी खीर खाकर बस्तरवासियों को पर्व की बधाई दी.