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आरक्षण पर कांग्रेस ने समाज प्रमुखों की बुलाई बैठक, सतनामी समाज ने समर्थन से किया इंकार

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Published : Dec 31, 2022, 8:43 PM IST

छत्तीसगढ़ में आरक्षण का मुद्दा Reservation issue in Chhattisgarh थमने का नाम नहीं ले रहा है. विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित विधेयक को राजभवन भेजा गया है, जिस पर राज्यपाल ने हस्ताक्षर नहीं किया है. इससे न केवल आदिवासी समाज नाराज है, बल्कि ओबीसी सामाज की ओर भी कई दफे नाराजगी जाहिर की जा चुकी है, लेकिन अब यह मुद्दा राजनीतिक रंग ले लिया है. शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राजीव भवन में विभिन्न समाज प्रमुखों को आमंत्रित किया था. जिसमें आरक्षण को मसले को लेकर रायशुमारी कर समर्थन की मांग की गई. कुछ समाज प्रमुखों ने समर्थन किया है, लेकिन सतनामी समाज ने समर्थन से इंकार कर दिया है.

आरक्षण पर कांग्रेस ने समाज प्रमुखों की बुलाई बैठक
आरक्षण पर कांग्रेस ने समाज प्रमुखों की बुलाई बैठक

आरक्षण पर सतनामी समाज ने समर्थन से किया इनकार

रायपुर:छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने आरक्षण संसोधन विधेयक Reservation Amendment Bill पारित किया है, लेकिन राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं होने से यह लागू नहीं हो पाया है, ऐसे में कांग्रेस ने 3 जनवरी को बड़ा आंदोलन करने जा रही हैं. इस आंदोलन का नाम जन अधिकार रैली Will take out jan adhikar rally in Chhattisgarh रखा गया है. जिसमें रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में सभा के बाद रैली निकाली जाएगी. इसमें एक लाख भीड़ जुटाने की तैयारी कांग्रेस की ओर से की जा रही हैं. इसी जन अधिकारी रैली के समर्थन के लिए कांग्रेस ने समाज प्रमुखों को आमंत्रित किया था. हांलाकि कांग्रेस ने 70 समाज प्रमुखों को आमंत्रित किया था, लेकिन गिने चुने समाज के लोग ही पहुंच पाए.

सतनामी समाज ने समर्थन से किया इंकार :कांग्रेस ने गुरुवार को 70 समाज प्रमुखों को आमंत्रित किया था, लेकिन कई समाज प्रमुख नदारद रहे. कुछ ही समाज के प्रमुख जैसे सतनामी समाज, आदिवासी गोंड समाज, सर्व आदिवासी समाज, प्रगतिशील सतनामी समाज, कुर्मी समाज, चंद्रा समाज, सारथी समाज, मेहर समाज, धीवर समाज और सेन समाज के पदाधिकारी पहुंचे थे. इनमें से सतनामी समाज ने कांग्रेस के जन अधिकार यात्रा का समर्थन करने से इंकार कर दिया है.

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सतनामी समाज के क्यों बनाई दूरी:कांग्रेस भवन में आयोजित बैठक में सतनामी समाज के प्रमुख शामिल हुए. बैठक से बाहर निकलने के बाद समाज के अध्यक्ष आरपी भतपहरी ने कहा कि "पीसीसी अध्यक्ष ने 3 जनवरी के लिए महारैली के लिए कहा था. उस पर हमने स्पष्ट कह दिया है कि हमने उसका समर्थन करने से इंकार कर दिया है. प्रदेश में पहले 58 प्रतिशत आरक्षण था. जिसे कोर्ट ने 50 प्रतिशत कर दिया है, जिसमें कोर्ट ने एससी का 16 प्रतिशत आरक्षण बरकरार रखा गया है, लेकिन नए आरक्षण संसोधन विधेयक में एससी को 16 से घटाकर 13 प्रतिशत कर दिया गया. चूंकि राज्य में कांग्रेस की सरकार है, ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष ये हमने यही आग्रह किया कि जो विधेयक पारित किया गया है. उसमें एससी का आरक्षण 13 से बढ़ाकर 16 प्रतिशत किया जाए और आरक्षण की सीमा को 76 से बढ़ाकर 79 प्रतिशत किया जाए. क्योंकि 50 की सेलिंग को क्रास कर दिया है तो उसे 76 की जगह 79 करने में क्या दिक्कत होगी.



कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने क्या कहा:छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकान ने बैठक को लेकर कहा कि "इस समय सभी समाज को नुकसान हो रहा है. विधानसभा में सर्व सम्मति से पारित विधेयक राजभवन भेजा गया है, जिस पर राज्यपाल ने हस्ताक्षर नहीं किया है." उन्होंने कहा कि, "यह बिल सभी लोगों के हित के लिए लाया गया है. कई राज्यों में 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण दिया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में 90% से अधिक जनता एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग से हैं. यहां भी आरक्षण उसी प्रकार से मिले यह हमारी कोशिश है. इसके लिए 3 जनवरी को एक बड़ा आंदोलन में शामिल होने की अपील कांग्रेस अध्यक्ष ने समाज प्रमुखों से की है.

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