कोरबा : दुर्ग स्थित चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज में दामाद को उपकृत करने के आरोप सीएम पर लगे हैं. विधानसभा में भी इसे लेकर घमासान मचा हुआ है. व्यवस्थाएं ऊपर से चलकर ही नीचे तक पहुंचती हैं. जिला स्तर पर भी स्वास्थ्य विभाग की स्थिति इससे जुदा नहीं है. कोरबा जिले के स्वास्थ्य विभाग में वर्तमान सीएमएचओ बीबी बोर्डे की पत्नी और बेटी दोनों को ही डीएमएफ से संविदा नियुक्ति दी गई है. जिन्हें लाखों में वेतन मिल रहा है.
बात सिर्फ यहीं खत्म नहीं होती पूर्व सीएमएचओ डॉ सिसोदिया की बहू और पत्नी भी मुख्यालय में नियुक्त हैं. पूर्व और वर्तमान दोनों सीएमएचओ के पारिवारिक संस्थान के तौर पर निजी नर्सिंग होम भी जिले में संचालित हैं.
जिले में विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी बनी हुई थी. कोरबा जिला में खदानों की बहुलता है. कोयले से केंद्र सरकार को जाने वाले राजस्व का एक अंश जिले में ही मौजूद रहता है. इसे ही डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड(DMF) कहा जाता है. औसतन 300 करोड़ रुपए का फंड हर साल जिला प्रशासन कोरबा के पास रहता है. जिसे जिले के ही जरूरत के हिसाब से खर्च करना होता है. इस फंड से जिले में 12 विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति संविदा आधार पर की गई थी. जिनका वेतन लाखों में हैं. इनमें से दो डॉक्टर अन्नपूर्णा बोर्डे वर्तमान सीएमएचओ की पत्नी हैं, डॉक्टर यामिनी बोर्डे उनकी सुपुत्री हैं. दोनों को ही डीएमएस से संविदा आधार पर नियुक्ति दी गई है. दोनों ही प्रसूति रोग विशेषज्ञ हैं.
डॉक्टर अन्नपूर्णा बोर्डे जिला अस्पताल में तो डॉक्टर यामिनी की नियुक्ति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोरबा में की गई है. दिलचस्प बात यह भी है कि जहां सीएमएचओ की बेटी की नियुक्ति है, वहां मरीजों के लिए ऑपरेशन की कोई व्यवस्था ही नहीं है. यहां ऑपरेशन थिएटर भी नहीं बना है. ओपीडी में ही मरीजों को देखना होता है.
वर्तमान के साथ ही पूर्व सीएमएचओ के परिवार का भी मुख्यालय के जिला अस्पताल में वर्चस्व था. डॉक्टर पूनम सिसोदिया वर्तमान में सरगुजा के सीएमएचओ हैं. इसके पहले वह कोरबा में पदस्थ थे. इनकी पत्नी डॉ स्वाति सिसोदिया जिला अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं और इस विभाग की प्रमुख भी हैं. जिला अस्पताल में ही नेत्र रोग विशेषज्ञ के तौर पर उनकी बहू डॉ अरुणिमा सिसोदिया पदस्थ हैं.