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सीएम का शाह को पत्र: नक्सल मोर्चे पर केंद्र सरकार को नया प्रस्ताव, बस्तर में ब्लैक पैंथर की तैनाती और ड्रोन कैमरों का रिसॉल्यूशन बढ़ाने की मांग

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Published : Dec 11, 2020, 11:13 PM IST

सीएम भूपेश बघेल ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराने और विकास कार्यों के लंबित प्रस्तावों को जल्द स्वीकृति देने का अनुरोध किया है. सीएम भूपेश बघेल ने बस्तर से वामपंथी उग्रवाद के उन्मूलन के लिए कई नए प्रस्ताव दिए हैं और केन्द्र सरकार से स्वीकृति देने की मांग की है. सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि केंद्र सरकार के सहयोग से बस्तर के लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा और शांति बहाली होगी.

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सीएम भूपेश बघेल ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा

रायपुर: सीएम भूपेश बघेल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. इस पत्र में अमित शाह के साथ पिछले महीने 16 तारीख को हुई बैठक का जिक्र किया गया है. सीएम ने कहा है कि बैठक में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कार्ययोजना की जानकारी दी गई थी.

सीएम ने पत्र में उन प्रस्तावों का जिक्र किया है, जो बस्तर के विकास के लिए जरूरी हैं और जिनकी स्वीकृति लंबित है.

विशेष केंद्रीय सहायता योजना के तहत 1028 मोबाइल टॉवरों की ब्लैक पैंथर की तैनाती के लिए एक भारत रक्षित वाहिनी के गठन की स्वीकृति.

नक्सल विरोधी अभियान के लिए भारत सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए एनटीआरओ यूएवी में इस्तेमाल कैमरे का प्रस्ताव बढ़ाएं.

केके लाइन अंतर्गत रेल्वे संपत्ति और दोहरीकरण कार्य की सुरक्षा के लिए कुमारसाडरा (जिला बस्तर) और कामालूर, जिला दंतेवाड़ा में रेल्वे प्रोटेक्शन सिक्यूरिटी फोर्स की तैनाती प्रस्तावित है.

  • बस्तर में साल 2020 में एलडब्ल्यूई योजना के तहत स्वीकृत 1991 किलोमीटर मार्ग में से बचे मार्गों के निर्माण के लिए प्रशासकीय स्वीकृति
  • बस्तर और एलडब्ल्यूई प्रभावित क्षेत्र में आईटी और दूरसंचार के लिए टॉवरों की संख्या बढ़ाएं.
  • 3जी/4जी नेटवर्क की सुविधा लोगों तक पहुंचाने के लिए ओएफसी कनेक्टिविटी की जरूरत
  • बोधघाट परियोजना के क्रियान्वयन के लिए डीपीआर तैयार करने की कार्रवाई की जा रही है
  • डीपीआर कंप्लीट होने के बाद योजना के क्रियान्वयन के लिए जरूरी राशि का आकलन किया जा सकेगा
  • अन्य सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति भी अपेक्षित है
  • बस्तर क्षेत्र के 214 बसाहटों के लंबित विद्युतीकरण के लिए 63.47 करोड़ रूपए स्वीकृत किया जाना है.
  • पंप विद्युतीकरण के 5275 प्रकरण के लिए करीब 53 करोड़ रुपए स्वीकृत किया जाना प्रस्तावित है.
  • पीएमजीएसवाई के तहत पहले स्टेज -ए में स्वीकृति मिले नक्सल प्रभावित 5 जिलों की 122 सड़कें पूरी होने के बाद इन सड़कों की स्टेज -ए के प्रस्ताव की स्वीकृति और 18 नए पुलों की स्वीकृति लंबित है.
  • नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विशेष अभियान के तहत 31 अक्टूबर 2020 तक 141 नई शाखाएं/एटीएम खोले गए हैं.
  • बैंकों ने 9 स्थानों पर अबतक बैंक शाखाएं नहीं खोली हैं. बैंकों को जरूरी निर्देश देने के लिए भारत सरकार की पहल की जरूरत है.
  • एनएमडीसी(NMDC) को लौह अयस्क की कीमत कम करने आयरन ओर आबंटित करने के लिए खनिज संसाधन विभाग, एनएमडीसी और एसआईपीबी द्वारा संयुक्त रूप से नई नीति पर विचार किया जाना अपेक्षित है.
  • बस्तर अंचलों में स्टील संयंत्रों की स्थापना वन भूमि पर ही किया जाना संभव है. वन भूमि की समय सीमा में डायवर्सन किए जाने के लिए भी केन्द्र सरकार से निर्देश अपेक्षित है.
  • साल 2020-21 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत शासन की ओर से स्वीकृत 38 लघु वनोपज की खरीदी के लिए बची राशि 100 करोड़ रुपए अधोसंरचना विकास (मार्ट एवं जिला यूनियन हेतु गोदाम) और न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत पहले के सालों में हानि प्रतिपूर्ति किया जाना प्रस्तावित है
  • केन्द्रीय रेशम बोर्ड, बैंगलोर को बस्तर संभाग से रेशम उद्योग के विकास के लिए एकीकृत योजना के तहत कुल राशि 1032.54 लाख रूपए का कुल प्रस्ताव है, जिसकी स्वीकृति भी अपेक्षित है.
  • मां दंतेश्वरी प्रोसेसिंग प्लांट के लिए केन्द्रांश एलोकेशन राशि 72.45 करोड़ रूपए को पुनरीक्षित करते हुए केन्द्रांश एलोकेशन राशि 123.48 करोड़ रूपए किए जाने की स्वीकृति लंबित है.

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