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Raipur latest news: छत्तीसगढ़ में ईडी के खिलाफ कोर्ट में याचिका, झूठा बयान दिलवाने और टॉर्चर करने का लगा आरोप

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Published : Jan 17, 2023, 8:33 PM IST

Petition in court against ED in Chhattisgarh
ईडी के खिलाफ कोर्ट में याचिका

छत्तीसगढ़ में बीते कुछ महीनों से ईडी की कार्रवाई को लेकर लगातार सरकार हमलावर है. खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ईडी की कार्रवाई को लेकर चेतावनी दे चुके हैं. राज्य में अब ईडी के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता निखिल चंद्राकर ने ED की विशेष कोर्ट में याचिका दायर कर ED पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं. इससे पहले निखिल चंद्राकर रायपुर के तेलीबांधा थाना में भी लिखित शिकायत दर्ज करायी थी, लेकिन उन शिकायतों पर कार्रवाई नहीं होते देख कोर्ट में याचिका दायर की गयी है.

रायपुर:राजधानी रायपुर केतेलीबांधा थाने में अपने दो पेज की शिकायत में निखिल चंद्राकर ने ED पर टॉर्चर करने और धमकाने की बात लिखी है. थाने में शिकायत के आधार पर निखिल चंद्राकर ने अपने वकील के माध्यम से दिनांक 16 जनवरी को ईडी की स्पेशल कोर्ट में याचिका दर्ज करायी है.

ED पर लगाए कई गंभीर आरोप: याचिका में निखिल चंद्राकार ने लिखा कि "ईडी के अधिकारियों ने 23 दिसंबर 2022 को उन्हे अवैधानिक तरीके से घर से बिना नोटिस के उठा लिया. पूरी रात उससे क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया. साथ ही उसे एक लॉकअप में 24 घण्टों से भी अधिक समय तक रखा. दिनांक 24 दिसंबर 2022 को उसकी तबीयत खराब होने बाद भी उसे न तो खाना खाने दिया और न ही उनका इलाज करवाया. 24 घंटों से अधिक समय होने के बाद भी ईडी के अधिकारियों ने न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं किया."

ईडी पर आवेदन वापस लेने दबाव बनाने का आरोप:उनके पिता लक्षमण चंद्राकार ने न्यायालय में एक आवेदन लगाया था. जिसमें उन्होंने कहा कि "उनके पुत्र को अवैध तरीके से हिरासत में रखा गया है और उसकी कोई जानकारी या खबर परिवार वालों को नहीं दी जा रही है. जिस पर ईडी के आधिकारियों ने निखिल से जबर्दस्ती अपने पिता को फोन कराकर बुलवाया गया कि अगर वो अपना आवेदन वापस नहीं लेते, तो निखिल को भी केस में आरोपी बना दिया जाएगा. जिससे निखिल के पिता घबरा गए और उन्होंने अपना आवेदन वापस ले लिया.

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झूठा बयान देने के लिए दवाब का लगाया आरोप: आवेदन में निखिल ने बताया कि "ईडी के अधिकारियों ने सौम्या चौरसिया समेत अन्य बड़े अधिकारियों, व्यापारियों और नेताओं के खिलाफ पैसों की लेनदेन और घोटाले के बारे में बयान देने को कहा. जब निखिल ने उक्त बातों का विरोध किया, तो उसे डराया गया कि अगर वह अधिकारी जैसा बोल रहे हैं, वैसा नहीं करेगा, तो उसे भी केस में आरोपी बनाया जाएगा. जब उसने झूठा बयान देने से मना कर दिया, तो ईडी के अधिकारियों ने उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया.

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