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रायपुर में भारत बंद का व्यापक असर, किसान संगठनों के साथ सड़क पर उतरी राजनीतिक पार्टियां

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Published : Dec 8, 2020, 8:09 PM IST

Updated : Dec 8, 2020, 9:12 PM IST

राजधानी रायपुर में बंद को सफल बनाने में राजनीतिक पार्टियों ने अहम भूमिका निभाई. राजधानी में पूरे दिन केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन होता रहा. कई किसान संगठन, कांग्रेस और माकपा के नेताओं ने भी इस दौरान मोर्चा संभाला.

effect of Bharat Bandh in Raipur
रायपुर में भारत बंद का व्यापक असर

रायपुर:भारत बंद का असर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी देखने को मिला. आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी दुकाने और व्यवसायिक संस्थान पूरी तरह से बंद रखे गए. कांग्रेस ने बंद के दौरान अहम भूमिका निभाई है. छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में भारत बंद का असर देखने को मिल रहा है. 8 दिसंबर को किसानों की ओर से केंद्र के लागू किए गए 3 कृषि कानूनों के विरोध में भारत बंद का ऐलान किया गया था. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने इस बंद को समर्थन दिया.

रायपुर में भारत बंद का व्यापक असर

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बता दें इन कृषि कानून का विरोध राष्ट्रीय स्तर पर किसान पिछले 13 दिनों से कर रहे हैं. किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. किसान संगठनों के लोग राजधानी के जय स्तंभ चौक पर इकट्ठा होकर कृषि कानून का विरोध किया. कृषि कानून के विरोध में कांग्रेस पार्टी भी सड़क पर नजर आई. छत्तीसगढ़ की अन्य राजनीतिक पार्टियों ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही कृषि बिल कानूनों को वापस लेने की मांग की गई.

राजनीतिक पार्टियों ने संभाली कमान

राजधानी के जयस्तंभ चौक पर कांग्रेस पार्टी के साथ ही दूसरे राजनीतिक दल के लोग और विभिन्न किसान संगठनों के नेता और कार्यकर्ताओं ने सरकार के विरोध में नारे लगाकर प्रदर्शन किया. मोदी सरकार के खिलाफ जमकर अपना गुस्सा निकाला. उन्होंने कहा कि सरकार इस कृषि बिल को जल्द से जल्द वापस ले. विधायक विकास उपाध्याय, दिलीप षडंगी, छत्तीसगढ़ किसान मोर्चा के अध्यक्ष अशोक ताम्रकार, माकपा सचिव प्रदीप गमने भी रैलियों में शामिल हुए.

Last Updated : Dec 8, 2020, 9:12 PM IST

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