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अवैध ईंट भट्ठे में मजदूर की मौत, मजदूर परिवारों को 20-20 लाख मुआवजा

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Published : Apr 9, 2023, 2:14 PM IST

महासमुंद में अवैध ईंट-भट्ठे में दम घुटने से 5 मजदूरों की मौत हो गई थी. मामले में मृत मजदूरों के परिवारों को 20-20 लाख मुआवजा दिया जाएगा.

brick kiln
अवैध ईंट भट्ठे

महासमुंद:राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने छत्तीसगढ़ के महासमुंद के जिला मजिस्ट्रेट को अवैध ईंट भट्ठे में दम घुटने से मरने वाले पांच मजदूरों के परिवारों को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. ट्रिब्यूनल ने छत्तीसगढ़ के बसना तहसील में 14-15 मार्च के दरम्यानी रात को हुई घटना की एक मीडिया रिपोर्ट के आधार पर मामले में संज्ञान लिया था. महासमुंद में ईंट भट्ठे के धुंए में दम घुटने से पांच लोगों की मौत हो गई थी, जबकि एक अन्य मजदूर की हालत गंभीर थी.

5 अप्रैल दाखिल किया जवाब:राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला मजिस्ट्रेट को ट्रिब्यूनल ने पिछले माह मामले में नोटिस जारी किया था. 5 अप्रैल को मामले में जवाब दाखिल किया गया.

मृतकों को 20 लाख मुआवजा:पीठ के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए.के. न्यायिक सदस्य जस्टिस सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल सहित गोयल ने कहा कि इस ट्रिब्यूनल ने खतरनाक व्यावसायिक गतिविधियों से जुड़ी मौत और चोटों के कई मामलों को निपटाया है. पीड़ितों को क्षतिपूर्ति के सिद्धांत पर मुआवजे के लिए व्यावसायिक संस्थाओं को सवालों के घेरे में रखा है. मृतकों के लिए 20 लाख और चोटों की सीमा के आधार पर अलग-अलग पैमाने से मुआवजा दिया जाए.

नागरिकों को है ये अधिकार: मामले में पीठ ने कहा कि यदि ऐसी व्यावसायिक गतिविधि भुगतान करने में विफल रहती है तो राज्य सरकार को ऐसी संस्थाओं से वसूली की स्वतंत्रता के साथ सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफलता के लिए भुगतान करना पड़ता है. नागरिक ऐसी घटनाओं की संभावना वाली व्यावसायिक गतिविधियों के खतरों से सुरक्षा के हकदार हैं.

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राज्य सरकार को बरतनी होगी सावधानी: पीठ ने 6 अप्रैल को पारित अपने आदेश में कहा कि तथ्य यह है कि मौतें और चोटें ईंट भट्ठा गतिविधियों के कारण हुई हैं. जिसके लिए पीड़ितों को मुआवजा दिया जाना चाहिए. राज्य सरकार को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सावधानी बरतनी होगी. इसके अलावा मुआवजे का भुगतान के अलावा संबंधितों से इसकी वसूली की स्वतंत्रता होगी. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण इस मामले में कानूनी सहायता प्रदान कर सकता है.

दो माह में मुआवजे का भुगतान:अदालत ने निर्देश दिया है कि दो माह में पीड़ितों को मुआवजे का भुगतान करने का निर्देश देते हैं. साथ ही परियोजना प्रस्तावक से इसकी वसूली की स्वतंत्रता भी है. छत्तीसगढ़ भी ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित सावधानी बरत सकता है.

आईएएनएस

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