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किसानों ने बस्तर की तर्ज पर कोरबा में भी जमीन वापसी की मांग की

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Published : Jul 1, 2021, 3:52 PM IST

कोरबा में किसान सभा के बैनर तले भू-विस्थापित किसान पंचायत का आयोजन किया गया. इसमें 15 गांवों के किसानों ने हिस्सा लिया. पंचायत में किसानों ने बस्तर की तर्ज पर कोरबा में भी जमीन वापसी की मांग की.

Chhattisgarh Kisan Sabha
किसानों ने जमीन वापसी की मांग की

कोरबा : छत्तीसगढ़ किसान सभा (Chhattisgarh Kisan Sabha) के बैनर तले बांकीमोंगरा में SECL कोरबा क्षेत्र (SECL Korba Area) के भू-विस्थापित किसानों के लिए पंचायत का आयोजन किया गया. इसमें 15 गांवों के किसानों ने हिस्सा लिया. सभी ने अपनी समस्याओं पर खुलकर बातचीत की. इसमें कई प्रस्तावों पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया.

किसानों ने जमीन वापसी की मांग की

बस्तर की तर्ज पर कोरबा में भी जमीन वापसी की मांग

किसान नेताओं ने कहा कि एसईसीएल (SECL) ने दशकों पहले किसानों की जमीन का अधिग्रहण (acquisition of land) किया था. उस जमीन का आज तक उपयोग नहीं किया जा सका है. इस कारण किसानों को बस्तर की तर्ज पर कोरबा में भी जमीन वापस की जाए.

जमीन वापसी के लिए किसान संगठित

पंचायत में विस्थापन प्रभावित गांवों में बुनियादी सुविधाओं (infrastructure) के विस्तार की मांग की गई. साथ ही मूल खातेदारों को काबिज जमीन की वापसी के लिए संघर्ष करने का प्रस्ताव पारित किया गया. किसानों ने पंचायत में खनिज न्यास निधि के दुरुपयोग की निंदा की. उन्होंने कहा कि खनन प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों के जीवनस्तर को ऊंचा उठाने के लिए इस निधि का उपयोग किया जाना चाहिए. बांकीमोंगरा क्षेत्र के एसईसीएल हॉस्पिटल (SECL Hospital) को सर्वसुविधायुक्त बनाया जाए.

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15 गांवों के विस्थापन प्रभावित किसान हुए शामिल

छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर और सचिव प्रशांत झा ने बताया कि, इस पंचायत में सुराकछार बस्ती, रोहिना, बांकी बस्ती, मडवाढ़ोढा, भैरोताल, कपाटमुड़ा, डबरीपारा, घोड़देवा, गजरा, बांधापारा, मोंगरा, पोंसरा और तेलसरा सहित 15 गांवों के प्रभावित किसान शामिल हुए. इस किसान पंचायत की अध्यक्षता जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जनकदास, सत्रुहन दास और जिर्बोधन कंवर ने की.

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50 साल बाद भी बुनियादी सुविधाएं नहीं

किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने बताया कि पंचायत में किसानों ने अपनी समस्याओं और उनके निवारण पर बात की. उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण के 50-60 सालों बाद भी एसईसीएल खनन प्रभावित गांवों में आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. किसान सभा के नेताओं ने बताया कि इस पंचायत में किसानों को नुकसान का मुआवजा देने, जमीन को खेती योग्य बनाने, जिला खनिज न्यास निधि (District Mineral Trust Fund) से खनन प्रभावित गांवों में मूलभूत सुविधाओं का विस्तार करने, भू-विस्थापित परिवारों को प्रमाण पत्र देने, बेरोजगारों को वैकल्पिक रोजगार देने और लंबित नौकरी के प्रकरण का जल्द निराकरण करने जैसे मुद्दों पर पर चर्चा की गई.

निःशुल्क इलाज की मांग की

जिला सचिव प्रशांत झा (District Secretary Prashant Jha) ने कोरोना काल में स्वास्थ्य पर आए संकट और समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध न होने और निजी क्षेत्र में होने वाली लूट के बारे में बात की. उन्होंने राज्य सरकार पर निजी स्वास्थ्य क्षेत्र को सरकारी खजाने से बढ़ावा देने के फैसले का तीखा विरोध किया. आम जनता के लिए निःशुल्क इलाज की मांग की.

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