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छत्तीसगढ़ में डेढ़ रुपये किलो बिकेगा गोबर!, मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में सिफारिश

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Published : Jul 4, 2020, 10:33 PM IST

Updated : Jul 4, 2020, 11:01 PM IST

छत्तीसगढ़ में डेढ़ रुपये किलो की दर से गोबर खरीदने की सिफारिश की की गई है. मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में में गोबर खरीदने को लेकर चर्चा की है, जिसमें वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में गोबर की दर का अंतिम निर्णय होगा.

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छत्तीसगढ़ में डेढ़ रूपये किलो गोबर खरीदने की सिफारिश

रायपुर: 'गोधन न्याय योजना' के तहत किसानों और पशुपालकों से डेढ़ रूपए किलो की दर से गोबर की खरीदी किए जाने का प्रस्ताव किया गया है. कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडलीय उप समिति ने इसकी सिफारिश की है. मंत्रिमंडलीय उप समिति की रविवार को बीज भवन में बैठक आयोजित हुई थी. बैठक में वन मंत्री मोहम्मद अकबर, सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री शिवकुमार डहरिया शामिल हुए थे. जहां पशुपालकों से डेढ़ रूपए किलो की दर से गोबर खरीदने की सिफारिश की गई.

मंत्रिमण्डलीय उपसमिति की बैठक

छत्तीसगढ़ राज्य में गोधन के संरक्षण और सवंर्धन, वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 'गोधन न्याय योजना' की शुरुआत की गई है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से योजना लाई गई है, जिसकी शुरुआत हरेली त्यौहार से होने जा रही है. इस योजना के तहत सरकार निर्धारित दर पर किसानों और पशुपालकों गोबर की खरीदी की जाएगी, जिसके जरिए बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन किया जाएगा. मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में 'गोधन न्याय योजना' के तहत गोबर की खरीदी जाएगी. इससे प्रबंधन के संबंध में कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की.

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गोबर के क्रय-विक्रय के लिए बनाए जांएगे कार्ड
बैठक में मंत्री रविन्द्र चौबे और मोहम्मद अकबर ने गोबर क्रय करने की पारदर्शी व्यवस्था तय करने की बात कही. उन्होंने कहा कि गौठान समिति और समूहों की ओर से घर-घर जाकर गोबर संग्रहण किया जाएगा. उन्होंने इसके लिए खरीदी कार्ड की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही, ताकि रोजाना संग्रहित किए जाने वाले गोबर की मात्रा और भुगतान की राशि का उल्लेख कार्ड में किया जा सके.

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गौठान समिति को मिलेगा गोबर संग्रहण का दायित्व

समिति ने किसानों और पशुपालकों में क्रय किए गए गोबर के एवज में पाक्षिक भुगतान किए जाने की भी मांग की गई है. समिति ने गोबर संग्रहण का दायित्व गौठान समिति और महिला स्व-सहायता समूह को देने की बात कही है. बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता ने 'गोधन न्याय योजना' के तहत गोबर के संग्रहण से लेकर वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जाएगा. इसके लिए गौठान समितियों और स्व-सहायता समूहों को प्रशिक्षण दिए जाने के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी. नगरीय इलाकों में भी 'गोधन न्याय योजना' के तहत गोबर की खरीदी की जाएगी. साथ ही नगरीय प्रशासन विभाग और वन क्षेत्रों में वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से खरीदी की जाएगी.

Last Updated : Jul 4, 2020, 11:01 PM IST

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