बस्तर और दुर्ग संभाग की 20 सीटों पर खड़े कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के सभी दिग्गज प्रत्याशियों ने अपना-अपना मतदान शुरु होने के चंद घंटों के भीतर ही कर दिया. कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशियों ने वोट डालने के बाद जनता से भी अपील करते हुए कहा कि वो अपने मताधिकार का इस्तेमाल जरूर करें. Veteran leaders voted in CG elections
छत्तीसगढ़ चुनाव में दिग्गजों ने किया मतदान
दिग्गजों ने किया मतदान
रायपुर/बस्तर/राजनांदगांव/ कवर्धा: पहले चरण की 20 सीटों पर सभी सियासी दिग्गजों ने अपना मतदान कर दिया. अब मत पेटियों में इन सियासी महारथियों का वोट बंद हो गया है. चुनाव आयोग ने जिस तरह से 20 सीटों पर मतदान की बेहतर व्यवस्था की थी उसकी तारीफ प्रत्याशियों और वोटरों ने भी की.
दिग्गजों ने किया मतदान: पहले चरण के चुनावी रण में सियासी दिग्गजों ने सबसे पहले मतदान कर लोकतंत्र के महापर्व में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. चुनावी समर में जिन दिग्गजों ने सबसे पहले मतदान किया उसमें दंतेवाड़ा से लेकर राजनांदगांव तक के दिग्गज शामिल रहे. कवर्धा में जहां सबसे पहले मतदान पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मतदान किया. कोंटा से कांग्रेस के दिग्गज नेता और वर्तमान में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा ने अपना वोट डाला. नक्सल प्रभावित नारायणपुर में पूर्व पीएचई मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता केदार कश्यप ने अपना वोट कास्ट किया.
रमन सिंह ने कवर्धा में किया मतदान
बस्तर में कई दिग्गजों ने की वोटिंग: कोंडागांव के केशकाल से कांग्रेस के तीन बार के विधायक रहे संतराम नेताम ने और बीजेपी प्रत्याशी नीलकंठ टेकाम ने वोट डाला, नीलकंठ टेकाम पहले आईएएस थे वीआरएस लेकर चुनावी मैदान में उतरे हैं. दंतेवाड़ा से कांग्रेस विधायक देवती कर्मा ने मतदान किया जबकी चित्रकोट से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने अपना मत डाला. कोंडागांव में कांग्रेस से मंत्री मोहन मरकाम और पूर्व मंत्री लता उसेंडी ने वोट डाला और लोगों से लोकतंत्र के महापर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की. खैरागढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी यशोदा वर्मा ने वोट किया तो वहीं कांकेर के अंतागढ़ सीट के लिए बीजेपी की ओर से पूर्व वन मंत्री विक्रम उसेंडी ने अपना वोट डाला.
दांव पर साख, कौन बनेगा सरताज: लोकतंत्र के इस महापर्व में सियासी दिग्गजों ने वोट तो डाला ही धुर नक्सल प्रभावित कांकेर में तो 93 साल के शेरसिंह ने अपने जीवन का पहला वोट डाल ये जता दिया कि विकास की इस लड़ाई में वो भी पीछे नहीं हैं. थर्ड जेंडर के लोगों ने भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल सरकार चुनने के लिए किया. चुनाव आयोग ने कई मतदान केंद्रों पर बिटिया हेल्प डेस्क भी बनाए गए थे जो महिला मतदाताओं और वोटरों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा.