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Danger To Existence Of Pikdi Talab : नारायणपुर में कानाहुर्राल देव से जुड़े पिकड़ी तालाब के अस्तित्व पर संकट , समाज ने जताई नाराजगी

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 29, 2023, 7:54 PM IST

Danger To Existence Of Pikdi Talab नारायणपुर में कानाहुर्राल देव से जुड़ा एक प्राचीन तालाब है.जिसे स्थानीय लोग पिकड़ी तालाब के नाम से जानते हैं.लेकिन इस तालाब में पिछले कुछ दिनों से शहर का गंदा पानी डाला जा रहा है. साथ ही साथ तालाब में अतिक्रमण भी हो रहा है.जिससे समाज से जुड़े लोग गुस्से में हैं.ग्रामीणों ने तालाब की दुर्दशा की शिकायत कलेक्टर से की है.

Danger To Existence Of Pikdi Talab
खतरे में कानाहुर्राल देव से जुड़े पिकड़ी तालाब का अस्तित्व

खतरे में कानाहुर्राल देव से जुड़े पिकड़ी तालाब का अस्तित्व

नारायणपुर : छत्तीसगढ़ सरकार अमृत सरोवर अभियान चलाकर प्राचीन तालाबों का जीर्णोद्धार कर रही है. तो दूसरी तरफ कई जगहों पर तालाबों में गंदा पानी और अतिक्रमण करके उसके अस्तित्व को ही खत्म किया जा रहा है. ऐसा ही मामला नारायणपुर में देखने को मिला है.जहां देव तालाब नाम से मशहूर पिकड़ी तालाब अतिक्रमण और गंदगी की भेंट चढ़ता जा रहा है. तालाब में गंदा पानी तो जा ही रहा है.साथ ही साथ किनारे की जगह को पाटकर वहां रसूखदार अतिक्रमण भी कर रहे हैं.

जिला प्रशासन से की शिकायत :तालाब में गंदगी फेंकने की शिकायत अब ग्रामीणों ने कलेक्टर से की है. जिस पर कलेक्टर अजीत वसंत ने देव तालाब स्थल का सीमांकन कराने के साथ नाली निर्माण कार्य की दिशा परिवर्तन कराने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया है. वहीं ग्रामीणों के मुताबिक पिकड़ी तालाब से धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई है. तालाब में देव आगापेन कानाहुर्राल से संबंधित दैविक कार्य आदिकाल से किया जा रहा है. लेकिन अब उसी तालाब में गंदा पानी और कचरा डाला जा रहा है.

''तालाब में लगातार गंदगी बहाए जाने से हमारी धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं. साथ ही उस स्थान के सामने दुकान लगाकर अतिक्रमण किया जा रहा है.उक्त मामले पर कार्यवाही नहीं होने की स्थिति में कानाहुर्राल देव से जुड़े छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के लोग अब आंदोलन करेंगे.जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.'' गोपाल राम दुग्गा,ग्रामीण

खतरे में पिकड़ी तालाब का अस्तित्व :कानाहुर्राल देव समिति के सचिव सुखदेव सलाम ने बताया कि शहर का गंदा पानी नाली के माध्यम से तालाब में छोड़ा जा रहा है. तालाब की जगह को अतिक्रमण से देव तालाब का नामो निशान मिटते जा रहा है.इसके रोकथाम किए महाराष्ट्र राज्य और छत्तीसगढ़ के कांकेर,जगदलपुर समेत कई जिलों से लोग इकट्ठा हो रहे हैं.


तालाब की सफाई में जुटे ग्रामीण :ग्राम गरांजी और कानाहुर्राल देव से जुड़े सैकड़ों ग्रामीणों ने पिकड़ी तालाब को बचाने की मुहिम शुरु की है.इसके लिए हर घर से एक व्यक्ति श्रमदान करके तालाब को साफ कर रहा है.साथ ही साथ नगरपालिका के रवैये से स्थानीय लोग परेशान हैं.आपको बता दें कि आदिकाल से कानाहुर्राल देव से जुड़ी मान्यता इस तालाब को जीवित रखे हुए है.ऐसा माना जाता है कि देवता के भाईयों की मृत्यु के बाद उन्हें पिकड़ी तालाब में दफनाया जाता है.

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