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सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए दस फीसदी आरक्षण जारी, SC के फैसले का राजनीति पर असर

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Published : Nov 7, 2022, 4:56 PM IST

Updated : Nov 7, 2022, 6:43 PM IST

impact of SC decision on politics सामान्य वर्ग में आने वाले सभी धर्मों के लोगों को उनकी आर्थिक स्थिति के आधार पर ही आरक्षण का लाभ प्राप्त होगा. यदि सामान्य वर्ग का व्यक्ति सालाना 8 लाख से कम आय प्राप्त करता है तो वह इसके योग्य माना जाएगा. ये आरक्षण केवल आर्थिक रूप से कमजोर लोगो को ही मिलेगा.इस बात का फैसला सुप्रीम कोर्ट में हुआ है.

SC के फैसले का राजनीति पर असर
SC के फैसले का राजनीति पर असर

रायपुर : सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10% आरक्षण जारी रहेगा. इसकी मंजूरी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दे (reservation issued for poor of general category ) दी. सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा, साथ ही इसका चुनाव में किस तरह का असर देखने को मिल सकता है. इस श्रेणी में आने वाले लोगों को क्या फायदा होगा. इन तमाम विषयों पर ईटीवी भारत से विस्तार से बात की वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा ने.

SC के फैसले का राजनीति पर असर
आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को लाभ :वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा ने बताया कि भारत में जो आरक्षण व्यवस्था लागू की गई थी. वह जातिगत आधार पर थी. जिसमें प्राचीन काल से जातिगत, सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े एवं जिनमें शिक्षा का अभाव था उन्हें शामिल किया गया था. इसके बाद साल 2015-16 में केंद्र सरकार के द्वारा इसमें एक नया कोटा 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस जोड़ा. जिसमे आर्थिक रूप से कमजोर और पिछड़े हुए लोग को शामिल किया गया. लेकिन यह इंदिरा साहनी वाले केस में 50% का उल्लंघन करता था. क्योंकि 50% से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जाता था. बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया. जहां 5 जजों की पीठ ने इस पर अपना निर्णय सुनाया है. इन 5 जजों में से 3 जज ने आर्थिक रुप से कमजोर लोगों के लिए 10% आरक्षण को सही ठहराया है. इससे 50% आरक्षण का उल्लंघन नहीं हो रहा है. शशांक ने कहा कि यह केंद्र सरकार की नीति की जीत है राजनीति की बात की जाए तो इससे केंद्र की भाजपा सरकार को सामान्य वर्ग का विश्वास और समर्थन हासिल हुआ है.


आगामी चुनाव में कितना होगा असर :सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का आगामी चुनाव पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर शशांक शर्मा ने कहा कि '' आरक्षण 50% वाले कोटे में किसी तरह की कटौती नहीं की गई है , इसके बाद 10% आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दिया जा रहा है. आरक्षण के दोनों केटेगरी को एक समान नहीं देखा जा सकता है. एक तरीके से यह निर्णय भाजपा सरकार के पक्ष में गया है और जिसका लाभ आने वाले चुनाव में भाजपा को मिलेगा. जो आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से अच्छी शिक्षा नही ले पा रहे थे उन्हें बड़ी राहत मिलेगी.''


क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला : बता दें कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को दिए गए आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर लग गई है. चीफ जस्टिस यूयू ललित के नेतृत्व में 5 जजों की पीठ ने 3:2 से संविधान के 103वें संशोधन के पक्ष में फैसला सुनाया. हालांकि, चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस रवींद्र भट ने EWS कोटा के खिलाफ अपनी राय रखी. बाकी तीन जजों ने कहा यह संशोधन संविधान के मूल भावना के खिलाफ नहीं है. गौरतलब है कि EWS कोटे में सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आर्थिक आधार पर आरक्षण मिला हुआ है. इस फैसले को चुनौती दी गयी थी. impact of SC decision on politics

Last Updated : Nov 7, 2022, 6:43 PM IST

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