छत्तीसगढ़

chhattisgarh

Fourth day of Navratri : अष्टभुजी माता कूष्मांडा को मालपुआ और कुम्हड़े का भोग लगाकर करें प्रसन्न

By

Published : Mar 24, 2023, 5:25 AM IST

नवरात्रि का चौथा दिन कूष्मांडा देवी को समर्पित है. कूष्मांडा माता आदिशक्ति दुर्गा का स्वरूप हैं. अष्टभुजाओं वाली देवी माता कूष्मांडा, रोग और शोक का नाश करने वाली मानी गईं हैं. माता को मालपुआ और कुम्हड़े का भोग प्रिय है.

Fourth day of Navratri
कूष्मांडा माता की आराधना और पूजा

कूष्मांडा माता की आराधना और पूजा

रायपुर :नवरात्रि के चौथे दिन माता कूष्मांडा स्वरूप की पूजा होती है. इस साल माता कूष्मांडा की पूजा वाले दिन गणेश चतुर्थी भी पड़ रही है. इसलिए माता के साथ गणपति का भी पूजन होगा. कूष्मांडा माता अष्टभुजा देवी हैं. जिनके हाथों में चक्र, गदा, कमंडल, धनुष, अमृत कलश और कमल के फूल हैं. माता कूष्मांडा रोग और शोक का नाश करने वाली देवी मानी गईं हैं. माता को मालपुआ का भोग पसंद है.



कैसे करें माता कूष्मांडा की आराधना :नवरात्रि के चौथे दिन माता कूष्मांडा की पूजा की जाती है. कूष्मांडा को साहस और शक्ति की देवी माना गया है. देवी को पीले रंग के पुष्प, सूरजमुखी के फूल, कमल प्रिय हैं.साथ ही मौसमी फल माता को भोग में लगाया जाता है.

ब्रह्मांड की रचयिता हैं कूष्मांडा :माता कूष्मांडा आदि शक्ति देवी दुर्गा का रूप हैं. पुराणों में विदित है कि ब्रह्मांड की रचना माता कूष्मांडा ने की है. विनायक चतुर्थी का संयोग के कारण इस साल कूष्मांडा की आराधना अभिष्ट फल को देगी. माता की आराधना के साथ साथ गणेश चालीसा, गणेश ऋण मोचन मंत्र, गणेश आरती, गणेश सहस्त्रनाम का पाठ करने से जातक को अच्छा फल मिलेगा.

ये भी पढ़ें-कांकेर की देवी सिंहवासिनी की पूजा

कुम्हड़े का भोग है प्रिय :इस साल माता का आगमन नाव में हुआ है.इसलिए वर्षा का संयोग पूरे भारतवर्ष में बना रहेगा. अच्छी वर्षा के कारण किसानों को अच्छी फसल मिलेगी. वहीं मान्यताओं में कूष्मांडा माता को कुम्हड़े का भोग लगाने की भी परंपरा है. अनेक स्थानों पर भंडारे में नवरात्रि के चौथे दिन कुम्हड़े की सब्जी बांटी जाती है."

ABOUT THE AUTHOR

...view details