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चिरमिरी की कोल माइंस में चोरों का आतंक

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Published : Sep 6, 2022, 7:53 PM IST

कोरिया जिले की चिरमिरी कोयला खदानों में इन दिनों चोरों का आतंक है. चोर रात के अंधेरे में नहीं बल्कि दिनदहाड़े ही खदानों का सामान चोरी करके ले जा रहे हैं. जब इस मामले में कोल माइन्स के अधिकारियों से बात की गई तो उनका कहना था कि खदानें बंद कर दी जाएंगी.

Chirmiri coal mines in koriya
चिरमिरी की कोल माइंस में चोरों का आतंक

कोरिया : काले हीरे की नगरी कहे जाने वाले चिरमिरी क्षेत्र में इन दिनों चोरियां रुक नहीं रही.एसईसीएल इन चोरियों में अंकुश लगाने में फेल है. जब भी चोरी को लेकर उच्च अधिकारियों से बात की जाती है तो वे गोल मोल जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं. सूत्रों की माने तो एसईसीएल में हर माह लाखों रुपए की चोरी होती है. जिसे लेकर ना तो प्रबंधन गंभीर है और ना ही पुलिस प्रशासन.अब तो आलम ये है कि चोर किसी भी जगह वारदात को अंजाम देने के लिए सूरज के ढ़लने का भी इंतजार नहीं करते. दिन दहाड़े ही समान पार हो जाता (Chirmiri coal mines in koriya ) है.

चिरमिरी की कोल माइंस में चोरों का आतंक

चिरमिरी में कितनी खदानें :किसी जमाने में चिरमिरी में कई कोयला खदानें थीं. लेकिन अब केवल तीन ही खदानें संचालित हैं. वहीं तीन खदानों में चोरों का आतंक है. जब इस बारे में एसईसीएल प्रबंधन से बात करने पर वो खदानों से बंद करने की बात कहता है. कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि अपनी जिम्मेदारियों से साफ बचते नजर आ रहे हैं एसईसीएल के प्रबंधक जो की खदानों को सुरक्षित करा पाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहे हैं. जिसका जीता जागता उदाहरण आप वीडियो में भी देख सकते हैं किस प्रकार से चोरियां दिन के सुबह 7:00 से 8:00 बजे के बीच धड़ल्ले से बिना किसी डर भय के बस्ती के बीच से कोयले की खदानों में उपयोग होने वाले उपकरणों को पिकअप वाहन में लाद कर ले जाए जा रहा है. वहीं इसकी सूचना चिरमिरी एसईसीएल महाप्रबंधक को होने के बावजूद भी इन चोरियों पर रोक लगा पाने में पूरी तरह से नाकाम हुए (Terror of thieves on Chirmiri coal mines) हैं.



कौन है जिम्मेदार :गौरतलब है कि एसईसीएल चिरमिरी क्षेत्र के कई हिस्सों में कोयला की खदानें बटी हुई हैं. जहां से चोर बिना किसी डर भय के धड़ल्ले के साथ चोरियां करते हैं. वहीं जब इस संदर्भ में एसईसीएल के आला अधिकारियों से बात की जाती है. तो कुछ भी मीडिया के सामने बात करने से बचते नजर आते हैं. कहते हैं कि हमको बाइट देने का अधिकार नहीं है इसका जवाब एसईसीएल जनसंपर्क अधिकारी देगा. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि खदानों में हो रही चोरियों का जिम्मेदार जितने चोर हैं. उतना ही चिरमिरी एसईसीएल प्रबंधक भी है. जो कि अपने कार्य क्षेत्र की सुरक्षा कर पाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ है. अब देखने वाली बात होगी मिनी रत्न कहे जाने वाली कोल इंडिया का साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड का यह उपक्रम को सुरक्षित कर पाने में क्या एसईसीएल चिरमिरी प्रबंधन कभी कामयाब हो (koriya news update) पाएगा.

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